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उपकर्मा आयुर्वेद ने ब्यूटी सेग्मेंट में क़दम रखा

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नयी दिल्ली : भारत में सबसे तेजी से बढ़ते आयुर्वेदिक ब्रांड उपकर्मा आयुर्वेद ने भारत के ‘मदर ऑफ ऑल हीलिंग’ आयुर्वेदिक ज्ञान के जरिये प्रगति की है। चूंकि, कठोर रसायनों से भरे उत्पादों के खिलाफ उपभोक्ता चेतना बढ़ रही है; वे जैविक उत्पादों की ओर रुख कर रहे हैं जो न केवल सौम्य और शुद्ध हैं, बल्कि टिकाऊ भी हैं जो कई लाभ प्रदान करते हैं। शुद्ध आयुर्वेदिक उत्पादों की पेशकश की विरासत को आगे बढ़ाते हुए उपकर्मा आयुर्वेद ने अब ब्यूटी सेग्मेंट में कदम रखा है और चार नए शुद्ध ब्यूटी प्रोडक्ट्स लॉन्च किए हैं: नाइट सीरम, ओनियन हेयर ऑयल, ओनियन शैम्पू और विटामिन सी फेस सीरम वर्तमान में प्रोडक्ट्स को दिल्ली, अंबाला, पुणे, मंडी और जालंधर जैसे शहरों में 699 रुपए और 1199 रुपए के बीच बजट अनुकूल कीमत रेंज में लॉन्च किया गया है। इस लॉन्च के माध्यम से, ब्रांड 6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के ब्यूटी मार्केट में अपने लिए एक महत्वपूर्ण हिस्से को सुरक्षित करने का लक्ष्य बना रहा है। लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए उपकर्मा आयुर्वेद के सह-संस्थापक और एमडी विशाल कौशिक ने कहा, “लोग अपने दैनिक ब्यूटी रेजिम को लेकर अधिक जागरूक हुए है

आज़मगढ़,गौसपुर घुरी और मुकुंदपुर में प्रवासी मजदूर सहायता अभियान के तहत मुलाकात

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आज़मगढ़ . प्रवासी मजदूरों की सहायता के तहत निज़ामाबाद, आज़मगढ़ के गौसपुर घुरी और मुकुंदपुर में प्रवासी मजदूरों से मुलाकात की गई. इस मुलाकात में राजीव यादव, एडवोकेट विनोद यादव, अवधेश यादव और बांकेलाल शामिल रहे.  राजीव यादव ने बताया कि इंडिया अगैंस्ट कोरोना के सहयोग से हमारे संपर्क के आजमगढ़ के जरूरतमंद प्रवासी मजदूरों को सहायता उपलब्ध कराई गई. गौसपुर घुरी की शबाना ने अपने गांव के ऐसे जरूरतमंदों को चिन्हित किया जिनको सहायता की जरूरत थी उनको मदद पहुँचाई गई, आज उनसे मुलाकात भी की गई. इस मुलाकात के दौरान बहुत से प्रवासी मजदूर मिले जिन्हें किसी भी प्रकार की सरकारी मदद नहीं मिली. गौसपुर घुरी के रामकेश ने बताया कि उन्हें राशन किट मिली पर आज तक कोई भी पैसे नहीं मिले, वहीं प्यारेलाल और उनके बेटे राधेश्याम को नहीं राशन किट मिली नहीं कोई पैसे प्राप्त हुए.संतोष बताते हैं की उन्हें किट नहीं मिली पर एक हज़ार रुपए खाते में आएं हैं. मनोज कुमार कहते हैं कि उन्हें आज तक कुछ नहीं मिला ना कोई राशन किट ना कोई पैसे, रामाश्रय और सुजीत भी कहते हैं कोई पैसे वैसे नहीं आएं हैं.  निज़ामाबाद के मुकुंदपुर में धनंजय से मुल

सभी राजनैतिक दलों ने युवाओं को छला और ठगा है

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किन्नर आधारित ऑन लाइन लघुकथा गोष्ठी

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अच्छी बारिश से किसान खुश,धान की रोपाई शुरू

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क्यों मनाते हैं गुरु पूर्णिमा

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सुरम्य स्थान में मां ज्वाल्पा का प्रसिद्ध मंदिर

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उत्तराखंड के पौड़ी जनपद में कोटद्वार  पौड़ी के मध्य में पश्चिमी नयार नदी के तट पर एक सुरम्य स्थान में मां ज्वाल्पा का प्रसिद्ध मंदिर है। ज्वाल्पा कफोला बिष्ट और थपलियालों की कुल देवी है। शुभ अवसरों पर सर्व प्रथम मां की पूजा प्रतिष्ठा का विधान स्कंदपुराण के अनुसार वैदिक ऋचाओं के द्वारा किया जाता आ रहा है। कहते हैं आदिगुरु शंकराचार्य जी ने भी मां की पूजा अर्चना की और उनका साक्षात्कार स्वरूप देखा था। विजय सिंह बिष्ट   इस मंदिर में अखंड दीप प्रज्वलित किया जाता है।जो हजारों साल से दिन रात देदीप्यमान रहता है। मंदिर निर्माण की कहानी इस प्रकार है। सतयुग में दैत्यराज पुलोम की पुत्री शचि ने देवराज इंद्र को पति रूप में प्राप्त करने के लिए मां पार्वती की तप साधना इसी स्थान पर आरंभ की थी। प्रचंड ज्वाला से उत्पन्न मां पार्वती ने शचि को दर्शन देकर उसकी मनोकामना पूर्ण कर दी।यह स्थान ज्वाला देवी के नाम से और कालांतर में ज्वाल्पा देवी के नाम से प्रसिद्ध हो गया। दीपक सरसों के शुद्ध तेल से प्रज्ज्वलित किया जाता है इसलिए कफोलस्यूं,मवालस्यूं,खातस्यूं,रिगवाड़स्यूं,धुड़दौडस्यूं एवं गुराडस्यूं पट्टियों की क्षे