संविधान-कानून के खिलाफ रिकवरी, गुण्डा एक्ट, गैंगेस्टर की हो रही है कार्रवाई
लखनऊ । रिहाई मंच ने उत्तर प्रदेश के मऊ, लखनऊ, कानपुर समेत कई जिलों में सीएए विरोधी आंदोलन के नेताओं पर हत्या, गैंगेस्टर और गुंडा एक्ट जैसे गंभीर मुकदमों में फर्जी में फंसाए जाने को लोकतांत्रिक अधिकारों का खुला उल्लंघन बताया. आंदोलनकारियों पर दोष सिद्ध हुए बिना कुर्की और सम्पत्ति को नोटिस दिए जाने को गैर कानूनी बताया। रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि सीएए आंदोलन से बौखलाई सरकार भिन्न विचार रखने वाले नेताओं का दमन करने की नीयत से ऐसे समय में जेलों में डाल रही है जब देश और प्रदेश एक भयानक महामारी से झूझ रहा है। अदालतों की कार्यवाहियां कोरोना संकट के कारण बुरी तरह बाधित हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले सरकार सीएए विरोधी आंदोलन के नेताओं के सार्वजनिक तौर पोस्टर लगाकर उनकी निजता को भंग किया और उनके जीवन को जोखिम में डाला। हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार को पोस्टर हटाने के आदेश देकर उसके गैर कानूनी होने पर मुहर भी लगाई। राजीव यादव ने कहा कि सम्पत्ति जब्ती या कुर्की का नोटिस देकर सम्पत्तियों को सील करने का सरकार का कदम गैर कानूनी है। यह प्राकृति कानून की उस अवधारणा के भी खिलाफ है जिसमे