संदेश

केंद्रीय बजट पर व्यापारियों के संगठन "कैट" ने ख़ुशी जताई 

चित्र
सरकार ने देश में व्यापार और वाणिज्य को सुव्यवस्थित करने के लिए बहुतमहत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। घरेलू विनिर्माण और आंतरिक व्यापार, किफायती आवास, डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने, श्रम कानूनों को सुव्यवस्थित करने,  सोशल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना, विभिन्न क्षेत्रों केलिए ब्लू प्रिंट की स्थापना, ग्रामीण भारत को आधुनिक प्रणाली में शामिल करना, कारीगरों को वैश्विक बाजार से जोड़ना गैर बैंकिंग वित्त कंपनियां को महत्व देना बजट की महत्वपूर्ण घोषण हैं जो राष्ट्रीयअर्थव्यवस्था के लिए गेम चेंजर साबित होंगी। देश भर में बड़े बुनियादी ढांचे के विकास पर सरकार का ध्यान एक और महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो देश के व्यवस्थित विकास के लिए अत्यधिक आवश्यक है। नयी दिल्ली - कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने संसद में वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट को एक क्रांतिकारी दस्तावेज  बताया है जिसमें व्यापारी समुदाय और एसएमई क्षेत्र को प्राथमिकता में रखागया है । बजट में की गई घोषणाओं को अगर एक निश्चित समय सीमा के साथ रणनीतिक तरीके से लागू किया जाए तो निश्चित रूप से भारत को 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था में  बदलने में द

समकालीन यथार्थ को अभिव्यक्त करता “ सवालों का कारखाना ”

चित्र
   समीक्षक : डॉ. शेख अब्दुल वहाब, एसोसिएट प्रोफेसर, इस्लामिया महाविद्यालय तमिलनाडु नेपाली की चर्चित प्रगतिशील वामपंथी रचनाकार  सरिता तिवारी का अद्यतन नेपाली काव्य संग्रह 'सवालों का कारखाना' का प्रमोद धिताल द्वारा किया गया हिंदी अनुवाद मेरे सम्मुख है l सन् 2010 के पश्चात लिखी गयीं ये कविताएँ राजतन्त्र का अंत और गणतंत्र की स्थापना की पृष्ठभूमि में निम्न मध्यवर्गीय जनजीवन का संघर्ष और उनके विडम्बनापूर्ण जीवन का यथातथ्य दृश्य पाठकों के सामने उभारती हैं l “ सवालों का कारखाना ” (नेपाली कविताएँ) में 'पेट' से लेकर 'भागते – भागते नीली आँखों से' तक कुल 32 कवितायेँ हैं l समस्त कविताएँ सरिता की वैचारिकता के प्रमाण प्रस्तुत करती हैं l कविताओं में नेपाली राजनीतिक परिदृश्य की आलोचना है, जीवन की विसंगतियों और विभीषिकाओं का चित्रण है l नारी जीवन की त्रासदी है l राजनीतिक अवसरवादिता पर प्रहार है l वैश्वीकरण के दुष्प्रभाव के चित्र अंकित हैं l स्त्री के प्रति पुरुष सत्ता की दमन नीति की भर्त्सना है l व्यवस्था के प्रति प्रतिरोध का स्वर है l आधुनिकता से आगे उत्तर आधुनिकता का विद्

देश के सामाजिक क्षेत्रों और गरीबों की बेहतरी के लिए डाटा तैयार किया जाना चाहिए

चित्र
विभिन्न मंत्रालयों में बिखरे पड़े डाटाबेस को एक जगह एकत्रित करके नागरिकों को बेहतर सेवाओं का अनुभव कराया जा सकता है, यानी सरकार इसके जरिये अपने नागरिकों को बेहतर सेवा मुहैया करा सकती है। इससे कल्याणकारी योजनाओं में त्रुटि की आशंका भी कम होगी। विभिन्न क्षेत्रों में एकत्रित किए गए डाटा का अब तक इस्तेमाल नहीं हो पाया है। सरकार को चाहिए कि सामाजिक रूप से जरूरी डाटा का उपयोग सुनिश्चित किया जाए। सरकार को इस क्षेत्र में कदम उठाने की आवश्यकता है। लोगों की बेहतरी के लिए डाटा को एकत्रित करने के दौरान निजता की जटिलता को ध्यान रखा जाना चाहिए और इनके उपयोग में पारदर्शिता बरतनी होगी। नयी दिल्ली - केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आर्थिक समीक्षा 2018-19  संसद में पेश की। आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि जहां लाभ नहीं होता है वहां निजी क्षेत्र निवेश नहीं करता है, इसलिए सरकार को इस क्षेत्र में हस्तक्षेप करना चाहिए और लोगों के कल्याण के लिए देश के सामाजिक क्षेत्र और गरीबों की बेहतरी के लिए डाटा तैयार किया जाना चाहिए। सरकारों के पास पहले से ही नागरिकों के प्रशासनिक,

