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सरगम मंदिर की ओर से 59वां महाशिवरात्रि संगीत सम्मेलन

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली के त्रिवेणी सभागार में सरगम मंदिर की ओर से 59वां महाशिवरात्रि संगीत सम्मेलन संपन्न हुआ। सरगम मंदिर के संस्थापक स्व पंडित जगदीश मोहन   प्रतिष्ठित शास्त्रीय गायक रहे हैं। यह संस्था 58 वर्षों से शास्त्रीय संगीत के आयोजन करती रही है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मुकेश बहर सहित सभी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत आरंभ हुआ। इसमें डॉक्टर मुद्दू मोहन का गायन हुआ, जिन्होंने राग शुद्ध कल्याण में विलंबित खयाल तुम बिन कौन खबरिया ले तथा द्रुत खयाल तीन ताल में सब सखी गावो गोपियों के संग प्रस्तुत किया। तत्पश्चात राग जोग में शिव स्तुति भस्म घोषित अंगद शिव गले विराजे मुंडमाल , राग दुर्गा में शिव स्तुति एक ताल में और अंत में पंडित भीमसेन जोशी जी की गाई एक अन्य रचना भी प्रस्तुत की। अपनी सुंदर गायन से उन्होंने सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके साथ हारमोनियम पर पंडित देवेंद्र वर्मा ने सुंदर संगति की और तबले पर प्रभाकर पांडे थे। उल्लेखनीय है कि मुद्दू मोहन कर्नाटक प्रदेश में उच्च प्रशासनिक पदों पर कार्य कर चुके हैं। साथ ही उन्होंने शास्त्रीय स

Delhi मधु विहार में शिवरात्रि उत्सव

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - द्वारका में महा शिवरात्रि के अवसर पर मधु विहार के शिव मंदिरों में शिव भक्तों का शिव दर्शन के लिए प्रातः काल से ही तांता लगा रहा। मधु विहार आरडब्ल्यूए के प्रधान एवम राष्ट्रीय युवा चेतना मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणबीर सोलंकी ने भी बंधु बांधव तथा परिवार के साथ सोलंकी शिव मंदिर में पूजा अर्चना की तथा दूसरे शिवांदिर में भी शिव दर्शन किए।क्षेत्र के सैकड़ों नर नारियों ने शिव दर्शन के बाद श्री सोलंकी का अभिवादन किया। भक्तों को संबोधित करते हुवे सोलंकी ने कहा कि देवाधिदेव महादेव सर्व व्यापी है एवम भक्तों का कल्याण करना ही इनकी प्रवृत्ति है।शिवरात्रि का दिन भारतीय मानस में परम पवित्र एवम महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। ज्ञात हो कि सोलंकी शिव मंदिर इनके पिता भरत सिंह की याद में बनाई है जिसमे लोगों की अपार आस्था है।

दीक्षांश ई-लर्निंग ऐप के माध्यम से पूरे सिलेबस की तैयारी में आसान तरीके से मदद मिलेगी

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० संत कुमार गोस्वामी ०  बिहार - महाशिवरात्रि के अवसर पर मांझी के नचाप स्थित रिद्धि सिद्धि सेंट्रल स्कूल परिसर में दीक्षांश ई लर्निंग एप का भव्य उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया, इस कार्यक्रम को मुख्यातिथि महराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया, इसके साथ ही दीक्षांश एप को प्ले स्टोर पर अपलोड किया गया, जिससे कोई भी छात्र कही से इसे डाउनलोड कर अपने मोबाइल टैब और लैपटॉप के माध्यम से घर बैठे उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकता है, इस एप डाउनलोड के बाद आपको फ्री ट्रायल क्लासेज और कोर्सेस के बारे में जानकारी हासिल कर सकता है,  इस दौरान सांसद सिग्रीवाल ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत कक्षा नर्सरी से लेकर 10वीं तक के छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को इस दीक्षांश ई-लर्निंग ऐप के माध्यम से पूरे सिलेबस की तैयारी में काफी आसान तरीके से करने में मदद मिलेगी। जिसके लिए अभिभावकों को काफी कम शुल्क देना होगा। हम सभी ने वैश्विक महामारी कोविड-19 काल के दौरान भी जब शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए थे।  तब भी बच्चों की पढ़ाई घर बैठे रिद्धि सिद्धि सेंट्रल स्कूल नचाप द्वारा

Delhi : Dwarka Sec 3, Madhu Vihar MCD स्कूल और घरों में घुसा सीवर का पान...

