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दादरा एवं नगर हवेली और दमन व दीव केंद्र शासित प्रदेशों का विलय

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इस नये केन्‍द्र शासित प्रदेश का नाम ' दादरा एवं नगर हवेली और दमन व दीव ' होगा और यह बॉम्‍बे हाई कोर्ट के क्षेत्राधिकार में शासित होगा। नयी दिल्ली : दोनों केन्‍द्र शासित प्रदेशों में दो भिन्‍न संवैधानिक एवं प्रशासनिक निकाय रहने से कामकाज में दोहराव एवं अक्षमता की स्थिति पैदा होती है और अपव्‍यय होता है। इसके अलावा, इस वजह से सरकार पर अनावश्‍यक वित्‍तीय बोझ पड़ता है। यही नहीं, कर्मचारियों के कैडर प्रबंधन और करियर में प्रगति के मार्ग में विभिन्‍न चुनौतियां हैं। उन्‍होंने कहा कि अपेक्षाकृत अधिक अधिकारियों की उपलब्‍धता के साथ-साथ ज्‍यादा बुनियादी ढांचागत सुविधाएं मिलने से सरकार की प्रमुख योजनाओं का बेहतर ढंग से कार्यान्‍वयन करने में मदद मिलेगी। संसद में दादरा एवं नगर हवेली और दमन व दीव (केंद्र शासित प्रदेशों का विलय) विधेयक, 2019 पारित हो गया। केन्‍द्रीय गृह राज्‍य मंत्री जी.किशन रेड्डी ने राज्‍य सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सार्थक उपयोग, प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने, प्रशासनिक व्‍यय कम करने, बेहतर ढंग से सेवाएं मुहैया कराने और योजनाओं की बेहतर निगरानी सुनि

दिव्‍यांगों के विषय पर अच्छे सिनेमा को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता :उपराष्‍ट्रपति

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दुर्घटनाओं के कारण उत्‍पन्‍न होने वाली दिव्‍यांगताओं में कमी लाने के उद्देश्‍य से, सड़क सुरक्षा एवं कार्यस्‍थल पर सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत है। उपराष्‍ट्रपति ने दिव्‍यांगता के विषय पर कई सराहनीय फिल्‍में बनाने को लेकर मुख्‍य धारा के भारतीय सिनेमा की सराहना करते हुए कहा कि यह अच्‍छी बात है और दिव्‍यांगता के बारे में लोगों की सोच बदलने के लिए इसे और भी अधिक प्रोत्‍साहित करने की जरूरत है। नयी दिल्ली - अंतर्राष्‍ट्रीय दिव्‍यांगजन दिवस पर राष्‍ट्रीय दिव्‍यांगजन सशक्तिकरण पुरस्‍कार प्रदान करने के बाद लोगों को आज नई दिल्‍ली में संबोधित करते हुए, उपराष्‍ट्रपति  एम.वेंकैया नायडू ने कहा कि इस दिवस का नाम बदलकर 'अंतर्राष्‍ट्रीय विशेष योग्‍यजन दिवस' किया जाना चाहिए। इससे विशेष सक्षमजनों की अपार क्षमताओं का पता चलेगा और दिव्‍यांगता के प्रति समाज की सोच भी बदलेगी। उन्‍होंने कहा, 'निश्चित तौर पर हुए बहुत से लोगों के लिए अनुकरणीय है और सही वातावरण एवं अवसर मिलने पर हुए राष्‍ट्र निर्माण में काफी योगदान कर सकते हैं।'    भिन्‍नत: योग्‍यजनों की गंभीर सामाजिक एवं आर्थिक स्थितियों के बारे में

निर्माता प्रेम सागर की फिल्‍म 'बाप जी' में खेसारीलाल यादव

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सागर फिल्‍म्‍स इंटरटेमेंट के बैनर तले बनने वाली फिल्‍म ' बाप जी ' में खेसारीलाल यादव के साथ लंबे वक्‍त बाद एक बार फिर से ऋतु सिंह की वापसी बतौर लीड हो रही है। फिल्‍म का संगीत ओम झा ने दिया है। लेखक अरविंद तिवारी हैं। पीआरओ संजय भूषण पटियाला हैं। फिल्‍म में खेसारीलाल यादव और ऋतु सिंह के साथ मनोज टाइगर, प्रकाश जैश, ब्रिजेश त्रिपाठी, संजय वर्मा, ऋतु पांडेय सी पी भट्ट मुख्‍य भूमिका में नजर आयेंगे। डीओपी आर आर प्रिंस का होगा है और कोरियोग्राफर रिकी गुप्‍ता हैं। लिरिक्‍स प्‍यारे लाल यादव और यादव राज का है। भोजपुरी सुपर स्‍टार खेसारीलाल यादव अब एक बार फिर से फिल्‍मी सेट पर लौटने को तैयार हैं, क्‍योंकि 11 दिसंबर से उनकी नई भोजपुरी फिल्‍म 'बाप जी' की शूटिंग शुरू हो रही है। खेसारीलाल यादव पिछले हफ्ते ही सलमान खान होस्‍टेड शो बिग बॉस के घर से बाहर आये हैं और अब फिर एक बार फिर से वे अपने काम पर लौट रहे हैं। इस क्रम में उनकी पहली फिल्‍म 'बाप जी' होगी, जिसकी शूटिंग यूपी की खूबसूरत वादियों में की जायेगी। फिलहाल फिल्‍म के सभी गाने रिकॉर्ड हो चुकी हैं और प्री प्रोडक्‍शन का काम

राघव नय्यर छोटे पर्दे पर एंट्री के लिए तैयार

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राघव नय्यर में प्रतिभा की कोई कमी नहीं, तभी उन्‍होंने महज 20 साल की उम्र में बॉलीवुड की बड़ी स्‍टार कास्‍ट वाली भोजपुरी फिल्‍म 'हल्‍फा मचा के गईल' के साथ अपने करियर की शुरू की। उसके बाद अब उनके पास कई अच्‍छे प्रोजेक्‍ट हैं, उनमें से एक टीवी का यह प्रोजेक्‍ट है, जिसकी शूटिंग में वे लगे हुए हैं। भोजपुरी बॉक्‍स ऑफिस पर रिलीज फिल्‍म 'हल्‍फा मचा के गईल' से बड़े पर्दे पर धमाकेदार इंट्री मारने वाले अभिनेता राघव नय्यर अब छोटे पर्दे पर भी धांसू इंट्री को तैयार हैं। राघव जल्‍द ही एक बड़े टीवी चैनल पर एक शो करने वाले हैं। इस शो में उनके साथ बिग बॉस 7 के कंटेस्‍टेंट समेत कई अन्‍य बड़े चेहरे शामिल हो सकते हैं। हालांकि चैनल की ओर से शो के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन कहा जा रहा है कि यह शो बेहद इंटरटेनिंग है और इसकी कास्टिंग भी दर्शकों को बेहद पसंद आने वाली है। राघव ने कुछ एपोसोड की शूटिंग भी पूरी कर ली है। इस बारे में राघव ने भी अपनी सहमति दी है, लेकिन आगे कुछ बताने से फिलहाल मना कर दिया है। शायद यह चैनल की पॉलिसी है, जिसकी वजह से राघव ने इस बारे में आगे कोई बात नहीं की। उ

खेसारीलाल यादव बिग बॉस के घर से बाहर

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खेसारी लाल यादव , योगेश मिश्रा के स्‍कूल में पढ़ाने को लेकर एक्‍साइेटड हैं और इसके लिए उन्‍होंने सहमति भी दे दी है। यह फिल्‍म हर वर्ग के बच्‍चों को अभिनय की शिक्षा देगा। साथ ही उन्‍हें कैमरा फ्रेंडली बनने की भी ट्रेनिंग मिलेगी। भोजपुरी फिल्‍म इंडस्‍ट्री को आगे बढ़ाने की सोच रखने वाले योगेश राज मिश्रा की यह पहल बेहद सराहनीय है, जिसकी तारीफ खुद खेसारीलाल यादव ने भी की। सुपर स्‍टार खेसारीलाल यादव बिग बॉस के घर से बाहर आकर अब लेंगे एक्टिंग की क्‍लास 9 दिसंबर को इंडियन फिल्‍म्‍स ऐकेडमी में बच्‍चों को सिखायेंगे अभिनय के गुर। कलर्स के लोकप्रिय शो बिग बॉस के 13वें सीजन से घर से बाहर आ चुके सुपर स्‍टार खेसारीलाल यादव अब टीचर की भूमिका में नजर आयेंगे। जी हां, वे आगामी 9 दिसंबर से मुंबई में शुरू हो रहे रायटर – डायरेक्‍टर योगेश राज मिश्रा की एक्टिंग स्‍कूल इंडियन फिल्‍म्‍स ऐकेडमी में पहली क्‍लास लेंगे और बच्‍चों को अभिनय का गुर सिखायेंगे। योगेश मिश्रा की इस ऐकेडमी में गरीबों को भी क्‍लास करने का मौका मिलेगा, जहां खेसारीलाल यादव समेत फिल्‍म जगत से जुड़े अन्‍य कलाकार भी क्‍लासेज लेंगे। खेसारीलाल याद

