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दिल्ली फिट,केजरीवाल हिट Delhi Vidhan Sabha Election 2020 Public Opinion

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जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता उन्हें माफ़ कर दो

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संत कुमार गोस्वामी जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता उन्हें माफ़ कर दो, और जिन्हें माफ़ नहीं कर सकते उन्हे भूल जाओ..... यह बातें पंकज बोलते हुए रास्ते से गुजर रहा था एक बुजुर्ग बातें सुनकर बोले बेटा तुम्हारा घर और नाम क्या है वह लड़का बिन बोले दो चार कदम चलने  लगा पीछे से फिर बुजुर्ग की आवाज बेटा मेरी बात तो सुनो इतना जल्दी भागे जा रहे हो बात क्या है वह लड़का झटके लेकर बोला अरे नाम और घर जानकर क्या करेंगे अपनों ने ही तो घर को जला दिया कश्ती में जिंदगी गुजर बसर कर रही है अब बताओ बाबा अरे मैं क्या करूं रिलेटिव के यहां  गया लंबी चौड़ी बात बात कही धरातल पर कुछ दिखे ना.....l विश्वास नाम की एक चीज होती है जहां से विश्वास खत्म हो जाती है वहां से हर कुछ स्वत समाप्त हो जाता है भरोसा जमाने में वर्षों लग जाते हैं उस निर्भीक रहा हर किसी को लालच का भरोसा देकर ठगा आज बीमारी से पीड़ित है शुगर ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी का गिरफ्त में आ चुका है . उसका कहना है मेरा तो रिलेटिव है पर उसके विचार झूठे वादे इसके जेहन में भरा पड़ा है और क्या कहूं जरूरत थी तो पैसे से मैंने मदद की आज वह कहता है  अपने पैसे दिया नहीं  उसक

त्रिदिवसीय खेल व सांस्कृतिक प्रतियोगिता ( नर्सरी) का समापन

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नयी दिल्ली - दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ,शिक्षा विभाग प: क्षे में त्रिदिवसीय खेल व सांस्कृतिक प्रतियोगिता ( नर्सरी) का समापन सुभाष नगर 6 ब्लॉक के विद्यालय में हुआ। पश्चिमी क्षेत्र के वार्ड नम्बर 1 से 29 तक के सभी स्कूलों के नर्सरी के बच्चों ने इन प्रतियोगिताओं में भाग लिया । यह कहानी व बालगीत की प्रतियोगिता थी जिस में बहुत ही चर्चित व आवश्यक विषयों पर बच्चों ने एक्टिंग के साथ गीतों को बेहतरीन ढंग से सुनाया और कहानी का मन्चन किया। स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत हरे नीले डस्टबिन का प्रयोग गीत के माध्यम से समझाया गया। बाल मजदूरी का विरोध , शिक्षा की अनिवार्यता, एकता में बल ,जल संकट से बचने के उपाय,रामकथा व देशभक्ति की भावना को,आदर्शों को गीतों व कहानियों के माध्यम से चार- पांच वर्ष के नन्हे बच्चों ने बड़े ही सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया । इस अवसर पर अध्यापकों की मेहनत और उनका उत्साह साफ़  नजर आ रहा था। आज की प्रतियोगिता के अवलोकन हेतु कार्यक्रम स्थल पर विद्यालय निरीक्षिका (शारीरिक) अनीता डागर, नर्सरी विंग इंचार्ज सुषमा भंडारी, प्रधानाचार्या नीलू भारद्वाज (संगीत),खेल इंचार्ज गोविन्द प्रसाद, खेल इंच

Kejriwal Govt.और क्षेत्रीय MLA के बारे में बोले Delhi मदनपुर खादर के लोग

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नर्सरी खेल प्रतियोगिता डिप्टी डायरेक्टर रिषिपाल राणा ने उत्साह बढ़ाया

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हर बीज में भ्रूण छिपा है

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ऐ मां तेरी गोदी से जन्में, तुमने ही हमको पनपाया। खिले तुम्हारे आंगन में, भांति भांति के रूपों में पाया। ऐ मां तुमको  कोटि-कोटि नमन।। तेरी मिट्टी में अमृत भरा है, हर श्रृंगार से हमें सजाया, कितनी पीयूष शक्ति है मां, तेरे रंगों में जो हमने पाया। ऐ मां तुझे शत् शत् नमन। गर्जन तर्जन में भी जन्मे, नया रूप दे हमें उगाया। इंद्रधनुषी रूप निखारा, भांति भांति से हमें पुकारा। हर बीज में भ्रूण छिपा है, नृत्य करता वह धरती में आया। हवा ,पानी ,गर्मी ने फिर उसे जगाया। रत्न गर्भा मां तेरी अनोखी माया। उससे ही हम सबने जीवन पाया।  ऐ धरणी मां शत् शत् नमन।

मायूसी में क्या जीना रोने धोने से कुछ नहीं होगा

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संत कुमार गोस्वामी अब रोने धोने से कुछ नहीं होगा,अरे श्यामा  परेशान हताश क्यों हो,क्या बात है ? क्या बताऊं जिंदगी ही कुछ कदर गुजर बसर कर रही है कोई जानकार काफी सबक लेगा और भाई अतुल बताओ क्या बात है इतना घुमा फिरा कर बोले से अच्छा है सीधे सीधे तो बोल दो...... सुनाता  एक हफ्ता के अंदर श्याम भाई मेरे घर परिवार सब में मेरे प्रति नाराजगी भरी हुई है क्योंकि कोई भी कार्य करता हूं असफलता ही हाथ लगती है लोग लतीफे मारते चल बनते हैं।   दरअसल बात यह है कई दिनों से परेशानियां झेल रहा हूं अतुल किसी को धोखा नहीं दिया बस घर किसी के साथ दिया इसी का फायदा लोगों ने उठाए और अपना काम निकालते हि चल बनते आए दिन कोई-न-कोई अपना काम निकालता है मैं किसी से कोई काम के लिए बोलता हूं शिवा धोखा कि कुछ नहीं मिलता अतुल की बा बात सुन श्याम ने कहा अरे भाई दुनिया का यही दस्तूर है सेवा करने वाले को दूसरे को मदद करने वालों कभी आपके काम नहीं आएंगे यह अपेक्षा छोड़ देने मात्र से ही सुख में क्यों जिंदगी डगर जाएगी  मायूसी पल में क्या जीना रोने धोने से कुछ नहीं होगा बस चलने की नजरिया बदलने होगी जिंदगी जीने की परिभाषा ही बदल जाएग