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'बिन मुहब्बत जिस्म ये खंडहर पुराना हो गया मेरे दिल को मुस्कराए इक ज़माना हो गया

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नयी दिल्ली - प्रणेता साहित्य संस्थान,दिल्ली द्वारा आॅनलाइन काव्य गोष्ठी का सफल आयोजन संस्थान के संस्थापक एवं महासचिव एस जी एस सिसोदिया ,अध्यक्षा सुषमा भण्डारी और उपाध्यक्षा शकुंतला मित्तल,सचिव भावना शुक्ल,कोषाध्यक्ष चंचल पाहुजा  के सक्रिय प्रयासों  से सफलता पूर्वक संपन्न हुई ,जिसमें विभिन्न राज्यों के 20 रचनाकारों ने अपनी अपनी रचनाओं से समां बांधा।   कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन वीणा अग्रवाल द्वारा माँ शारदे की वंदना के साथ हुआ । इस अवसर पर वीणा अग्रवाल ने मधुर स्वर में ' वरदायिनी वरदान दो,अंतःकरण में ज्ञान दो' की सुमधुर प्रस्तुति  से मंच को भक्ति रस से सराबोर कर दिया। सरस्वती वंदना के पश्चात संस्थान के संस्थापक और महासचिव एस जी एस सिसोदिया ने अपने उद्बोधन में प्रणेता साहित्य संस्थान का संक्षिप्त परिचय देते हुए सभी उपस्थित साहित्यकारों को शुभकामनाएँ प्रेषित की। यह गोष्ठी  प्रतिष्ठित कवयित्री सरोज गुप्ता की अध्यक्षता में संपन्न  हुई। मुख्य अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध प्रतिष्ठित कवि एवं गीतकार जगदीश मीणा ने अपनी गरिमामय  उपस्थिति से मंच को सुशोभित किया। विशिष्ट अतिथि के रूप

Bihar विधानसभा के चुनाव क्या समय पर हो पाएंगे

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प्रणेता द्वारा ऑनलाइन काव्य गोष्ठी

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भाजपा एक चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने में जुटी हुई है

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राष्ट्रीय सामाजिक न्याय दिवस' मनाने की नई परंपरा की शुरुआत...

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लख़नऊ - कोरोना महामारी के आपदा के दौर को भाजपा-आरएसएस आरक्षण पर भी चौतरफा हमले करने के अवसर के बतौर इस्तेमाल कर रही है.लगातार सुप्रीम कोर्ट से लेकर विभिन्न राज्यों की हाई कोर्ट आरक्षण के खिलाफ फैसला दे रही है,आरक्षण विरोधी टिपण्णियां कर रही है.इसी बीच ओबीसी आरक्षण में क्रीमी लेयर के लिए आय की गणना में बदलाव के जरिए ओबीसी आरक्षण को बेमतलब बना देने की साजिश की जा रही है.राष्ट्रीय स्तर पर मेडिकल कॉलेजों में दाखिले में ओबीसी आरक्षण की लूट का सवाल भी उल्लेखनीय है.इस परिदृश्य में बिहार-यूपी के कई संगठन साझा पहल लेकर 26जुलाई को 'राष्ट्रीय सामाजिक न्याय दिवस' के रूप में मना रहे हैं. संगठनों का कहना है कि 2014 से ही सामाजिक न्याय पर हमलों और सामाजिक न्याय के मोर्चे पर हासिल उपलब्धिओं को खत्म करने की कोशिशों का नया दौर शुरु हुआ है. सामाजिक न्याय के लिए हमारे पूर्वजों ने अथक प्रयास, त्याग और बलिदानों से जो कुछ हमारे लिए हासिल किया था,वह छीना जा रहा है. इतिहास से प्रेरणा लेकर संघर्ष की विरासत को बुलंद करते हुए सामाजिक न्याय के मोर्चे पर हासिल उपलब्धियों को बचाने और सामाजिक न्याय का दायरा जी

समाज,संविधान,लोकतंत्र के विषयों को हटाने से ब्राह्मणवादी-मनुवादी विचारों को मिलेगा बढ़ावा 

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समाज,संविधान,लोकतंत्र के विषयों को हटाने से ब्राह्मणवादी-मनुवादी विचारों को मिलेगा बढ़ावा। इन विषयों को निकालने का मकसद छात्रों के बस्ते का बोझ कम करना नहीं बल्कि गैर बराबरी और जातीय एवं साम्प्रदायिक भेदभाव पर आधारित समाज और व्यवस्था के लिए मार्ग प्रशस्त कर तानाशाही की तरफ बढ़ने की दीर्घकालिक योजना का हिस्सा प्रतीत होता है। लखनऊ । छात्रों पर बस्ते का बोझ कम करने के नाम पर विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और नागरिक शास्त्र आदि विषयों से संक्रामक बीमारियों सम्बंधी जानकारी, राजनीति, मानवाधिकार, विश्व बंधुत्व और सामाजिक कुप्रथाओं पर आधारित कई महत्वपूर्ण अध्यायों को शिक्षा के पाठ्यक्रमों से निकालने के सरकार के फैसले को रिहाई मंच ने वैज्ञानिक चेतना से वंचित करने और आने वाली पीढ़ियों को अंधविश्वास की तरफ ढकेलने वाला कदम बताते हुए उनकी पुनर्बहाली की मांग की है। रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि चुनाव, लोकतंत्र, सत्ता का विकेंद्रीकरण, राजनीति में नागरिकों की सहभागिता जैसे अध्यायों के साथ नाज़ीवाद और हिटलरशाही के अध्याय का पाठ्यक्रम से बाहर किया जाना लोकतंत्र के लिए बेहतर संकेत नहीं है। एक तरफ जहां

वक़्फ़ बोर्ड प्रबंधन और सरकार की भूमिका पर वेबिनार

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नयी दिल्ली - औक़ाफ़ एजुकेशनल फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया (AEFI) आगामी 26 जुलाई को "वक़्फ़ बोर्ड के प्रबंधन और सरकार की भूमिका" के विषय पर एक ऑनलाइन वेबिनार करने जा रही है. जिसमें देश के प्रसिद्ध सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विशेष रूप से शकील सैयद, एजाज़ नकवी, इरशाद अहमद और फुज़ैल अयूबी इसमें भाग लेंगे। जामिया मिलिया इस्लामिया के विधि विभाग की प्रोफेसर कहकशां दानियाल साहिबा भी भाग लेंगी। सैयद ज़फर महमूद इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करंगे। इस कार्यक्रम का मक़सद है कि मुस्लिम समुदाय का वक़्फ़ सम्पत्तियों के प्रबंधन से राब्ता कराया जाए और सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी की तर्ज़ पर वक़्फ़ बोर्ड का प्रबंधन भी मुस्लिम समुदाय द्वारा किया जाये | संगोष्ठी का संचालन प्रसिद्ध वकील मुहम्मद तारिक़ फारूकी द्वारा किया जाएगा। फारूकी दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के क़ानूनी सलाहकार रहे हैं।  इसके साथ ही इस फॉउंडेशन के सचिव मुज़फ्फर अली, दिल्ली हाई कोर्ट एडवोकेट असलम अहमद के अलावा वरिष्ठ पत्रकार व वकील और कारवां फाउंडेशन के फाउंडर रईस अहमद भी शिरकत करेंगे। औक़ाफ़ एजुकेशनल फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया एक पंजीकृत शैक्षणिक संस्था है जो वक़्