प्रकाश जैश के एक्टिंग स्‍कूल की तारीफ में बोली स्‍टार गर्ल अक्षरा सिंह

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मुंबई -अक्षरा ने इस स्‍कूल के लिए प्रकाश जैश को बधाई देते हुए कहा कि सही मार्गदर्शन से ही सफलता मिलती है। जिनको सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता है, और वे अभिनय की बारीकियों से अंजान रह जाते हैं। भोजपुरी फिल्‍म इंडस्‍ट्री सुपर स्‍टार गर्ल अक्षरा सिंह ने अभिनेता प्रकाश जैश के एक्टिंग स्‍कूल 'एक्टिंग विथ कैमरा' तारीफ करते हुए कहा कि कई लोग मुंबई एक्‍टर बनने का सपना लेकर आते हैं, लेकिन अभिनय की बारिकियों से अंजान होने की वजह से उनका सपना टूट जाता है। ऐसे लोगों के लिए यह स्‍कूल बेहद अच्‍छा विकल्‍प है। अक्षरा ने कहा कि जिनको एक्टिंग की चाह है और उनको वैसा कोई प्‍लेटफॉर्म नहीं मिल पाता है, जहां वो एक्टिंग सीखें और एक्‍टर बन सकें। या एक्‍टर बनने की कोशिश कर सकें। उनके लिए मुंबई,अंधेरी वेस्‍ट में एक्टिंग विथ कैमरा स्‍कूल खुला है। यह संस्‍थान उनके लिए यह बेहद लाभदायक होगा। इसमें मेंटर के रूप में प्रकाश जैश, सुशील सिंह और संजय पांडेय हैं, जो खुद भी अपने आप में बहुत उम्‍दा कलाकार हैं। उनसे बहुत कुछ सीखने और जानने का मौका मिलेगा। एनएसडी के भी कई टीचर यहां आयेंगे और एक्टिंग के गुर सिखायेंगे।  

असाधारण व्यक्तित्व के धनी थे देश के प्रथम राष्ट्रपति डा.राजेन्द्र प्रसाद

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लेखक > लाल बिहारी लाल गुदड़ी के लाल देशरत्न डा.राजेन्द्र प्रसाद का जन्म 3 दिसम्बर 1884 को बिहार के  तत्कालिन सारण जिला (अब सीवान) के  जीरादेई गांव में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। इनके पिता महादेव सहाय हथुआ रियासत के दीवान थे। अपने पाँच भाई-बहनों में वे सबसे छोटे थे इसलिए पूरे परिवार में सबके लाडले थे। इन्हें चाचा भी काफी लार प्यार करते थे। राजेन्द्र बाबू के पिता महादेव सहाय  संसकृत एवं फारसी के विद्वान थे एवं उनकी माता कमलेश्वरी देवी एक धर्मपरायण महिला थीं।इसका इसर राजेन्द्र बाबू का जीवन पर भी पड़ा । ये बचपन से ही काफी मेधावी एवं बहुभाषी थे। इनकी हायर सेकेन्ड्री की पढ़ाई जिला स्कूल छपरा से शुरु हुई औऱ कोलकाता से डिग्री मिली । अपनी वकालत का अभ्यास भागलपुर में किया। इनकी शादी 13 साल की उम्र में ही हो गई परन्तु इनके पढाई पर कोई असर नहां पड़ा। इनका झुकाव बचपन से ही समाज और साहित्य के प्रति काफी था इसलिए गांधी जी से प्रभावित होकर अपनी नौकरी छोड़कर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का झंडा उठा लिया। और साहित्य की श्रीवृद्धि में भी अपना योगदान दिया। 1920 ई. में जब  अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मेलन

