दिल्ली के झुग्गी झोपड़ी में अवैध रूप से बसे लाभान्वित होने वाले लोगों की पहचान करने के लिए सर्वे किया जायेगा
डीयूएसआईबी और डीडीए अपनी वेबसाइटों के जरिये ऑनलाइन आवेदन फॉर्म की व्यवस्था करेंगे, ताकि लाभान्वितों को पीएमएवाई (यू) के सभी स्तरों के तहत लाभ मिल सके। इन फॉर्मों को कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के जरिये भी जमा किया जाएगा। डीयूएसआईबी झोपड़ पट्टी में रहने वालों के पुनर्वास का काम देखेगी, जबकि डीडीए अन्य शहरी गरीबों की आवास की मांग को देखेगी नयी दिल्ली - आवास और शहरी कार्य मंत्रालय में सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने डीयूएसआईबी से कहा है कि वह दिल्ली के झुग्गी झोपड़ी समूहों (जेजेसी) में अवैध रूप से बसे लाभान्वित होने वाले (झोपड़ पट्टियों में रहने वाले) योग्य लोगों की पहचान करने के लिए मांग सर्वेक्षण पूरा करे। श्री मिश्रा ने यह भी निर्देश दिया है कि दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार (जीएनसीटीडी) 17,660 निर्मित आवासों और करीब 16,000 निर्माणाधीन आवासों के बारे में आवास और शहरी कार्य मंत्रालय को स्थिति रिपोर्ट सौंपे। मिश्रा जीएनसीटीडी, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) और दिल्ली राज्य औद्योगिक और अवसंरचना विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) के