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हर घर की यही कहानी

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किसको सुनाएं अपनी दारुण कथा। आज जो भी मिलता है अपनी कथा अपनों के ही दिये जाने वाले  दुःख दर्द की कहानी वयां करता है। हर घर की कहानी लगभग एक ही सीरियल की तरह है।सास सासुओं के झुरमुट में बहुओं की सारी कहानी शादी के बाद से नाती होने तक की प्रत्येक सीन की तरह सुनाती है। कभी सिर पर मारती है कभी छाती पीटती है। बहू ने मेरे बेटे पर जादू कर डाला है  हम से बोलता तक नहीं, आंखों से गंगा-जमुना बहाना तो बुढ़िया का हर दिन का काम है।नमक मिर्च मिलाने वाले तथा इधर की उधर करने वालों की कमी नहीं है। मतलब सिद्ध करने के लिए बहू के साथ भी ठीक और सासु के साथ भी आंखें मटका कर बात  कर लेती है साथ ही मेरा नाम मत लेना तेरी बहू ऐसा कह रही थी राम राम जमाना बहुत बुरा है । मेरे बहू बेटे अभी मेरे हाथ में हैं मैं जैसा कहती हूं मजाल क्या जो टाल जायं।  यह इसलिए ताकि ये महारानी हमारे घर का भेद न ले सके। वहां की राम कहानी तो और भी भयंकर है।  कुछ खुले मन की होती हैं और कुछ दूसरे का भेद ले लेती हैं अपना नहीं बताती। अधिकतर इन्ही बातों से परिवार बिगड़ते जा रहे। दूसरों पर विश्वास आम बात हो गई है। अपनों पर नहीं। जहां बुजुर्ग पति

फिल्म "चाणक्य" में रावत देव गोस्वामी अभिनय का जलवा बिखेरते नजर आएंगे

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अनुमान है कि दशहरा में रिलीज़ होने वाली दक्षिण भारतीय भाषी फिल्म जो हिंदी में डब हो कर आने वाली है फिल्म चाणक्य में अभिनेता गोपी चंद के साथ रावतदेव गोस्वामी भी अपने अभिनय का जलवा बिखेरते नजर आएंगे। बाड़मेर,थारू,राजस्थान के रावत देव गोस्वामी स्कूली शिक्षा के दौरान ही नाटकों में भाग लेते रहे अनेक नुक्कड़ नाटक में काम करते करते, धीरे-धीरे राजस्थानी फिल्म में काम कर अपनी पहचान बनाने लगे थे। धीरे धीरे इनके अभिनय और प्रतिभा ने बॉलीवुड तक दस्तक दे दी और प्रसिद्ध हिंदी फिल्म में एंट्री हुई। सलमान खान की हिंदी फिल्म बजरंगी भाई जान में छोटा ही सही किरदार निभाकर अपने पहचान बनाई। इस फिल्म में रावतदेव गोस्वामी ने एक पाकिस्तानी पुलिसकर्मी की भूमिका निभाई ।   दक्षिण भारत के अभिनेता गोपीचंद के फिल्म चाणक्य जो बहुत जल्द पर्दे पर देखने को मिलेगा इसमें रावत देव गोस्वामी काम करते नजर आएंगे। अनुमान है कि फिल्म रिलीज़ इसी महीने में दशहरा पर होगी । इस फिल्म के निर्देशक:थिरु संगीतकार:,विशाल चंद्रशेकर,कहानीकार:थिरु,पटकथा: थिरु। रावत देव गोस्वामी की एल्बम छोटी सी उमर, हम हैं जो गीदार,ये खुदा,  ओ वीरा, मोला मेरे म

वायु सेना के मार्शल एवं श्रीमती अर्जन सिंह ट्रस्ट सम्मानित

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नयी दिल्ली - मार्शल ऑफ एयर फ़ोर्स अर्जन सिंह डीएफसी, पद्म विभूषण ने 1965 में पाकिस्तानी आर्मर ऑफेन्सिव "ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम" नाम के कोड को रोककर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें 1989 में दिल्ली के उपराज्यपाल के रूप में भी नियुक्त किया गया था। उन्होंने और उनकी पत्नी श्रीमती तेजी सिंह ने 22 सितंबर, 2004 को उक्त परोपकारी ट्रस्ट की स्थापना के लिए 2.25 करोड़ रुपये के अपने व्यक्तिगत धन का योगदान दिया था। भारतीय वायु सेना ने वायु सेना के मार्शल एवं श्रीमती अर्जन सिंह ट्रस्ट को सम्मानित किया। सम्मानित करने का कार्यक्रम ट्रस्ट के स्थापना दिवस पर आकाश वायु सेना के अधिकारियों के मेस, नई दिल्ली में एक समारोह के दौरान आयोजित किया गया, जिसमें एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ पीवीएसएम एवीएसएम वाईएसएम वीएम एडीसी चेयरमैन, चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी एवं चीफ ऑफ एयर कमेटी और सेवानिवृत्त वायु सेना अध्यक्ष, ट्रस्टी और भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। वायु सेना प्रमुख ने अपने भाषण में ट्रस्ट के संस्थापकों का आभार व्यक्त किया और ट्रस्ट द्वारा उनकी विधवाओं और आश्रितों सहित सेवारत और सेवानिवृत्त वायु यो

भीड़ को बुद्धिजीवी वर्ग,बहुजन समाज में बदल दे,तो बहुजनों की समस्याओं का समाधान संभव

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नयी दिल्ली -  डा.अम्बेडकर समाज संघ (अनोमा बुद्ध विहार),राजनगर।।,पालम कालोनी के सौजन्य से भारतीय समाज निर्माण संघ के तत्वावधान में एक सभा का आयोजन,अम्बेडकर भवन(अनोमा बुद्ध विहार),राजनगर।।,पालम कालोनी में किया गया। *विभिन्न जातियों की जेल से निकल कर,बहुजन लोग  मनुवाद के विरोध में सडक पर आ रहे हैं, जो बहुजन समाज निर्माण की प्रक्रिया का आरम्भ व संकेत है। यदि इस भीड़ को बुद्धिजीवी वर्ग,बहुजन समाज में बदल दे, तो बहुजनों की सभी समस्याओं का समाधान संभव हो सकता है। *इस विषय पर गहन चर्चा की गई तथा बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर के द्वारा बताए गए रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया।प्रोग्राम में उपस्थित हुए सभी बुद्धिजीवी आगुन्तकों ने बहुजन समाज के लोगों को अपने-2 विचारों से अवगत कराया। जिसमें उद्घाटक: मा. डा. संदीप, दिल्ली विश्वविद्यालय। मुख्य वक्ता: मा.गौहर रजा,पूर्व मुख्य वैज्ञानिक एवं बहुजन चिन्तक। वक्ता गण: मा. एम.एस.पुष्कर, सदस्य अम्बेडकर समाज संघ। मा.वी.पी.सिंह,अध्यक्ष कबीर आश्रम। मा. बीर सिंह बहोत,राष्ट्रीय महासचिव  बी.एस.एन.एस.। अध्यक्षता:मा.डी.डी.कल्याणी,राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.एस.एन.एस.। आर

नाटक "प्यार तेरा पाने को" हुआ सफल मंचन 

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नयी दिल्ली - लोक कला मंच,लोधी रोड में भव्य कल्चर सोसाइटी व गुनगुन आर्ट्स एंड कल्चरल सोसाइटी के अंतर्गत लेखक प्रेम भारती का लिखा रोमांटिक व हास्य नाटक -'प्यार तेरा पाने को' का संजय अमन पॉपली के सफल निर्देशन में मंजन किया गया, जिसके संयोजक सुनील कुमार ढींगरा व गायक धीरज आनंद है नाटक का कथानक कुछ इस प्रकार है- चंदर( संजय अमन पोपली) सीमा( वंदना कपूर ) पति पत्नी है चंद्र फौज से रिटायरमेंट लेकर आ गया है । उसे शायरी का शौक है। अब फिल्मों में गाने लिखने के लिए एक निर्माता निर्देशक जेटली (विजय शर्मा ) के संपर्क में आता है ।जेटली भोले भाले कलाकारों को पहले आशा , फिर झांसा देकर शोषण किया करता है व रीना (अंजली सिंह ) के अलावा चंद्र की पत्नी सीमा पर भी बुरी नजर रखता है । सीमा स्कूल मे संगीत की टीचर है ।घर का खर्चा उठाती है ,बावजूद इसके माते शशि बाला ( नीना गुप्ता) पति पत्नी के बीच किसी ना किसी बात को लेकर झगड़ा, कलह कराएं रखती है व उन्हें मिलने नहीं देती । चंद्र मजबूरी मे माते के इशारों पर नाचता है ।घर में चंद्र की बहन कविता( श्रुति झा) है जो कब्ज व पेट दर्द से परेशान रहती है ‌। एक नौकर सि