कब तक देखेंगे,नारी पर अत्याचार

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कब तक देखेंगे,         नारी तेरे पर अत्याचार दुर्गा के रूप को धर,      फिर कर उसका संहार। सच्छी होंगी निर्भया,       करेंगी सबका उपकार। दुष्ट दलन को लिया था,        जिसने अवतार। जागा सारा भारत पर,         नहीं जागी सरकार। इसीलिए हर दिन होता,         नारी का बलात्कार। उम्र न पूछो बलात्कारी की,     फांसी दे सरकार। कच्ची कलियों को भी तोड़े,      नाते रिश्ते तो बेकार। कौन रोकेगा इस धरती से,           नर पिशाचों के संस्कार। सबल बनाना होगा नारी,       सुरक्षा का अधिकार। मानवता की जंजीरों को,         तोड़ते कुसंस्कार। करना होगा बलात्कारियों, का अंतिम संस्कार।  कुचालों से नग्न नृत्य कर,        क्यों करते हो अत्याचार।  वे तो अपनी ही मां बहिना हैं    रक्षा सूत्रों से करती जो,         तुम्हारा उपकार। कब तक कैंडल जलाते रहें,       कब जागेगी सरकार। फांसी के फंदों पर डालो,      तब रुकेगा अत्याचार।

कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा स्‍वतंत्र निदेशकों का डाटाबैंक शुरू

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पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाया गया है और उसके तीन आसान चरण हैं मंत्रालय की वेबसाइट पर यूजर अकाउंट के जरिए लॉग-इन करना लॉग-इन करने के बाद यूजर के लिए डाटा बैंकखुल जाएगा ई-लर्निंग और ई-प्रोफिशियंसी मूल्‍यांकन के लिए सब्सिक्रिप्‍शन प्‍लान चुनना होगा। कंपनी अधिनियम के तहत स्‍वतंत्र निदेशकों के कामकाज को मजबूत बनाने के उद्देश्‍य से कॉरपोरेट मंत्रालय ने कंपनी नियमों के मद्देनजर नई दिल्‍ली में स्‍वतंत्र निदेशकों का डाटाबैंक शुरू किया। कॉरपोरेट मंत्रालय के सचिव इंजेती श्रीनिवास द्वारा जारी डाटाबैंक को www.mca.gov.in  या  www.independentdirectorsdatabank.in  पर देखा जा सकता है। यह मंत्रालय द्वारा उठाया जाने वाला एक अभूतपूर्व कदम है, जिस पर मौजूदा स्‍वतंत्र निदेशकों तथा स्‍वतंत्र निदेशक बनने के आकांक्षियों को पंजीकरण कराने की सुविधा उपलब्‍ध होगी। इस डाटाबैंक के जरिए वे कंपनियां भी अपना पंजीकरण करा सकती हैं, जो सही कौशल रखने वाले व्‍यक्तियों को चुनने और उनसे जुड़ना चाहती हैं, ताकि उन व्‍यक्तियों को स्‍वतंत्र निदेशकों के रूप में नियुक्‍त किया जा सके। डाटाबैंक पोर्टल को भारतीय कॉरपोरेट कार्य संस्‍थ

