संदेश

Bihar बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री प्रदान कीं

चित्र

रुड़की भारी बारिश से जन जीवन प्रभावित

चित्र

मेघ गर्जन और नर्तन कर रहे हैं गगन में

चित्र
कर्नल प्रवीण त्रिपाठी   मेघ गर्जन और नर्तन कर रहे हैं गगन में। डर रही है नार बैठी जो अकेली भवन में। कूकतीं पिक छिप कहीं दादुर अलापें स्वर नये। मग्न होकर नृत्य करते मोर मोहक चमन में।।1   दामिनी दम भर कड़कती दहल जाती है धरा। मेघ वर्षा संग लाते चैन पाती है धरा। ओढ़ धानी रंग चूनर प्रकृति अब इठला रही। धुल गया सारा प्रदूषण अब सुहाती है धरा।।2   नव नहाये दृश्य अनुपम चित्त को बहला रहे। पर्ण वृक्षों के चमकते हर हृदय को भा रहे। मेघ गरजें तो उपजते सुर कई नेपथ्य में। गीत पावस गर्जना सँग लोग मिलकर गा रहे।।3   मेघ दुंदुभि बज उठे जब क्षितिज रंग विशेष हो। प्रीति की सिहरन उठे तन मीत का संदेश हो। नाद कर घनघोर मेघ वितान आच्छादित करें। तप्त तनमन को जुड़ाने वारिवाह प्रवेश हो।।4   घन घनन घन घन घनन घन नाद मेघा कर रहे। तप्त आकुल प्रिय धरा के स्रोत जल के भर रहे। नव हरीतिम शुभ छटा प्रत्येक मन को मोहती। मृदु फुहारों से हृदय की पीर वारिद हर रहे।।5

नेक्सा 1.1 मिलियन ग्राहकों का बेजोड़ अनुभव और पसंद

चित्र
नयी दिल्ली : मारूति सुजुकी की ओर से गेमचेंजर प्रीमियम रीटेल नेटवर्क, नेक्सा 1.1 मिलियन ग्राहकों का बेजोड़ अनुभव प्रदान कर अपने 5 सालों की सफल यात्रा का जश्न मना रही है। ग्राहकों को कार खरीदने का विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई नेक्सा बेजोड़ आतिथ्य, आधुनिक टेक्नोलॉजी एवं विश्वस्तरीय जीवनशैली का शानदार अनुभव प्रदान करती है। 200 से अधिक शहरों में 370 से अधिक शोरूमों के साथ, नेक्सा वॉल्युम की दृष्टि से तीसरा सबसे बड़ा रीटेल ऑटोमोबाइल ब्राण्ड है। नेक्सा अपने दृष्टिकोण ‘creating the new to inspire the next’  पर खरी उतर रही है और ‘नेक्सा की दुनिया में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति को प्रीमियम अनुभव’ प्रदान कर रही है। इस अवसर पर शशांक श्रीवास्तव, एक्ज़क्टिव डायरेक्टर, मार्केटिंग एण्ड सेल्स, मारूति सुजुकी इण्डिया लिमिटेड ने कहा, ‘‘नेक्सा एक ऐसी पहल है कि भारत में किसी ऑटोमोबाइल कंपनी के द्वारा ग्राहकों के अनुभव को कार खरीदने के दायरे से कहीं बाहर ले जाती है और अपने ग्राहकों को रीटेल का नया अनुभव प्रदान करती है। इन 5 सालों में नेक्सा, अपने विविध प्रोडक्ट्स की व्यापक रेंज, बेहतरीन ब्

