संसार की समस्त भाषाओं में हिंदी और वर्णमाला का स्थान सर्वोपरि
विजय सिंह बिष्ट संसार की समस्त भाषाओं में हिंदी और वर्णमाला का स्थान सर्वोपरि माना जाता है।हिंदी हिंदू और हिंदुस्तान का जन्म वर्णमाला के उच्चारित शब्दावली का वैज्ञानिक और शरीरविज्ञान से अटूट नाता है। हमारे शरीर के पांचों अवयवों के अनुसार ही वर्णमाला के व्यंजनों को एक श्रेणी में रखा गया है। इसको उच्चारण की दृष्टि से वर्गीकृत किया गया है। संसार की अन्य भाषाओं में इस प्रकार के वैज्ञानिक उच्चरित भाषा को नहीं देखा जा सकता। व्याकरण की कसौटी में परखी गई भाषा केवल हिन्दी भाषा ही है आइए व्यंजनों के इस चमत्कार के संबंध जाने और बच्चों तक को सिखाएं। क ख ग घ ड॰ कंण्ठय कहे जाते हैं यह ध्वनि कंठ से उच्चरित होती है।बोल चाल की भाषा में शुद्धता लाता है। च छ ज झ ञ, इनका संबंध तालु से है उच्चारण में जीभ तालू की ओर महसूस करती है इसलिए यह तालव्य कहे जाते हैं ट ठ ड ढ ण * इसका उच्चारण करते समय जीभ ऊपर की ओर मुड़ती है इसलिए मुर्धन्य कहलाते हैं त थ द ध न इस समूह का संबंध दांतों से है, उच्चारण में जीभ दांतों को छूती है अतः ये दंतवय कहलाते हैं।प फ ब भ म इनके उच्चारण में होठ आपस में मिलते हैं इसलिए ओष्ठव्य कह