इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण साक्षरता के मामले में दिव्यांग हमेशा पीछे रहे हैं
जयपुर : वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अगर हम देखें, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि शारीरिक चुनौतियों के साथ-साथ जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण साक्षरता के मामले में दिव्यांग हमेशा पीछे रहे हैं। 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार लड़कियों की तुलना में 5 से 19 साल की उम्र के बीच 57 प्रतिशत दिव्यांग लड़के स्कूलों में जा रहे हैं। 57 प्रतिशत दिव्यांग लड़कों में से सिर्फ 9 प्रतिशत लड़कों ने स्नातक स्तर की डिग्री हासिल की है, भले ही 38 प्रतिशत बच्चे पर्याप्त रूप से शिक्षित थे। प्रशांत अग्रवाल, नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष ने कहा कि लगभग 55 फीसदी दिव्यांग महिलाएं अशिक्षित हैं। सिर्फ 9 प्रतिशत दिव्यांग महिलाओं ने अब तक तक मीट्रिक/माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की है और वे स्नातक नहीं हैं। केवल 7.7 प्रतिशत दिव्यांग महिलाओं ने स्नातक की उपाधि हासिल की है। इसीलिए स्किल से संबधित कई कार्यक्रमों जैसे नारायण सिलाई सेंटर, कम्प्यूटर ट्रेनिंग, मोबाइल रिपेयरिंग के मुफ्त में प्रशिक्षण दे रहे है। डिजिटल मार्केटिंगः इंटरनेट ने दुनिया भर में मार्केटिंग के लिहाज से महत्वपूर्ण चर्चा और प्रभाव को जन्म दिया है। कोविड- 19