जॉब करने वाली स्त्रियों के फैशन जॉब
जॉब परिवार को चलाने की एक गाड़ी है जिसमें जीवन के सब सपने हैं और इस गाड़ी को पहले घर के मुखिया यानि पुरुषवर्ग चलाता था । तब छोटे छोटे सपने छोटे छोटे खर्च होते थे किन्तु अब इस युग में जहां अबला , सबला बन चुकी हैं, पढ़ाई में अव्वल आ रहीं हैं ,वहीं पुरुषों के साथ प्रत्येक क्षेत्र में कन्धे से कन्धा मिला कर चल रही हैं । गृहस्थी की गाड़ी चलाने में भी स्त्रियां पुरुषों का भरपूर साथ दे रही हैं। जॉब का सम्बन्ध समाज के प्रत्येक तबके से है। इस को कई हिस्सों में बांटा जा सकता है । गरीब वर्ग----यहां स्त्रियाँ घरों में चौका बरतन करती हैं फैक्ट्रियों में काम करती हैं । अपनी योग्यता अनुरूप कोई न कोई काम ढूंड ही लेती हैं अपने ,अपने बच्चों के , परिवार के सपने पूरा करने की कोशिश करती हैं।यहां स्त्रियां अधिकतर शादीशुदा होती हैं। मध्यम वर्ग------यहां स्त्रियाँ शादीशुदा व कुंवारी दोनों होती हैं। शादीशुदा वर्तमान संवारने का प्रयास करती हैं और कुंवारी आगामी सपनों को पूरा करने के लिये तत्पर रह्ती हैंं। इनको हम कई वर्गों में विभक्त कर सकते हैं। एक वे जो काफी शिक्षित होती हैं और उंचे पदों पर विराजमान होती हैं जैस