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साहित्‍य अकादमी ने बाल साहित्‍य पुरस्‍कार और युवा पुरस्‍कार 2019 की घोषणा की

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नयी दिल्ली - साहित्‍य अकादमी ने साहित्‍य अकादमी बाल साहित्‍य पुरस्‍कार 2019 के लिए 22 लेखकों तथा युवा पुरस्‍कार 2019 के लिए 23 लेखकों का चयन किया है। अगरतला में अकादमी के अध्‍यक्ष डॉ. चन्‍द्रशेखर काम्‍बर की अध्‍यक्षता में कार्यकारी बोर्ड की बैठक में पुरस्‍कार पाने वाले लोगों के चयन को स्‍वीकृति दी गई। केन्‍द्रीय पर्यटन तथा संस्‍कृति राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल ने पुरस्‍कार विजेताओं को बधाई दी है। पुरस्‍कार विजेताओं का चयन प्रत्‍येक भाषा में तीन सदस्‍यीय निर्णायक मंडलों द्वारा की गई सिफारिशों तथा निर्धारित नियमों और प्रक्रिया के आधार पर किया गया। प्रक्रिया के अनुसार कार्यकारी बोर्ड ने पुरस्‍कारों की घोषणा निर्णायक मंडल के सर्वसम्‍मत/बहुमत के आधार पर किया। मैथिली में पुरस्‍कार की घोषणा बाद में की जाएगी। बाल साहित्‍य पुरस्‍कार के लिए पुरस्‍कार उन पुस्‍तकों से संबंधित हैं, जो पुरस्‍कार वर्ष के पहले के 5 वर्षों की अवधि में(यानी 1 जनवरी, 2013 तथा 31 दिसम्‍बर, 2017 के बीच) पहले प्रकाशित हुई हों। लेकिन प्रारंभिक 10 वर्षों के दौरान यानी 2010 से 2019 तक पुरस्‍कार एक लेखक

जैसे रेप के लिए फांसी की मांग की जाती है, उसी प्रकार से फोर्स्‍ड एक्‍यूजर को भी हैंग करने की जरूरत है//बरखा त्रेहन

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मुंबई । पीड़ित पुरुषों के हक़ की लड़ाई लड़ने वाली दिल्ली की युवा समाज सेविका बरखा त्रेहन ने मुंबई में एक संवाददाता सम्‍मेलन में 'मीटू' प्रकरण में उन लोगों की जमकर लताड़ लगाई, जो गलत तरीके से मर्दों पर मीटू का आरोप लगाती हैं। बरखा ने ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की। बॉलीवुड अभिनेता नाना पाटेकर और हैदर काजमी के मामले को लेकर उन्‍होंने कहा कि ये समझना जरूरी है कि पुरूषों और महिलाओं के लिए एक समान कानून की जरूरत है। मी टू में कई केसेज ऐसे हैं, जो झूठे साबित हुए हैं। इन पर रोक लगाने के लिए ऐसे लोगों के कड़ी सजा मिलनी चाहिए। जैसे रेप के लिए फांसी की मांग की जाती है, उसी प्रकार से फोर्स्‍ड एक्‍यूजर को भी हैंग करने की जरूरत है। तभी मी टू का दुरूपयोग होना बंद होगा। बरखा इससे पहले पुरुष आयोग की मांग कर चुकी हैं और लंबे  समय से पुरुषों के अधिकार और पुरुष आयोग की मांग करती रहती हैं। इसी क्रम में आज उन्‍होंने अपनी राय बेबाकी से मुंबई में रखी और कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि समाज पितृसत्ता वाला है, जहां पुरूषों की मोनोपॉली है। लेकिन ऐसा नहीं है। अगर सिर्फ समाज सिर्फ मर्दो का होता

प्रधानमंत्री नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की अध्यक्षता करेंगे

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नयी दिल्ली - सबका साथ, सबका विकास तथा सबका विश्वास की भावना को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 5वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे। यह बैठक 15 जून को राष्ट्रपति भवन में होगी। गवर्निंग काउंसिल की बैठक में पदेन सदस्य के रूप में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, वित्त तथा कारपोरेट कार्य मंत्री, कृषि और किसान कल्याण मंत्री, ग्रामीण विकास तथा पंचायतीराज मंत्री भाग लेंगे। बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष, सदस्य, सीईओ तथा वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त विशेष आमंत्रित के रूप में सड़क परिवहन तथा राजमार्ग और सूक्ष्म लघु तथा मध्यम उद्यम मंत्री, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, रेल तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्री और सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन तथा नियोजन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भाग लेंगे। काउसिंल की 5वीं बैठक में भाग लेने वाले विशेष आमंत्रित में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, उपभोक्ता मामले, खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण मंत्री, जल शक्ति मंत्री तथा पशुपालन, डेयरी तथा मत्स्यपालन मंत्री शामिल हैं। पृष्ठभूमि :       गवर्निंग काउंसिल पिछले बैठक की कार्य

भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन होगा

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नयी दिल्ली - परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. के. सीवन के साथ इसरो के आगामी अंतरिक्ष मिशनों विशेषकर चन्द्रयान-2 के बारे में  नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। संवाददाता सम्मेलन में डॉ. जितेन्द्र सिंह ने वैज्ञानिक समुदाय की प्रतिबद्धता और कठोर परिश्रम की सराहना की और सामान्य जन के जीवन में सुधार में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के लाभों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि चन्द्रयान-1 चन्द्रमा में पानी का पता लगाने में उपयोगी साबित हुआ। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्ग दर्शन में बुनियादी ढांचा, आपदा प्रबंधन और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग ने सामान्य जन का जीवन आसान बना दिया है और सरकार के कल्याणकारी कार्यक्रमों का प्रतिपादन बेहतर हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया के अग्रणी देश के रूप में उभरा है। आगामी गगनयान मिशन के बारे में डॉ. सिंह ने कहा कि 2022 में आजादी की 75वीं वर्षगांठ तक भारत अपनी पहली मा

 सिक्किम में बिजली क्षेत्र के विकास के लिए सहयोग देने का आश्वासन

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नयी दिल्ली - सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने बिजली और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा, कौशल विकास तथा उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर. के. सिंह से मुलाकात की। तमांग ने सिंह को दोबारा मंत्री बनने पर बधाई दी। उन्होंने सिक्किम के विकास के लिए नई सरकार से समर्थन और सहयोग देने का आग्रह किया।  आर. के. सिंह ने सिक्किम में बिजली क्षेत्र और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए उन्हें हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया। उन्होंने केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न उपक्रमों द्वारा लागू की जा रही अलग-अलग परियोजनाओं के लिए सिक्किम सरकार से सहयोग देने का आग्रह किया।

भारतीय भाषाओं को सशक्त करना हमारा लक्ष्य - 'निशंक'

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नयी दिल्ली - केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने समीक्षा बैठकों के क्रम को आगे बढ़ाते हुए मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय भाषायी संस्थानों के प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक की। डॉ. 'निशंक' ने संस्कृत, हिंदी, उर्दू, सिन्धी, तमिल सहित भारतीय भाषाओं के लिए समर्पित संस्थानों को अधिक सशक्त बनाने पर बल दिया । इस अवसर पर मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे भी मौजूद रहे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय भाषाओं को सशक्त करना हमारा लक्ष्य है इसके लिए रिक्त पदों को शीघ्रातिशीघ्र भरना हमारी प्राथमिकता होना चाहिए। मंत्री जी निर्देश दिया कि  मंत्रालय के अधिकारियों के साथ केंद्रीय भाषायी संस्थानों के प्रमुखों की लगातार समीक्षा बैठक होती रहनी चाहिए जिससे भारतीय भाषाओं के विकास को लगातार गति मिल सके। डॉ. 'निशंक' ने कहा कि संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक प्रशिक्षित संस्कृत अध्यापकों की संख्या को बढ़ावा देने का लक्ष्य होना चाहिए ताकि संस्कृत भाषा को नया आयाम मिल सके। इसके माध्यम से हम दुनिया तक संस्कृत को पंहुचा सकते हैं। डॉ.

नई दिल्ली में प्रदर्शनी - ‘अस्तित्‍व: द एसेंस ऑफ प्रभाकर बर्वे’ का उद्घाटन हुआ 

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नयी दिल्ली - संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल ने आज नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट, नई दिल्‍ली में "अस्तित्‍व: द एसेंस ऑफ़ प्रभाकर बर्वे" नामक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया । 'अस्तित्व: द एसेंस ऑफ प्रभाकर बर्वे' प्रदर्शनी नई दिल्ली में आयोजित होने वाला अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है. प्रत्येक कृति बर्वे के कार्यों के विशेष चरण का प्रतिनिधित्व करती हैं। प्रदर्शनी के शुरू के खंड- रूप तंत्र में श्री बर्वे के सर जे.जे. स्‍कूल ऑफ आर्ट के शुरुआती कार्यों और उनका तांत्रिक संरचनाओं में परिवर्तन को प्रदर्शित किया गया है। वीवर्स सर्विस सेंटर में उनके साथी कलाकारों द्वारा बनाए गए डिजाइनों के साथ ही कुछ टेक्सटाइल कार्यों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें श्री बर्वे के अलौकिक परिवर्तन (इथिरीयल ट्रांजिशन्‍स) कार्य के माध्यम से उनकी तल्लीनता और डिजाइन के तंत्र में बदलने तथा अंततः स्वयं का स्‍वतंत्र में परिवर्तन होना परिलक्षित होता है। इस स्‍थान पर वर्ष 1958 से शुरू होकर 1977 तक की उनकी कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है। यह प्रदर्शनी रविवार 28 जुलाई, 2019