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82.33% प्राइवेट नौकरी वाले जॉब सिक्योरिटी के लिए चाहते हैं सरकारी नौकरी

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नई दिल्ली , नोवेल कोरोनावायरस ने भारत में नौकरी के हालात को पूरी तरह बदल दिया है. कोरोना के कारण बहुत से नौकरीपेशा लोगों की नौकरी छिन गयी है, तो कई लोगों को अपनी नौकरी किसी भी समय चले जाने का डर बना हुआ है. इसलिए, सरकारी नौकरियों की मांग में अचानक बढ़ोत्तरी हुई है, जहाँ 82.33% प्रोफेशनल्स सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं, ताकि उन्हें जॉब सिक्योरिटी मिल सके और साथ ही वेतन और अन्य भत्ते भी मिलें. ये आंकड़े Adda247 की ओर से कराए गये ‘State of Government Jobs during the pandemic’ ('महामारी के दौरान सरकारी नौकरियों की स्थिति') अध्ययन में सामने आए हैं. Adda247, देश का सबसे भारत के सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते एजुकेशन टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म्स में से एक है, जो JEE, NEET और डिफेंस की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराता है. इस स्टडी में, देखा गया है कि कोरोना के कारण शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की रोजगार वरीयता में बड़े बदलाव आये हैं। नौकरी पाने की इच्छा रखने वाले लाखों उम्मीदवारों के लिए एक बेहतरीन ऑनलाइन लर्निंग और ट्रेनिंग मॉडल के रूप में, Adda247 प्लेटफार्म पर भी इसके ऑनसाइट ट्रैफ़ि

लार्ज और मिड कैप स्टॉक्स में निवेश करने वाली एक ओपन एंडेड स्कीम

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मुंबई  : देश के तेजी से बढ़ते फंड हाउसेज में से एक मिराए एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स इंडिया ने अपने फ्लैगशिप फंड 'मिराए एसेट इमर्जिंग ब्लूचिप फंड के 10 साल पूरे होने की घोषणा की है। 20 जून 2020 को इस फंड का एयूएम 23.37 करोड़ रुपए से बढ़कर 9828.48 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। फोलियो की संख्या 4094 से बढ़कर 911629 पर पहुंच गई है। आरंभ में निवेश किया गए 10,000 रुपए का फंड बढ़कर 51,629 रुपए हो गया है।  इस फंड का 10 वर्ष का सीएजीआर रिटर्न 17.87 फीसदी रहा है। एनवीए 10 रुपए (रेग्यूलर प्लान-ग्रोथ विकल्प) बढ़कर 51.63 हो गया है। इस समान अवधि में बेंचमार्क (निफ्टी लार्ज-मिडकैप 250 इंडेक्स) ने 8.98 फीसदी का सीएजीआर रिटर्न दिया है। अतिरिक्त बेंचमार्क (एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स टीआरआई) का सीएजीआर रिटर्न 8.44 फीसदी रहा है। अवधि रिटर्न (%) एमएईबीएफ निफ्टी लार्ज मिडकैप 250 टीआरआई  एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स टीआरआई पिछला 1 साल -4.68% -10.46% -10.48% पिछले 3 साल 4.34% 1.26% 5.31% पिछले 5 साल 11.54% 6.34% 5.98% प्रारंभ से 17.87% 8.98% 8.44% प्रारंभ से निवेश किए गए 10 हजार रुपए की वैल्यू* 51,629 23,593 22,460 ए

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए ‘फिक्की’ की ‘स्वस्थ’ से अहम् भागीदारी

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नयी दिल्ली   -  फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने ‘स्वस्थ’ से विशेष भागीदार कर हाल ही में इसी नाम से लांच प्लेटफॉर्म के जरिये स्वास्थ्य सेवा सुलभ बनाने की मुहिम तेज कर दी है। ‘स्वस्थ’ स्वास्थ्य सेवा संगठनों का संघ है जिसका मकसद आर्थिक लाभ अर्जन नहीं है। फिक्की-स्वस्थ भागीदारी का उद्देश्य टेलीमेडिसिन और डिजिटल स्वास्थ्य की जानकारी का आदान-प्रदान बढ़ाना है। यह सार्वजनिक-निजी क्षेत्रों के साथ-साथ निजी क्षेत्र के अंदर साझेदारी को बढ़ावा देने पर जोर देगा। स्वस्थ विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के संगठनों के साथ-साथ नोडल एजेंसियों के सहयोग से जन-जन के लिए व्यापक स्वास्थ्य समाधान की दिशा में काम कर रहा है। फिक्की-स्वस्थ की साझेदारी से ऐसे सहयोग करार अधिक सार्थक होंगे। स्वस्थ ऐप सेवारत है और कोविड स्वास्थ्य सेवा के कई आॅफर इस पर उपलब्ध हैं। लोग सुरक्षित घर पर रहते हुए इस माध्यम से 360-डिग्री स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त करते हैं। स्वास्थ्य सेवा उद्योग के संगठनांे का इतने बड़े स्तर पर किसी गैर-आर्थिक लाभ अभियान में एकजुट होने की यह पहली घटना है। इसमें लभग सभी प्रमुख भ

