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संगम नगरी की पहचान बना भईया जी का दाल-भात 

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प्रयागराज के संगम तट पर 23 नवम्बर 2018 से अनवरत प्रतिदिन चलने वाला अन्न क्षेत्र अब यहां की मुख्य पहचान बन गया है। मां काली शक्ति साधना केंद्र की अद्वितीय पहल भूखमुक्त भारत संकल्प के साथ भईया जी का दाल-भात परिवार के बैनर तले इसके संचालक गुड्डू मिश्र व उनके साथियों के सानिध्य में 23 नवम्बर 2018 अक्षय तृतीया से प्रयागराज के संगम तट पर बंधवा वाले बड़े हनुमान मंदिर के बाएं तरफ चलने वाला यह अन्न क्षेत्र अब प्रयागराज की मुख्य पहचान बन चुका है। यहां पर आने वाले प्रत्येक भूखे को सेवा भाव से भरपेट भोजन उपलब्ध कराया जाता है। भईया जी का दाल-भात अन्न क्षेत्र में आज PWS परिवार के संस्थापक/प्रबन्धक आर के पाण्डेय एडवोकेट (हाई कोर्ट इलाहाबाद), PWS व्यापार सभा के उ.प्र. अध्यक्ष अभिषेक गुप्ता, उपाध्यक्ष अनुराग जयसवाल, महामंत्री अवधेश चौहान, प्रयागराज जिलाध्यक्ष देवांशु मिश्र, जिला महामंत्री पवन गुप्ता, PWS परिवार के बाल श्रम उन्मूलन प्रभारी प्रमोद कुमार शुक्ल आदि ने श्रमदान किया। इस अवसर पर मां काली शक्ति साधना केंद्र की अलौकिक अवधारणा भूखमुक्त भारत संकल्प के साथ भईया जी का डाल-भात परिवार के बैनर तले भूखी

लौट कर फिर गांवों की ओर चलें

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विजय सिंह बिष्ट छोड़ा था जिन गांवों को, चलो फिर से लौट चलें। शहरों की बेबस आपा-धापी में, अब जीवन सूना सूना लगता है, खाना पानी रहना पास नहीं, यहां रहकर भी क्या करना है। जिन सीमाओं को लांघ बसे यहां, अब उन्हीं सीमाओं की ओर चलें लौट कर फिर गांवों की ओर चलें। आरोप लगाते थे जिन गांवों को, शिक्षा रोजगार का अभाव था जहां, असभ्यता की संज्ञा दे भागे यहां वहां। आज उन्ही गांवों की यादों में रोते हैं, राहें ढूंढें मन से जिन्हें संजोए होते है चलो उन्ही राहों पर लौट चलें। अज्ञात शत्रु के भय से भाग रहे हैं, बीबी बच्चों को घसीटे जा रहे हैं। मन में एक ही आश लगाए चलो चलें, गांवों की चौपालों पर चलें, आओ गांवों की ओर लौट चलें। लौट चलें उन खेतों में, जिन्होंने हमें पाला था, लौट चलें उन हसीन वादियों में, जिन्होंने मधुर संगीत सुनाया था। उस स्वर्गभूमि की ओर लौट चलें, फिर से गांव की ओर लौट चलें।

कम्युनिटी रेडियो पर विज्ञापनों के लिए एयर टाइम बढ़ाकर 12 मिनट प्रति घंटा करने की सोच रही सरकार

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नयी दिल्ली - सार्वजनिक रेडियो (ऑल इंडिया रेडियो) और निजी रेडियो प्रसारण (एफएम) के साथ सामुदायिक रेडियो, रेडियो प्रसारण की तीसरी श्रेणी है। यह एक लो पॉवर एफएम रेडियो स्‍टेशन है, जो स्‍थानीय मुद्दों पर केंद्रित, स्‍वयं समुदाय के स्‍वामित्‍व और प्रबंधन वाला है, 10-15 किलोमीटर के दायरे में समुदाय के लाभ के लिए परिचालित होता है।    भारत में सामुदायिक रेडियो, वर्ष 2002 में सामुदायिक रेडियो के लिए पहली नीति के अधिसूचित होने के बाद प्रारंभ हुए। इस नीति के तहत केवल शैक्षिक संस्थानों को सामुदायिक रेडियो स्थापित करने की अनुमति दी गई। इस नीति को 2006 में व्‍यापक बनाया गया और एनजीओ, केवीके और अन्य गैर-लाभकारी संगठनों जैसे बुनियादी गतिविधियों से जुड़े संगठनों को भी भारत में सामुदायिक रेडियो स्थापित करने की अनुमति दी गई। आज, भारत में 290 सामुदायिक रेडियो स्टेशनों का परिचालन हो रहा है। ये सामुदायिक रेडियो स्टेशन देश में लगभग 90 मिलियन लोगों को कवर करते हैं, जहां अन्य मीडिया की उपस्थिति बहुत सीमित है। इन सीआरएस द्वारा किए गए प्रसारण स्थानीय भाषा और बोली में होते हैं, ताकि इनका समुदाय पर ज्‍यादा प्रभाव