वर्ष 2018-19 में 10.6 मिलियन विदेशी पर्यटक भारत आए

चित्र
2017-18 में 10.4 मिलियन की तुलना में, 2018-19 में विदेशी पर्यटन आगमन (एफटीए) 10.6 मिलियन रहा है। वृद्धि के संबंध में, एफटीए की वृद्धि दर 2017-18 में 14.2 प्रतिशत से घटकर 2018-19 में 2.1 प्रतिशत हो गई है। पर्यटन से प्राप्‍त होने वाली विदेशी मुद्रा आय (एफईई) 2017-18 में 28.7 अरब अमरीकी डॉलर से 2018-19 में घटकर 27.7 अरब अमरीकी डॉलर रह गई है। वृद्धि के संबंस में एफईई 2017-18 में 20.6 प्रतिशत से घटकर 2018-19 में -3.3 प्रतिशत हो गया है नयी दिल्ली - केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने संसद में वर्ष 2018-19 की आर्थिक समीक्षा पेश की। सेवा क्षेत्र का भारत के सकल संवर्धित मूल्‍य (जीवीए) में 54 प्रतिशत का योगदान है। इसकी वृद्धि दर 2017-18 के 8.1 प्रतिशत से कम होकर 2018-19 में 7.5 प्रतिशत रह गई। जिन क्षेत्रों में मंदी देखी गई, वे हैं - पर्यटन, व्‍यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण संबंधी सेवाएं, लोक प्रशासन और रक्षा। वित्‍तीय, रियल एस्‍टेट और व्‍यावसायिक सेवाओं की श्रेणी में तेजी देखी गई। 2017-18 के 10.4 मिलियन की तुलना में 2018-19 में 10.6 मिलियन पर्यटक भारत

आने वाले दो दशकों में देश की जनसंख्या वृद्धि दर में काफी गिरावट देखी जाएगी

चित्र
देश में गर्भधारण क्षमता दर में आई गिरावट के कारण 0-19 वर्ष की आयु वर्ग वाले लोगों की जनसंख्या आश्चर्यजनक रूप से बढ़ी है। देश में टीएफआर दर 2021 तक भरपाई नहीं किए जाने के स्तर तक गिर जाएगी। जनसंख्या में 0-19 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं की संख्या 2011 के उच्चतम स्तर 41 प्रतिशत से घटकर 2041 में 25 प्रतिशत रह जाएगी। दूसरी ओर आबादी में 60 वर्ष आयु वर्ग वाले लोगों की संख्या 2011 के 8.6 प्रतिशत से बढ़कर 2041 तक 16 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। कामगार आबादी की संख्या 2021-31 के बीच 9.7 मिलियन प्रति वर्ष की दर से बढ़ेगी और 2031-41 के बीच यह घटकर 4.2 मिलियन प्रति वर्ष रह जाएगी। नयी दिल्ली - केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की ओर से संसद में पेश की गई 2018-19 की आर्थिक समीक्षा में भारत की जनसंख्या पर प्रकाश डालते हुए कहा गया है कि आने वाले दो दशकों में देश की जनसंख्या वृद्धि दर में काफी गिरावट देखी जाएगी। हालांकि बड़ी संख्या में युवा आबादी की वजह से देश को जनसांख्यिकीय लाभांश का फायदा मिलता रहेगा, लेकिन 2030 की शुरूआत से कुछ राज्यों में जनसंख्या स्वरूप में बदलाव से अधि

सभी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी

चित्र
किसानों को लाभ का कम से कम 50 प्रतिशत मार्जिन देने वाली न्यूनतम समर्थन मूल्य नीति 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने तथा किसानों के कल्याण में ठोस सुधार करने की दिशा में उठाए गए महत्वपूर्ण और प्रगतिशील कदमों में एक है नयी दिल्ली - किसानों की आमदनी को बड़ा प्रोत्साहन देते हुए आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 2019-20 सत्र के लिए सभी खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है। इस कदम से निवेश में वृद्धि होगी और किसानों को निश्चित लाभ प्राप्त होने के माध्यम से उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। 2018-19 के खरीफ मौसम में सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य इस प्रकार बढ़ाया गया हैः- सरकार ने 2019-20 के लिए खरीफ फसल के तौर पर सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 311 रुपये प्रति क्विंटल,सूरजमुखी में 262 रुपये प्रति क्विंटल और तिल में 236 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी कर दी है। किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। सरकार ने तूर दाल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 125 रुपये और उड़द दाल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 100 रुपये प्रति क्विंटल वृद्धि की है। इससे

8 जुलाई को घोषित होंगे केन्द्रीय विद्यालय संगठन के भर्ती परिणाम

चित्र
केन्द्रीय विद्यालय संगठन द्वारा अधिकारियों, शिक्षकों एवं गैर-शैक्षिक कार्मिकों के पदों पर सीधी भर्ती द्वाराचयन करने हेतु 2018 में भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। अभी तक केन्द्रीय विद्यालय संगठन द्वारा कुल 1944 पदों के परिणाम घोषित किये जा चुके हैं और नियुक्तियां प्रदान की जा चुकी हैं। नयी दिल्ली - केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने केन्द्रीय विद्यालय संगठन में सात हजार से अधिक शिक्षकों एवं अन्य कार्मिकों केरिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। केन्द्रीय विद्यालय संगठन द्वारा विभिन्न पदों पर चयनहेतु आयोजित की गई परीक्षाओं के माध्यम से 7499 पदों के परिणाम 8 जुलाई को घोषित किये जाएंगे। केन्द्रीय मानवसंसाधन विकास मंत्री डॉ.   रमेश पोखरियाल निशंक ने नई दिल्ली में आयोजित केन्द्रीय विद्यालय संगठन के 8वें उपायुक्तसम्मेलन में यह घोषणा की। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय रिक्त पड़े पदों को शीघ्र भरने के लिए गंभीर है। रिक्त पदों को भरकर हम केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री ने देश क