मानव सभ्यता को नया आयाम देने का कार्य शिल्पकारों ने ही किया
लेखक > विजय सिंह बिष्ट शिल्पज्ञान के प्रर्वतक भगवान विश्वकर्मा ने संसार के समस्त प्राणियों को अपनी तूलिका और हस्तकौशल से रचा और बसाया है " विश्वं सर्वकर्म क्रियमाणस्य स: विश्वकर्मा समर्थक " सृष्टि का सृजन जिनकी क्रिया है वह विश्व कर्मा हैं। मानव सभ्यता को नया आयाम देने का कार्य परंपरागत शिल्पकारों ने ही किया है। सभी मनुष्यों के लिए उपकरणों का निर्माण वैदिक काल से विकसित किया गया।अग्नि का अभूतपूर्व आविष्कार जीवन शैली को बदलने और सभ्य सुसंस्कृत करने में सहायक हुआ। मानवीय आवश्यकताओं की दैनिक पूर्ति के लिए शिल्पकारों द्वारा राजाओं से लेकर साधारण किसान तक के लिए उपकरणों का विकास किया। यज्ञ के लिए मिट्टी काष्ठ, तांबा,कांसाऔर सोने चांदी के यज्ञपात्रों से लेकर यज्ञमंडप का निर्माण, राजाओं के लिए अस्त्र शस्त्र,कवच रथों का निर्माण एवं किसानों के लिए हल,फाल,कुदाल,कूटने पीसने के लिए काटने फाड़ने तथा तरासने के लिए छैनी हत्थोड़ी,का निर्माण किया। आज इस को उद्योग कहा जाता है।इसी को पुराने जमाने में शिल्पशास्त्र कहा जाता था। परंपरागत शिल्पकारों ने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी इतिहास के पन्न