उमंग भारत सरकार का ऑल-इन-वन मोबाइल एप आया

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नयी दिल्ली - उमंग भारत सरकार का ऑल-इन-वन एकल, एकीकृत, सुरक्षित, मल्‍टी-चैनल, मल्‍टी-प्‍लेटफॉर्म, बहु-भाषी, बहु-सेवा मोबाइल एप है, जिसे विभिन्‍न संगठनों (केंद्र और राज्‍य) की अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने वाले एक प्रबल बैक-एंड प्‍लेटफॉर्म द्वारा सक्षम बनाया गया है। इसका लक्ष्‍य सरकार को नागरिकों के मोबाइल फोन पर सुगम्‍य बनाना था। 127 विभागों और 25 राज्‍यों की उपयोगिता भुगतानों सहित लगभग 660 सेवाएं इस पर उपलब्‍ध हैं और कई अन्‍य को इस पर लाने की योजना है। यूनीफाइड मोबाइल एप्‍लीकेशन फॉर न्‍यू-एज गवर्नेंस (उमंग) का पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय में सचिव डॉ एम.राजीवन ने आईएमडी के महानिदेशक डॉ. एम.मोहापात्र और एनईजीडी के अध्‍यक्ष एवं मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक सिंह की मौजूदगी में उद्घाटन किया।             भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने नवीनतम उपकरणों और प्रौद्योगिकियों के आधार पर मौसम पूर्वानुमान और चेतावनी सेवाओं के प्रसार में सुधार लाने के लिए हाल के वर्षों में विविध कदम उठाए हैं। इस पहल को और ज्‍यादा संवर्धित करने के लिए आईएमडी ने  ‘’उमंग एप’’ का उपयोग करने के लिए डिजिटल इ

सदी का सबसे भयंकर तूफ़ान

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दिल्ली की जनता का बुरा हाल,रोड पर बसें नहीं

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एल्स्टॉम द्वारा बनाए गए ‘मेड-इन-इंडिया’ लोकोमोटिव्स का उपयोग शुरू

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नयी दिल्ली । एल्स्टॉम ने भारतीय रेल को 12000 हॉर्सपॉवर, डब्लूएजी-12बी इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव्स की डिलीवरी शुरू कर दी, जिसके बाद देश में माल ढुलाई लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में क्रांति आ जाएगी। एल्स्टॉम द्वारा निर्मित एवं रेलवे मंत्रालय व रेलवे सुरक्षा आयुक्त (आरडीएसओ) द्वारा सर्टिफाईड ये डब्लूएजी 12बी इंजन भारतीय पटरियों पर चलने वाले सबसे ज्यादा पॉवर के लोकोमोटिव्स हैं। डब्लूएजी 12बी (ई-लोको) की शुरुआत से भारी माल ढुलाई गाड़ियों का ज्यादा तीव्र व ज्यादा सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित होगा, जो 120 किलोमीटर प्रति घंटा की सर्वोच्च गति से 6000 टन फ्रेट की ढुलाई कर सकेंगे। समर्पित फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) पर चलाने की योजना के साथ ये ई-लोको भारत में मालगाड़ियों की गति में 20 से 25 किलो मीटर प्रतिघंटा की बढ़ोत्तरी कर देंगे। इंसुलेटेड गेट बाईपोलर ट्रांज़िस्टर्स (आईजीबीटी) पर आधारित प्रोपल्ज़न टेक्नॉलॉजी युक्त इन इंजनों में रिजनरेटिव ब्रेकिंग के उपयोग के कारण बिजली की खपत में काफी बचत की जा सकेगी। साथ ही इस कदम से न केवल मालगाड़ी चलाने का खर्च कम होगा, अपितु भारतीय रेल के सामने कन्जेस्शन की समस्या घट जाएगी। इस