ऐसे तो साफ नहीं होगी दिल्ली की यमुना
० ज्ञानेन्द्र रावत ० नयी दिल्ली - बीते दिनों एनजीटी ने दिल्ली सरकार पर यमुना की सफाई के मामले पर सीवरेज ट्रीटमेंट के संदर्भ में मानदण्डों का पालन नहीं किये जाने पर 6100 करोड़ से भी अधिक का जुर्माना लगाया। अपने आदेश में एनजीटी के चेयरमैन माननीय न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि करोडो़ं रुपये खर्च करने के बाद भी यमुना हर दिन दूषित हो रही है। हर दिन तीन हजार एम एल डी से ज्यादा दूषित पानी यमुना में गिर रहा है। पीठ का कहना है कि यमुना की सफाई के अधिकांश मामलों में कहा जाता है कि एसटीपी की संख्या बढ़ाई जायेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और हकीकत में डीपीसीसी की माने तो दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर लगे 35 एसटीपी में से 23 पर निर्धारित मानदण्डों के अनुरूप काम ही नहीं किया जा रहा है। यही नहीं अक्टूबर 2022 में भी एन जी टी ने दिल्ली सरकार पर उचित कचरा प्रबंधन न होने पर 900 करोड़ का जुर्माना लगाया था जो अभी तक जमा नहीं किया गया है। जबकि दिल्ली सरकार बीते बरसों से यमुना को 2025 तक साफ करके नहाने लायक बनाने का लगातार दावा करती रही है। इस दिशा में वह समय-समय पर लाख कवायद करने का द