मीट की काला बाज़ारी से MCD को लाखों का नुकसान

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नयी दिल्ली - दिल्ली की एक मात्र मीट मंडी गाज़ीपुर बूचड़खाने के बंद होने से अवाम बेहद परेशान हैं। कोरोना महामारी में जहां लोगों का कारोबार ढप्प पड़ा है वहीं राजधानी दिल्ली में भैंस और बकरे का मीट दोगुने रेट पर मिल रहा है। अवाम की इस परेशानी को देखते हुए दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग सलाहकार समिति सदस्य व कारवां फाउंडेशन के फाउंडर एड. रईस अहमद ने गाज़ी गाज़ीपुर मीट मंडी को दौबारा खोले जाने की अपील की है।  ग़ौरतलब है कि दिल्ली में मात्र गाजीपुर ही एक बूचड़खाना है, जहां पशुओं की कटाई होती है। मीट के महंगे रेट के लिए सीधे तौर पर पूर्वी दिल्ली नगर निगम ज़िम्मेदार है, इस कोरोनाकल में धीरे-धीरे चीज़े अनलॉक हो रही हैं। वहीं लॉकडाउन के पहले दिन से ही बूचड़खाना लॉक है। अल्पसंख्क समुदाय को इससे बेहद पेरशानी हो रही है। एड. रईस अहमद ने बताया कि अनलॉक-2 में भी दिल्ली का एकमात्र ग़ाज़ीपुर में बना बूचड़खाना लॉक है। भले ही बूचड़खाने पर ताला जड़ा हो, लेकिन मीट की दुकानों पर धड़ल्ले से निगम की नाक के नीचे पशुओं की कटाई हो रही है। मीट के दुकानदार दोगुने दाम वसूल रहे हैं। इस कोरोनाकाल में दिल्ली में भैंस का मीट 30

काला बाज़ारी से MCD को लाखों का नुकसान

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साहित्यकार संतोष श्रीवास्तव की मॉरीशस यात्रा

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मिलेनियल्स ऐप से ट्रेडिंग करना क्यों पसंद कर रहे हैं

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नयी दिल्ली - अचानक, पूरे भारत में मिलेनियल्स ने ट्रेडिंग शुरू कर दी है। इसके साथ ही सिक्योरिटी और कमोडिटी बाजार में हमारी मिलेनियल पीढ़ी की भागीदारी तेजी से बढ़ी है। बाजार की अस्थिरता के समय भी इस ट्रेंड की वजह से हमारे बाजार रोज वॉल्युम के लिहाज से नई ऊंचाई छू रहे हैं। लेकिन मिलेनियल्स को अचानक ट्रेडिंग करने के लिए कौन प्रेरित कर रहा है? शायद, यह बदलाव अचानक नहीं है। एम का जादूः मनी, मिलेनियल्स, और मोबाइल मिलेनियल्स का अपने पूर्वजों की तुलना में टेक्नोलॉजी की ओर झुकाव अधिक है। इस संबंध में उनकी निवेश की आदतें प्रतिबिंबित होना भी स्वाभाविक है। मोबाइल फोन शायद मुख्य कारण हैं कि बड़ी संख्या में मिलेनियल्स बाजार में शामिल हो रहे हैं। यह उन्हें लचीलेपन के साथ प्रासंगिक कॉल लेने के लिए रियल टाइम में स्टॉक टिप्स, रिसर्च और सलाह प्राप्त करने में सशक्त बना रहा है। अब भारत में एक्टिव वर्कफोर्स में 64% हिस्सेदारी मिलेनियल्स की है। वर्कफोर्स में उनकी धीरे-धीरे बढ़ती हिस्सेदारी शेयर बाजार में उनकी उच्च भागीदारी में और योगदान दे रही है। स्मार्टफोनः प्रवेश की बाधाओं को हटाना और लचीलापन बढ़ाना   आज