भारत और मंगोलिया न केवल 'सामरिक साझीदार' हैं, बल्कि अपनी साझा बौद्ध विरासत से जुड़े 'आध्यात्मिक पड़ोसी' भी हैं

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नयी दिल्ली - राष्ट्रपति ने कहा कि भारत मंगोलिया के साथ अपने घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों को बहुत महत्व देता है। उन्‍होंने कहा कि भारत और मंगोलिया 'सामरिक साझीदार' ही नहीं बल्कि अपनी साझा बौद्ध विरासत से जुड़े 'आध्यात्मिक पड़ोसी' भी हैं। राष्‍ट्रपति ने कहा कि उन्हें इस बात का हर्ष है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में अब बुनियादी ढांचे, अंतरिक्ष और डिजिटल संपर्क जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग का विस्तार हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि दोनों देश साइबर सुरक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, आपदा प्रबंधन, खनन और पशुपालन के क्षेत्र में भी परस्‍पर सहयोग कर रहे हैं।       राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में मंगोलिया के राष्ट्रपति कोट्टमगिगीं बत्तुलगा की मेजबानी की। उन्होंने मंगोलिया के राष्‍ट्रपति के सम्‍मान में एक प्रीतिभोज की भी मेजबानी की।         राष्ट्रपति बत्तुलगा का भारत में स्वागत करते हुए, राष्ट्रपत राम नाथ कोविंद ने कहा कि पिछले दस वर्षों में किसी मंगोलियाई राष्ट्रपति की यह प्रथम भारत यात्रा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह यात्रा भारत-

अल्ट्रा मैराथन - "ग्लोरी रन" कारगिल से रवाना

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कोहिमा और कारगिल उत्तर भारत के पूर्व में और उत्तर में स्थित सबसे महत्वपूर्ण चौकी हैं जहां क्रमशः 1944 और 1999 में दो बड़े युद्ध हुए थे। के2के - ग्लोरी रन शुरू हुआ है जिसका समापन 6 नवंबर 2019 को होगा। इस अनूठे प्रयास में, 25 वायु योद्धाओं की एक टीम 45 दिनों में 4500 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी यानि औसतन 100 किलोमीटर प्रति दिन की दूरी तय करेगी। इस अभियान का उद्देश्य पैदल यात्री सुरक्षा और हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फिट इंडिया मूवमेंट को बढ़ावा देना और उन बहादुर जांबाजों को श्रद्धांजलि देना भी है जिन्होंने हमारी मातृभूमि के लिए अपना बलिदान दिया है।  कारगिल से कोहिमा (के2के) अल्ट्रा मैराथन - "ग्लोरी रन" को द्रास स्थित कारगिल वॉर मेमोरियल से एयर वाइस मार्शल पीएम सिन्हा. एवीएसएम, वीएसएम, एयर ऑफिसर कमांडिंग, जम्मू-कश्मीर द्वारा रवाना किया गया। कारगिल विजय के 20वें वर्ष के अवसर पर और भारतीय वायुसेना की सच्ची परंपरा और आदर्श वाक्य अर्थात “टच द स्काई विद ग्लोरी”, के लिए कारगिल से कोहिमा (के2के) अल्ट्रा मैराथन - "ग्लोरी रन" का एक अभियान आईएएफ द्वारा कार