नंद भारद्वाज, पुष्पेश पंत, गीतांजलि श्री और यतीन्द्र मिश्र लेखकों की अनुभवी और आवाज़ों ने जेएलएफ में बांधा समा
० आशा पटेल ० जयपुर । नंद भारद्वाज, पुष्पेश पंत, गीतांजलि श्री और यतीन्द्र मिश्र जेसे वरिष्ठ लेखकों की अनुभवी और नई आवाज़ों ने जेएलएफ में बांधा समा ‘अनिरुद्ध वर्मा कलेक्टिव’ ने राग बासंती से की| प्रोग्राम फेस्टिवल और श्रोताओं के मूड को राईट पिच पर सेट करने का काम करते हैं| तीसरे दिन के प्रोग्राम में अनामिका, नंदभारद्वाज, शेहान करुनातिलक, दीप्ति कपूर, यतीन्द्र मिश्र, खालिद जावेद, बारां फारुकी जैसे लेखकों के नाम रहा| ‘एक हिंदी अनेक हिंदी सत्र’ में प्रतिष्ठित लेखकों अनामिका, नंदभारद्वाज, पुष्पेश पंत, गीतांजलि श्री और यतीन्द्र मिश्र ने हिंदी के माध्यम से भाषा और साहित्य के समकालीन और शास्त्रीय स्वरुप की बात की| अनामिका ने अपने लेखन में भाषा वैविध्य के विषय में बताया, “जब लिखने चलो तो चेतन बार-बार स्मृतियों की ओर लौटता है| उन्हीं स्मृतियों से भिन्न आवाजें और बोलियाँ आपके लेखन को विविधता प्रदान करती हैं|” फेस्टिवल में एक दिन पहले नोबेल पुरस्कार विजेता, अब्दुल रज़ाकगुरनाह ने भी लेखन के संदर्भ में अच्छी स्मृति को बड़ी उपलब्धि माना था|राजस्थानी भाषा के वरिष्ठ साहित्यकार नंद भारद्वाज ने भाषा के सं