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प्रोफेसर एस.एस.डोगरा ने जीवन उपयोगी टिप्स सिखाए

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० योगेश भट्ट ०   मलियाना, मेरठ। मेरठ साहित्यिक महाकुम्भ में दिल्ली से विशेष रुप से आमंत्रित मीडिया वर्कशॉप प्रोफेसर एस.एस.डोगरा ने मैरी माउंट इंग्लिश स्कूल के विद्यार्थियों को जीवन उपयोगी टिप्स सिखाए। स्कूल के चैयरमैन विनोद य्रभाकर ने बताया कि प्रो. डोगरा ने उपस्थित सभी विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ अपने माता-पिता, शिक्षकों के सुझाए दैनिक कार्यों को प्राथमिकता से निपटाने की सलाह दी। हमें अपने जीवन को सार्थक बनाने के लिए स्कूली जीवन में ही सुबह जल्दी उठने, स्पोर्ट्स में दिलचस्पी विकसित करना,अच्छे दोस्त बनाना,  प्रतिदिन स्नान करना, बागवानी करना, म्यूजिक में रूचि विकसित करना, प्रतिदिन समाचारपत्र-पत्रिका पढना आदि जैसी अच्छी आदतों को अवश्य अपनाना चाहिए। इसी मौके पर प्रोफेसर डोगरा के मार्गदर्शन में स्कूली बच्चों को रुटीन की पढाई के अलावा अन्य विषयों पर शोध एवं जानकारियां जुटाने के लिए एक विशेष पुस्तकालय का शुभारंभ भी किया गया। मैरी माउंट इंग्लिश स्कूल की ओर से शिक्षक आरती चौहान ने प्रो.डोगरा  का उक्त जीवन उपयोगी कार्यशाला आयोजित करने के लिए आभार व्यक्त किया।

नेपाली दूतावास के संस्कृति और शिक्षा विभाग प्रमुख येदुनाथ पौडेल का विदाई समारोह

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - दिल्ली में नेपाली दूतावास के संस्कृति और शिक्षा विभाग के प्रमुख येदुनाथ पौडेल का विदाई समारोह प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में यूनाइटेड की ऑपरेटिव सोसाइटी दिल्ली की पहल पर, दिल्ली में नेपाली दूतावास के संस्कृति और शिक्षा विभाग के प्रमुख येदुनाथ पौडेल उनका दो वर्ष से अधिक का सफल कार्यकाल रहा l उनका विदाई समारोह आयोजित किया गया। जो अपने सफल कार्यकाल के दौरान वे नेपालवासियों की समस्याओं को शीघ्रता से हल करने हेतु आम समुदाय तक पहुँचने का माध्यम बने। विदाई समारोह का संचालन सोसायटी के सचिव बिष्णु केसी ने किया l अध्यक्षता सोसायटी के अध्यक्ष बी. के. कृष्णा ने की l सोसायटी के वरिष्ठ सदस्य और संस्थापक शेखर कुवर विशिष्ट अतिथि थे l देवेन्द्र कुवंर ने कहा कि येदुनाथ पौडेल 2 वर्षों से अधिक समय से भारत में रह रहे हैं। उन्होंने अपने लंबे प्रवास के दौरान प्राप्त अनेक उपलब्धियों पर अपने विचार व्यक्त किए l  हमारा समाज उन्हें भारतीय दूतावास से विदाई देता है और भविष्य में उनकी और सफलता की कामना करता है। इस मौके पर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के वरिष्ठ सदस्य एवं राष्ट्र ट

कहानी में देह भाषा का बहुत महत्त्व होता है"- ब्रजेश कानूनगो

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०  मुज़फ्फर सिद्दीकी ०  भोपाल - अंतर्राष्ट्रीय विश्वमैत्री मंच का अभिनव आयोजन, कहानी संवाद ‘दो कहानी दो समीक्षक’, गूगल मीट पर आयोजित किया गया। इस अवसर पर संस्था की संस्थापक अध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव ने कहा कि“कहानी का उद्देश्य पाठकों को भ्रमित करना नहीं होना चाहिए।” आपने कहानी के तत्व पर विस्तार से चर्चा की और नए लेखकों को वर्तमान में लिखी जा रही कहानी की पत्र - शैली और संवाद - शैली के बारे में समझाया। मुख्य अतिथि शकुंतला मित्तल ने कल्पना मनोरमा की कहानी "गुनिता की गुड़िया" की गहन और सारगर्भित समीक्षा करते हुए कहा कि "कहानी कार ने बोल्ड अभिव्यक्ति शालीनता के शब्दों को उढ़ा कर की है।भ्रूण हत्या का अभिशाप हमारे समाज को वर्षों से डस रहा है।"अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार ब्रजेश कानूनगो ने अपने सम्बोधन में चेखव के कोट को उद्धरित किया। "जब मैं लिखता हूँ तो मुझे पूरा भरोसा होता है कि पाठक उन तत्त्वों को जोड़ लेगा जो अव्यक्त हैं। " आपने दोनों कहानियों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि लेखक की खूबी ये होना चाहिए कि कहानी को इस तरह पाठक को पहुंचाए कि वह पठनीय बन स

दिल्ली में भव्य समारोह 'गढ़वाल हितैषिणी सभा' शताब्दी वर्ष महोत्सव 'विरास...