ऑनलाइन स्टुडियो के साथ रचनाकारों को पैसे कमाने में मदद करेगा हबहॉपर

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हबहॉपर का लक्ष्य एक साल में 5,000 पॉडकास्टर को अपने प्लेटफार्म पर लाना है सामग्री निर्माता अब सिर्फ रिकॉर्डिंग और कुछ ही मिनट में लाइव होकर मुफ्त में अपने ऑडियो शो कर सकेंगे हबहॉपर स्टुडियो कम्युनिटी पैसे कमाने के नए रास्ते तलाशने में पॉडकास्टर्स की मदद करेगी नयी दिल्ली :   भारत के सबसे बड़े पॉडकास्टिंग और ऑडियो-ऑन-डिमांड प्लेटफॉर्म हबहॉपर ने भारत में ऑडियो-स्ट्रीमिंग परिदृश्य को बदलने वाला कदम उठाते हुए संभावित ऑडियो सामग्री रचनाकारों के लिए अपनी तरह का पहला हबहॉपर स्टूडियो ( Hubhopper Studio ) शुरू किया है। निर्माता अब अपनी ऑडियो सामग्री को मूल रूप से रिकॉर्ड करने के लिए प्लेटफ़ॉर्म के असाधारण फीचर्स का उपयोग कर सकते हैं, उन्हें हबहॉपर के वितरण नेटवर्क के माध्यम से मुफ्त में व्यापक रूप से प्रकाशित कर सकते हैं और सही ब्रांड्स के साथ जुड़कर उस रचना से पैसा भी कमा सकते हैं। हबहॉपर वर्तमान में भारत में अपनी तरह का सबसे बड़ा प्लेटफार्म है, जिसमें 12 भाषाओं में एक लाख घंटे से अधिक ऑडियो सामग्री है। पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन मीडिया की खपत में जबरदस्त वृद्धि हुई है। आईएफपीआई की म्युजिक कंज

उपराष्ट्रपति "दिव्यांगजन अंतर्राष्ट्रीय दिवस" पर दिव्यांगों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करेंगे

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नयी दिल्ली - दिव्यांगजन अंतर्राष्ट्रीय दिवस अर्थात 3 दिसंबर के अवसर पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग प्रत्येक वर्ष दिव्यांगजन सशक्तिकरण की दिशा में अर्जित की गई उत्कृष्ट उपलब्धियों एवं किये गये कार्यों के लिए व्यक्तियों, संस्थानों, संगठनों और राज्य / जिला आदि को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करता है। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू विज्ञान भवन में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग द्वारा "दिव्यांगजन अंतर्राष्ट्रीय दिवस" मनाने के लिए आयोजित एक समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। वह दिव्यांगजन सशक्तिकरण की दिशा में अर्जित की गई उत्कृष्ट उपलब्धियों एवं किये गये कार्यों के लिए व्यक्तियों, संस्थानों, संगठनों और राज्य / जिला आदि को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करेंगे। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत समारोह की अध्यक्षता करेंगे। सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर, श्री रामदास अठावले और श्री रतन लाल कटारिया भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। वर्ष 2019 के लिए दिव्यांगजन सशक्तीकरण के लि

यह सरकार नफ़रत की राजनीति कर रही है,बोली पीस पार्टी

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मानवीय रिश्तों पर आधारित "ये रिश्ता" का सफल मंचन

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पत्नी के देहांत के बाद वकील साहब की नियत मे फर्क आ जाता है वो लड़की भी अब जवान हो गई थी  वकील साहब की नज़रें अब उसे बेटी की दृष्टि से न देखकर साली की दृष्टि से देखने लगी थी अन्ततः वकील साहब  उसी लड़की से शादी कर लेते है जिसे कभी वो इस घर मे बेटी बना कर लाये थे।     नई दिल्ली ! अभिकल्प के  तत्वाधान मे नाटक " ये रिश्ता " का सी एस ओ आई  के सभागार मे सफलता पुर्वक मंचन  किया गया। मुंशी प्रेमचंद की कहानी भूत पर आधारित इस नाटक मे मानवीय रिश्तो की मर्यादा को बनाए रखने पर ताना बाना बुना गया है। अपने सशक्त अभिनय से  कलाकारों ने नाटक को जीवंत बना दिया।   नाटक मे दर्शाया गया है कि वकील सीता नाथ को चार बेटे हैं और बेटी न होने का ग़म है। बेटी की कमी को पूरा करने के इरादे से वो अपनी चार साल की छोटी सी साली को ही बेटी करके पालने का निश्चय करता है और उसे बहुत प्यार से पालता भी है किंतु समय बीतने के साथ और उसकी पत्नी के देहांत के बाद वकील साहब की नियत मे फर्क आ जाता है वो लड़की भी अब जवान हो गई थी  वकील साहब की नज़रें अब उसे बेटी की दृष्टि से न देखकर साली की दृष्टि से देखने लगी थी अन्ततः वकील स