बचपन की यादों में होली
फाल्गुन के दिन चार , होली खेल रहे हैं। रंग बिरंगी होली आई, खेलें रंग गुलाल, होली खेल रहे हैं। राधा के संग कृष्णा खेले, गोपिन के संग ग्वाल। होली खेल रहे हैं। प्रेम के संग प्रेमी खेलें, खेलें अबीर-गुलाल, होली खेल रहे हैं।। होली कैसे मस्ती छाई, बाज रही करताल, होली खेल रहे हैं। हरि फूलों से मथुरा छाई रही। आज मथुरा में होली छाई रही। कोसन खेलें गरबा हिंडोला, कोसन चवर डुलाइ रही। आज मथुरा में होली छाई रही। खोलो किवाड़ चलो मठ भीतर। धर्म की ज्योति जलाके, होली खेल रहे हैं। मन में शुद्ध बिचार, प्रेम की होली खेल रहे हैं। फाल्गुन के दिन चार, होली खेल रहे हैं। होली आए बारंम्बार, होली प्रेमभाव का त्योहार। होली की बधाई करें स्वीकार। होली खेल रहे हैं।