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इंडो - इंटरनेशनल आइकन अवार्ड्स 2023 से विभूषित

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली : इंटरनेशनल इक्विटेबल ह्यूमन राइट्स सोशल काउंसिल ने किया ह्यूमन राइट्स वर्कशॉप और इंडो - इंटरनेशनल आइकन अवार्ड्स 2023 का आयोजन।  इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में आयोजित इस भव्य आयोजन के तहत मानवाधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक किया गया तथा उन्हें बेसिक जानकारी दी गई। प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता तथा पूर्व विधायक पदमश्री जितेंद्र सिंह शंटी,प्रोड्यूसर,डायरेक्टर संदीप मारवाह, पूर्व एडवोकेट जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉक्टर रोमेश गौतम,दूरदर्शन की पूर्व महानिदेशक डॉक्टर नीलम महाजन,जाने माने गायक कुमार विशु,भाजपा माइनोरिटी मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष इरफान अहमद, एसएम खान,वरिष्ठ अधिवक्ता एपी सिंह आदि ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया और ह्यूमन राइट्स के बारे में जानकारी दी। इंटरनेशनल इक्विटेबल ह्यूमन राइट्स सोशल काउंसिल के  चेयरमैन संजय सिन्हा ने कहा कि ह्यूमन राइट्स की जानकारी युवाओं,बुजुर्गों,महिलाओं सभी को होनी चाहिए,लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि आज भी इक्कीसवीं सदी में 70 से 75 प्रतिशत लोगों को इसकी जानकारी नहीं है।इसे देखते हुए हमारी यह संस्था

विश्व पॉवर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में रवि ने जीते दो गोल्ड

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली : मास्को में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में दिल्ली के रवि चौहान ने 110 किलोग्राम वजन वर्ग में डेडलिफ्ट, पुसपुल और बेंचप्रेस स्पर्धा में दो गोल्ड मैडल और एक सिल्वर जीत कर देश का गौरव बढ़ाया। चैंपियनशिप में दुनियाभर के प्रतियोगियोें के बीच रवि ने अपनी ताकत का अहसास कराया उसने विभिन्न देशों के प्रतिभागियों के बीच अपनी ताकत का लोहा मनवाया।  दिल्ली के रोहिणी निवासी और एमसीडी में कार्यरत रवि चौहान की इस जीत पर भारतीय बॉडी बिल्डिंग संघ उसके कोच सुनील लोहचब और उसके परिजनों ने खुशी जताई है। कोच सुनील लोहचब की अगवाई में रूस की राजधानी मास्को में हुई प्रतियोगिता में भारत ने अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए 11 पदक जीत कर कई नए रिकॉड बनाए हैं और प्रतिस्पर्धा में ओवर आल दूसरे नंबर पर रही, जबकि रूस की टीम पहले नंबर और कजाखिस्तान की टीम तीसरे स्थान पर रही है।  भारत की टीम ने बढ़िया प्रदर्शन कर यूएसए में होने वाली विश्व पॉवर लिफ्टिंग प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई किया है। दिल्ली लौटने पर उसका शानदार स्वागत किया जाएगा। रवि चौहान ने कहा कि वह आगामी प्रति

दुनिया की 50 फीसदी से ज्यादा नदियों के बहाव में कमी आयेगी

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० ज्ञानेन्द्र रावत ० जलवायु परिवर्तन वर्तमान में वैश्विक स्तर पर ऐसी समस्या बन गयी है जिससे निपटने को दुनिया के देश अपने स्तर से काम कर रहे हैं लेकिन समाधान मिलता नजर नहीं आ रहा है। इसमें भी सबसे चिंतनीय स्थिति यह है कि आज धरती तप रही है। उसमें सबसे बडी़ चिंता की बात यह है कि इसमें दिनोंदिन तेजी से बढो़तरी हो रही है। यह थमने का नाम नहीं ले रही है। वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के उद्देश्य से 2015 में 196 देशों ने पेरिस अंतरराष्ट्रीय जलवायु समझौते के तहत तय किया था। इस दिशा में अभी तक कितनी कामयाबी मिली है यह परखने का समय है।  हकीकत यह है कि अभी भी दुनिया पेरिस समझौते के लक्ष्य से बहुत दूर है और हाल फिलहाल उस लक्ष्य को पाने की उम्मीद भी कम है। मौजूदा हालात इसकी गवाही देते हैं। हकीकत यह भी है कि लोग अभी भी जलवायु परिवर्तन को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। सबसे खतरनाक स्थिति यह है कि दुनिया में ग्रीन हाउस गैसों के बढ़ने की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है जो शिखर पर पहुंचने के कगार पर है। हम दावे कुछ भी करें हकीकत यह है कि दुनिया में सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन