भारतीय भाषाओं का यह 'अमृतकाल' है : अंशुली आर्या
० योगेश भट्ट ० नई दिल्ली। भारतीय जन संचार संस्थान एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान द्वारा आयोजित राजभाषा सम्मेलन को संबोधित करते हुए गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग की सचिव एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा की वरिष्ठ अधिकारी अंशुली आर्या ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में शीर्ष नेतृत्व ने हिंदी और भारतीय भाषाओं को बहुत बढ़ावा दिया है। भारतीय भाषाओं का यह 'अमृतकाल' है। उन्होंने कहा कि लोगों में भाषा को लेकर हीनता का भाव खत्म हो रहा है। आज भारत सरकार के सभी कार्यक्रमों में हिंदी का बोलबाला है। सम्मेलन में आईआईएमसी के महानिदेशक संजय द्विवेदी, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, नोएडा के कुलपति प्रो. आर. के. सिन्हा, वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत, सईद अंसारी, सत्यवती महाविद्यालय के हिंदी विभाग की प्राध्यापक प्रो. रचना बिमल, राजभाषा विभाग के उप निदेशक कुमार पाल शर्मा, सहायक निदेशक रघुवीर शर्मा एवं आईआईएमसी के राजभाषा प्रभारी डॉ. पवन कौंडल सहित नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, दक्षिण दिल्ली-03 के 75 कार्यालयों के 100 से भी अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए प