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महाराष्ट्र की राजनीति में भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व का महापंच

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०  विनोद तकियावाला ०  भारतीय राजनीति में इन दिनों काफी उथल पुथल हो रहा है। खास कर महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर जो तुफान आया था वह फिलहाल थम सा गया है।लेकिन भारतीय राजनीति पर पैनी नजर बनाये रखने वाले इस बात से सहमत नही दिख रहे है।उनका मानना है कि भले महाराष्ट्र की राजनीति में जिस तरह से भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व में सफल नाटक की पृष्टभुमि तैयार कर सफल नाटकीय रूप से एकनाथ शिंदे को मुख्य मंत्री के पद पर आसिन कर एक तीर से कई निशाने लगाये है।इसके दुरगामी परिणाम अगामी दो राज्यो के विधान सभा चुनाव व 2024 में होने वाले लोक सभा के आम चुनाव पर पड़ेगा|फिलहाल एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री व डिफ्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के रूप में पद की सपथ ले ली है ।शांत सागर को देख कर तट पर रहने मछुआरे भयंकर ज्वार भाटा आने का अंदाज लगा लेते है ठीक इसी प्रकार महाराष्ट्र की राजनीति पर यह कहावत बहुत ही हद तक सटीक बैठता है।विगत पखवाड़े में महाराष्ट्र के राजनीति महामंच मे एम वी ए के गठबन्धन की सरकार को सता के सिंघासन से बेदखल करने में नायक के रूप एकनाथ शिंदे की जितनी भुमिका रही  उससे कही अधिक भुमिका पूर्व मुख्यमंत्री देवेन

अग्निपथ का युवाओं ने किया विरोध

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राहुल और कांग्रेस से उम्मीद

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प्रयागराज NGO गरीबों को खिलाती है खाना

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मैट्रो स्टेशन पर गंदगी और मच्छर

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प्रधानमंत्री "अग्रदूत" समाचार पत्र समूह के स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन करेंगे

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० आरिफ जमाल ०  नयी दिल्ली - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 6 जुलाई, 2022 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अग्रदूत समाचार पत्र समूह के स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा, जो अग्रदूत की स्वर्ण जयंती समारोह समिति के मुख्य संरक्षक हैं, भी मौजूद रहेंगे। अग्रदूत की शुरुआत असमिया भाषा में एक द्वि-साप्ताहिक के रूप में हुई थी। इसकी स्थापना असम के वरिष्ठ पत्रकार कनक सेन डेका ने की थी। वर्ष 1995 में, दैनिक अग्रदूत का एक नियमित दैनिक समाचार पत्र के रूप में प्रकाशन शुरू हुआ और यह असम की एक विश्वसनीय एवं प्रभावशाली आवाज के तौर पर उभरा है।

कोई भी होटल या रेस्तरां खाने के बिल में सर्विस टैक्स नहीं लगा सकता

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० आरिफ़ जमाल ०  नयी दिल्ली -केन्‍‍द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने होटलों और रेस्तरां में सर्विस टैक्स  लगाने के संबंध में अनुचित व्यापार कार्य प्रणालियों और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।   होटल या रेस्तरां भोजन बिल में स्वचालित रूप से या गलती से सेवा शुल्क नहीं जोड़ेंगे। किसी अन्य नाम से सेवा शुल्क नहीं लिया जा सकता। कोई भी होटल या रेस्तरां उपभोक्ता को सेवा शुल्क का भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं करेगा और उपभोक्‍‍ता को स्‍‍पष्‍‍ट तौर पर बताएगा कि सेवा शुल्क ऐच्छिक, वैकल्पिक और उपभोक्ता का अधिकार है। सेवा शुल्क के संग्रह के आधार पर सेवाओं के प्रवेश या प्रावधान पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। सेवा शुल्क को भोजन के बिल के साथ जोड़कर और कुल राशि पर जीएसटी लगाकर एकत्र नहीं किया जाएगा। दिशा-निर्देशों को लिंक पर क्लिक करके देखा जा सकता है। यदि कोई उपभोक्ता को यह पाता है कि कोई होटल या रेस्तरां दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए सेवा शुल्क लगा रहा है, तो उपभोक्ता संबंधित होटल या रेस्तरां से सेवा शुल्क को बिल राशि से हटाने का अनुरोध कर सकत