क्विक हील ने भारत में कंज्यूमर सिक्योरिटी को नई परिभाषा दी

चित्र
घर से काम करना अब नया नियम बन चुका है, ऐसे में वाई-फाई राउटर सबसे महत्वपूर्ण डिवाइस बन गया है क्योंकि यह लैपटॉप / डेस्कटॉप, मोबाइल डिवाइस, स्मार्ट टीवी और इसी तरह के सभी डिवाइस को कनेक्टिविटी देता है। यदि थ्रेट एक्टर्स इस नेटवर्क तक पहुंच प्राप्त करते हैं, तो उनके लिए सभी कनेक्टेड डिवाइस पर कंट्रोल पाना आसान हो जाता है। इसी क्षेत्र में क्विक हील का एडवांस वाई-फाई स्कैनर, नया बिल्ट-इन फीचर कारगर साबित होता है। यह सॉल्युशन लगातार वाई-फाई नेटवर्क को स्कैन करता है,डिवाइस की मैपिंग करता है और नेटवर्क में संभावित सुरक्षा खामियों की पहचान करता है। यह यूजर को विस्तृत समस्याएं ठीक करने और घरेलू नेटवर्क की फुल सिक्योरिटी सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत जानकारी देता है। नयी दिल्ली : कंज्यूमर्स, बिजनेस और सरकार के लिए साइबर सिक्योरिटी और डेटा सिक्योरिटी सॉल्युशन उपलब्ध कराने वाली लीडिंग कंपनियों में से एक क्विक हील टेक्नोलॉजीज ने डिजिटल कंज्यूमर्स के लिए अपनी नेक्स्ट जनरेशन के साइबर सिक्योरिटी सॉल्युशन लॉन्च किए हैं। प्राइवेसी, प्रोटेक्शन और परफॉर्मंस को ध्यान में रखते हुए नए सूट को पर्सनल डेटा और

हर घर में जीती है एक परिणीता

चित्र
परिणीता सिन्हा                           जो नहीं मानती कोई सीमा रेखा ၊ वह बराबर बांटती है हर हिस्से को ၊         अंदर समेटे रहती है न जाने कितने झंझावात फिर भी नित्य मुस्कुराती है ၊ वो नित्य परिंदों को आसमान नापते देख। अपने अंदर के पंखों की फड़फड़ाहट महसूस करती है‌। पर कभी दूध उबल जाता है तो कभी दाल गल जाती है।  वह साफ करती है हर उबलन को၊ और गलेे हुए को सुधारती है। पुनः खाली पड़ा सिलेंडर उसे मुंह चिढ़ाता है।  बचे-गुँथे हुए आटे का ख्याल बरबस उसे रुला जाता है।  वह अपनी सारी गांठों को रोटी बनाकर बेल देती है। और उसमें डाल देती है देसी घी का सोंधापन।                                                                                                      ताकि बासीपन छिप सके၊ इसी तरह वो परोस देती है पूरें घर का भोजन। जो पूरे घर की भूख मिटा सके। पर इस क्षुधा-तृप्ति के प्रकर्म में न जाने उसके अंदर कितना कुछ बिखर जाता है। वह तीज त्योहारों पर खूब इठलाती है।  हर रस्मों रिवाजों में अपनी महत्ता जतलाती है।  सुंदर पकवान उसकी तरह बस परोसे जाते हैं। वह सजीव से निर्जीव में परिवर्तित होती जाती है। एक दिन एकब

सावन आया झूम के

चित्र
सुषमा भंडारी सावन आया झूम के कर लूं मैं श्रृंगार । चूड़ी कंगन झूम कर करते मुझसे प्यार।। टिप -टिप बारिश हो रही खूब पड़ें बौछार। सावन आया झूम के आजा मेरे प्यार।। मेघ गरज कर कह रहे पानी बेशुमार। कोयल कुहूक गा रही नाच रही बौछार।।  हरियल मनवा गा रहा सावन आया झूम।  पात पात झुक कर कहे  चल धरती को चूम।। बागो में झूले पड़े  तन में उठें हिलोर। घिर- घिर कर कहती घटा आओ मचायें शोर।। सखियाँ कजरी गा रही तन भीगे, मन गाय। आया सावन झूम के  कली -कली मुस्काय।। तीज उत्सव ही उत्सव जहाँ  ऐसा मेरा देश तीज महोत्सव भी मने घटा खोलती केश।। सावन मास की तृतीया शुक्ल पक्ष का वक्त खुशियों भरा त्यौहार है कृषक हुए सशक्त।। अनुपम छटा बिखेर कर धानी चुनरी ओढ हाट बाजार सजने लगे इक दूजे की होड़ ।। घेवर और पकवान सब बाँटें सब उपहार मायके में मनायेंगी ब्याहता ये त्यौहार।। सखियों के संग झूल पर  ऊँची पींग चढाएं  सखियाँ मीलजुल बाग में  हँस हँस कजरी गाएँ ।। सावन व्रत गौराँ करे माँगे शिव का साथ अद्भुत भोला है बहुत डमरू रखता हाथ।।। गुंजिया,घेवर, फैनियां घर- घर बांटी जाय सिंधारे की कौथली आय बहन मुस्काय।। साज और श्रिंगार से  खूब सजें महिल