संदेश

माल्या-अडानी के लिए पैसा है, किसान के लिए नहीं - पी साईनाथ

चित्र
वाराणसी । देश के जाने-माने पत्रकार पी.साईंनाथ ने इस बात पर चिंता जताई कि भारत में किसानों की आमदनी तेज़ी से कम हो रही है। किसान अपने ही खेतों में मज़दूर की तरह हो गए हैं जो कॉरपोरेट के फ़ायदे के लिए काम कर रहे हैं।  साईनाथ पराड़कर भवन में पत्रकारों पर होने वाले हमलों के खिलाफ गठित समिति काज की उत्तर प्रदेश इकाई की ओर से आयोजित संवाद कार्यक्रम में बोवल रहे थे। ग्रामीण इलाकों में पत्रकारिता के बुनियादी सवालों को उठाते हुए आंचलिक इलाकों के पत्रकारों की समस्याओं को रेखांकित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में काम करने वाले पत्रकार सही मायने में काम कर रहे हैं। हमले भी इन्हीं पत्रकारों पर हो रहे हैं। हाल के सालों में जितने में पत्रकारों की हत्याएं हुईं उनमें सभी ग्रामीण पत्रकार थे और वो क्षेत्रीय भाषाओं में काम करते थे। अंग्रेजी अखबारों में काम करने वाले पत्रकारों पर हमले होते ही नहीं। देश में ऐसा कोई भी आंकड़ा मौजूद नहीं है। सियासी दल और माफिया गिरोह अंचलों में काम करने वाले पत्रकारों को ही निशाना बनाते रहे है। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। उन्होंने पत्रकारों को सतर्क रहने की बात क

स्कूल के शिक्षकों के लिए एजुकेशनल इनिशिएटिव्स पी आई एस ए रैंकिंग में सुधार के लिए सम्मेलन आयोजित

चित्र
चंडीगढ़ / पी आई एस ए रैंकिंग में सुधार के लिए भारतीय छात्रों को कौशल और वैचारिक शिक्षा का मजबूत आधार बनाने की आवश्यकता है। इस जरूरत की पहचान के बाद भारत का पसंदीदा शैक्षणिक समाधान प्रदाता एजुकेशनल इनिशिएटिव्स चंडीगढ़ में सम्मेलन का आयोजन किया गया । स्कूल के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को लक्षित करते हुए यह सम्मेलन पी आई एस ए 2021 पर केंद्रित रहा । इसमें यह पता लगाने की कोशिश की गई कि पी आई एस ए के लिए तैयार होने के लिए अच्छे प्रश्न पूछने की ताकत का लाभ कैसे उठाया जा सकता है।  अपने विश्व-स्तरीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त छात्रों के मूल्यांकन और बेंचमार्किंग कार्यक्रमों- शिक्षक मूल्यांकन और जरूरतों को पहचानने के साथ ही परीक्षाओं व शैक्षणिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करते हुए  एजुकेशनल इनिशिएटिव्स कक्षा 6-9 के छात्रों को पी आई एस ए के लिए तैयार होने में मदद कर सकता है। एजुकेशनल इनिशिएटिव्स के ए एस एस ई टी (असेट) टेस्ट को यू ए ई के शिक्षा मंत्रालय और दुबई के ज्ञान व मानव विकास प्राधिकारी ने देश के सभी भारतीय स्कूलों के लिए अनुमोदित किया है। यह स्कूलों की बेंचमार्किंग के लिए

ऊबर ने 50,000 ड्राईवर पार्टनर्स को जेंडर-बेस्ड हिंसा के बारे में जागरुक किया

चित्र
नयी दिल्ली / उद्योग में सुरक्षा के सर्वोच्च मापदंड स्था पित करने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत, दुनिया की सबसे बड़ी ऑन-डिमांड राईड-शेयरिंग कंपनी, ऊबर ने दिल्ली स्थित एनजीओ मानस फाउंडेशन के साथ साझेदारी की है। यह एनजीओ मैंटल हेल्थ, जेंडर ईक्विटी व न्याय के क्षेत्र में पिछले 15 सालों से काम कर रही है। इस एनजीओ के साथ साझेदारी में ऊबर ने इस साल आठ शहरों में 50,000 से ज्यादा ड्राईवर पार्टनर्स के लिए जेंडर सेंसिटाईज़ेशन वर्कशॉप का आयोजन किया गया हैं, जिनमें 14000 से ज्यादा ड्राईवर पार्टनर दिल्ली में हैं।  'इंटरनेशनल डे फॉर द एलिमिनेशन ऑफ वॉयलेंस अगेंस्ट वूमैन' के मौके पर जेंडर-बेस्ड हिंसा के खिलाफ 16 दिनों की एक्टिविज़्म शुरू हुई। ऊबर ने इस कार्यक्रम का प्रसार करने का संकल्प लिया है, जिसे काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। इसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा ड्राईवर पार्टनर्स को इस अभियान का एक्सपोज़र प्रदान करना है। ऊबर का मानना है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा सारे देश की विस्तृत समस्या है। इस समस्या का समाधान सहयोगात्मक दृष्टिकोण से करने की जरूरत है। ऊबर ऐप का उपयोग करने वाले हर व्यक्ति की सु

आधार,10 वर्षों के बाद : भारत के अनूठे डिजिटल पहचान के सबसे बड़े सर्वेक्षण की 10 बातें 

चित्र
स्टेट ऑफ़ आधार 2019 की स्थिति को लेकर तैयार की गयी रिपोर्ट देश भर में किये गए अध्ययन पर आधारित है, जिसमें देश के 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 167,000 परिवारों के अनुभवों और विचारों का लेखाजोखा है। आधार राष्ट्रीय स्तर पर दुनिया भर का सबसे बड़ा डिजिटल पहचानपत्र   है और यह आधार के प्रयोग का सबसे बड़ा बुनियादी डाटासेट है ।  नई दिल्ली  : अग्रणी सामाजिक प्रभाव के सलाहकार समूह, डालबर्ग ने 'स्टेट ऑफ़ आधार: ए पीपुल्स पर्सपेक्टिव रिपोर्ट' (आधार की स्थिति : जनविचार) रिपोर्ट को जारी किया, जिसमें आधार के अध्ययन के डाटा आधारित विचार हैं जो इसके आंतरिक बातों को समझने में सहायक हो सकते हैं।   आधार भारतीय नागरिकों के लिए एक सार्वजनिक पहचान कार्यक्रम है और इस अध्ययन से पता चलता है की लोगों का अनुभव इसे लेकर कैसा रहा - इसे कैसे इस्तेमाल किया जाता है , कैसे अपडेट करते हैं और सार्वजनिक और निजी सेवाओं के लिए इसका कैसे उपयोग होता है , और साथ ही इसके इस्तेमाल से जुडी उनकी व्यापक संवेदनाएं और विश्वास क्या है। साथ ही यह डाटा बताता है कि आधार की कौन सी बातें जरूरी है

एमडीआई गुड़गांव और थिंक कल्चर फाउंडेशन ने थिंक कल्चर कॉन्क्लेव 2019 की मेजबानी करने के लिए साझेदारी की

चित्र
"कल्चरली कॉन्शियस कॉन्शियसशिप" के विषय पर , इस कॉन्क्लेव में एक महत्वपूर्ण अनिवार्यता के रूप में व्यापारिक इकोसिस्टम में सांस्कृतिक संवेदनशीलता स्थापित करने के लिए प्रयास किया गया गुड़गांव : थिंक कल्चर कॉन्क्लेव 2019 का आयोजन करने के लिए भारत के एक अग्रणी बी - स्कूल , मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट ( एमडीआई ) गुड़गांव ने थिंक कल्चर फाउंडेशन ( टीसीएफ ) के साथ हाथ मिलाया है। " कल्चरली कॉन्शियस कॉन्शियसशिप " के विषय के साथ , इस कार्यक्रम में व्यापारिक इकोसिस्टम में क्रॉस - कल्चर को बढ़ावा देने के साथ - साथ 2020 के बढ़ते विविध कार्यबल के बीच संगठनात्मक तालमेल के लिए सांस्कृतिक संवेदनशीलता का प्रचार करने की जरूरत पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस वार्षिक सम्मेलन का नवीनतम संस्करण   एमडीआई गुड़गांव परिसर में आयोजित हुआ , और इसमें क्षेत्र के प्रमुख सीएक्सओ , उद्यमी और शिक्षाविदों व अन्य सहित प्रतिष्ठित गणमान्य लोगों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक चेतन

नए 'मेडिकल उपकरण रेगुलेशन' के विरोध में व्यापारी,कहा तबाह हो जाएगा व्यापार*

चित्र
• ' चिकित्सा उपकरणों की परिभाषा को ओवर-स्टेप किया गया है'* • *'मरीजों और सस्ती स्वास्थ्य व्यवस्था पर अधिक बोझ'* • *'लाइसेंस शुल्क अनावश्यक रूप से अधिक है'* •  *'ये निवेश में कटौती करेगा'*   नयी दिल्ली : 'द सर्जिकल मैन्युफैक्चरर्स एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन' ने भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित 'ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940' के तहत सभी चिकित्सा उपकरणों को विनियमित करने के लिए नए मापदंड के खिलाफ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किया। एसोसिएशन ने अपनी शिकायतें व्यक्त की कि नई नीति संपूर्ण चिकित्सा उपकरण व्यापार और उद्योग को स्वाहा कर देगी। 'ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट' के एक दायरे में सभी चिकित्सा उपकरणों को विनियमित करना, विवाद की असल जड़ है।    इस नए अधिसूचना से बी.पी. मॉनिटर्स, डिजिटल थर्मामीटर, ग्लूकोमीटर और नेब्युलाइज़र और आदि, 'ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940' के तहत आएँगे।    "उन्होंने चिकित्सा उपकरण की परिभाषा को ओवर-स्टेप किया है। नए अधिनियम में उल्लिखित चिकित्सा उपकरणों की परिभाषा बहुत व्यापक है। डीसीए के नियमों में सभी

सिटी फुटबॉल ग्रुप ने इंडियन सुपर लीग की टीम मुंबई सिटी एफसी में बड़ी हिस्सेदारी खरीदी

चित्र
मुंबई सिटी एफसी में 65% हिस्सेदारी लेने के लिए सिटी फुटबॉल ग्रुप ( CFG ) सहमत।  इंडियन सुपर लीग की टीम, सिटी फुटबॉल ग्रुप (सीएफजी) नेटवर्क का आठवां क्लब होगी।  अभिनेता और फिल्म निर्माता रणबीर कपूर माइनॉरिटी शेयरधारक के रूप में क्लब के साथ जुड़े रहेंगे।  डेमियन विलोबी , सिटी फुटबॉल ग्रुप इंडिया के सीईओ होंगे।  मुंबई , भारत और मैनचेस्टर , इंग्लैंड –  अंतराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त सिटी फुटबॉल ग्रुप (सीएफजी) ने इंडियन सुपर लीग की टीम मुंबई सिटी एफसी में मैज्योरिटी स्टेक हासिल करने के समझौते पर सहमति जताई है। मुंबई सिटी एफसी, सिटी फुटब़ल ग्रुप नेटवर्क का आठवां क्लब होगा। सीएफजी क्लब के पास 65% शेयर होंगे वहीं मौजूदा शेयरधारकों , अभिनेता और फिल्म निर्माता रणबीर कपूर और बिमल पारेख के पास संयुक्त रूप से 35% हिस्सेदारी रहेगी। यह निवेश कुछ फुटबॉल निकायों की मंजूरी के बाद पूरा हो जाएगा।  अधिग्रहण की घोषणा सीएफजी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी फेरान सोरियानो और फुटबॉल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड एवं रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन श्रीमती नीता अंबानी ने की। घोषणा के वक्त क्लब के फैंस मौजूद थे। इस