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इंडिया के नॉर्थ ईस्ट की समृद्ध कला, संस्कृति, संगीत, नृत्य, फैशन और टेक्सटाइल प्रदर्शित

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 ० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली-फेस्टीवल "सेलिब्रेटिंग नॉर्थ ईस्ट" की शुरुआत दिल्ली के न्यू मोती बाग क्लब, चाणक्य पुरी में  हो चुकी है। "सेलिब्रेटिंग नॉर्थ ईस्ट" 19 फरवरी तक चलेगा। यह फेस्टीवल इंडिया के नॉर्थ ईस्ट की समृद्ध कला, संस्कृति, संगीत, नृत्य, फैशन और टेक्सटाइल को लोगों के सामने प्रदर्शित करेगा। एनईआईएफटी (NEIFT) हर साल नई दिल्ली में "सेलिब्रेटिंग नॉर्थ ईस्ट" का अयोजन करता रहा है। और राजधानी के सांस्कृतिक विशेषज्ञ बेचैनी से इस फेस्टीवल का इंतजार करते हैं ताकि उन्हें दिल्ली एनसीआर में ही नॉर्थ ईस्ट के दर्शन हो जाएं।  कोविड के बढ़ने के दौरान भी एनईआईएफटी ने न केवल जोरदार योजना, सरकारी सहयोग और शुभचिंतकों की सावधानी पूर्वक योजना और समर्थन के साथ और सभी प्रतिबंधों और प्रोटोकॉल का पालन करते हुए गुरुग्राम और नई दिल्ली के चाणक्यपुरी में इस फेस्टीवल का आयोजन किया। इस फेस्टीवल को अंतरराष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंचाने के लिए पिछला फेस्टीवल वाशिंगटन डीसी के फेडरल प्रॉपर्टी रोनाल्ड रीगन इंटरनेशनल बिल्डिंग एंड & ट्रेड सेंटर में आयोजित किया गया। "सेलिब्रेटिंग न

नेचर्स बास्केट (एनबी) अब डिफेंस कॉलोनी,नई दिल्ली में खुल गया

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली। दुनिया भर में बेहतरीन खाद्य पदार्थों के लिए भारत का एक सबसे प्रमुख रिटेल डेस्टिनेशन, तथा आरपी-संजीव गोयनका ग्रुप (आरपीएसजी) का हिस्सा नेचर्स बास्केट (एनबी) अब डिफेंस कॉलोनी,नई दिल्ली में खुल गया है। यह नया स्टोर 3500 वर्ग फीट में फैला होने के साथ साथ ब्रांड के शौक़ीन ग्राहकों की जरूरतों के लिए एक पसंदीदा जगह है। यह दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में नेचर्स बास्केट का चौथा स्टोर है। इस नए स्टोर के इंडोर में एक कैफे है जो कि हेल्दी फूड एवं बेवरेज ऑप्शन की वाइड रेंज को पेश करेगा जिससे कि सलाद, डिप्स एंड बाउल्स, रैप्स, ज्यूसेस और स्मूदी के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के हेल्दी प्रोडक्ट्स शामिल हैं।  यह पहली बार है कि इस स्टोर के मीट सेक्शन में साइबेरियन कैवियार भी मिलेगी, जिसमे कि 12 से अधिक विभिन्न प्रकार के फ्रेश मैरिनेड, मुलवारा लैम्ब रैक, 50 किस्मों के कोल्ड कट्स और विभिन्न प्रकार के एक्जॉटिक सी फूड्स-नॉर्वेजियन सैल्मन, लॉबस्टर, स्कैम्पी, टाइगर प्रॉन्स एवं एवं डक (बतख) तथा टर्की शामिल हैं। इसके अलावा, इस स्टोर में एक रोटिसेरी भी है। मीठे के शौकीनों के लिए इसमें केक एवं पेट

भारत में अगर काेई सर्वश्रेष्ठ सम्राट हुआ, तो वो सिर्फ छत्रपति शिवाजी ही थे।

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्‍ली । वरिष्ठ पत्रकार उदय माहुरकर का कहना है कि पिछले एक हजार वर्षों के दौरान भारत में अगर काेई सर्वश्रेष्ठ सम्राट हुआ, तो वो सिर्फ छत्रपति शिवाजी ही थे। उनका साम्राज्‍य महाराष्‍ट्र के अलावा दक्षिणी गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना, मध्‍य प्रदेश और चेन्‍नई, पुणे से पेशावर और दिल्ली से काबुल तक फैला था। लेकिन इतिहासकारों ने कभी उनका सही मूल्‍यांकन नहीं किया। माहुरकर भारतीय जन संचार संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी, डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह, प्रो. वीके भारती तथा सभी केंद्रों के संकाय सदस्‍य एवं विद्यार्थी उपस्थि‍त रहे। ‘छत्रपति शिवाजी और उनका सुशासन’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उदय माहुरकर ने कहा कि इतिहासकार हमेशा छत्रपति शिवाजी को राजा के रूप में ही चित्रित करते रहे हैं, ज‍बकि साम्राज्‍य की सीमाओं, समाज में योगदान, भविष्‍य की पीढ़ियों पर प्रभाव, प्रशासन की गुणवत्ता जैसी उन सभी कसौटियों पर वे खरे उतरते थे, जो किसी को सम्राट मानने के लिए निर्धारित होती हैं। राजस्‍व, भाषा, सामाजिक