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सिंधिया और पायलट जैसे युवा नेताओं के राजनीतिक फैसलों में वह विचारधारा क्यों नहीं दिखती

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ज्योंतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट का शुमार काफी हद तक कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के करीबी और स्थापित नेताओं में होता था। दोनों का सम्बंध पुराने राजनीतिक घरानों के साथ–साथ कांग्रेस कुनबे से भी रहा है। कांग्रेस पार्टी को इन युवा नेताओं से भविष्य में बहुत उम्मीदें भी रही होंगी। लेकिन सिंधिया सीधे भाजपा की गोद में जा बैठे तो सचिन पायलट ने, भाजपा से सांठगांठ से इनकार करते हुए भी, भाजपा शासित राज्य में अपने बाग़ी विधायकों के साथ पनाह ली। इससे कांग्रेस पार्टी के भीतर वैचारिक दीवालियापन का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान की सत्तासीन कांग्रेस में भी बगावत के बाद वहां का हश्र क्या होगा यह तो आने वाले समय में तय होगा। लेकिन कांग्रेस के दो युवा नेताओं, जिन्हें अपने राज्यों में भविश्य का कर्णाधार माना जाता था और जो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की कोर टीम का हिस्सा थे, इस तरह से पद और सत्ता की लालसा में बिखर जाना सवाल तो खड़े करता है। कांग्रेस का हमेशा से दावा रहा है कि वह केवल एक राजनीतिक दल नहीं बल्कि एक विचार धारा भी है। क्या वह भाजपा की विचार धारा से मेल खाती है?

मध्य प्रदेश प्रवासी मजदूरों के कल्याण के लिए आयोग का गठन करेगा

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भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। गृह मंत्री डॉ० नरोत्त्तम मिश्रा ने बैठक में कहा कि, मध्य प्रदेश के प्रवासी मजदूरों के कल्याण के लिए आयोग का गठन किया जाएगा। आयोग में अध्यक्ष के अलावा दो सम्मानित सदस्य होंगे। मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार ने कोरोना आपदा से लड़ाई में अपने जीवन की परवाह न करते हुए कर्तव्य की खातिर प्राणोत्सर्ग करने वाले कर्मचारी और अधिकारियों की शहादत का सम्मान, उनके आश्रितों के प्रति मानवीयता संवेदना और पूरी जिम्मेदारी निभाई है। इसी कड़ी में सरकार ने पूरी संवेदनशीलता और सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर अपना फर्ज निभाते हुए आज कैबिनेट की बैठक में कोरोना योद्धा के रूप में अपनी जान गंवाने वाले अपने दो जांबाज पुलिस अफसर के आश्रित को उप निरीक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति को मंजूरी दे दी। कैबिनेट ने कोरोना आपदा के दौरान ड्यूटी में शहीद हुए CoronaWarriors उज्जैन के टीआई यशवंत पाल की बेटी फाल्गुनी पाल और इंदौर के निरीक्षक देवेन्द्र चंद्रवंशी की पत्नी सुषमा चंद्रवंशी को पुलिस उप निरीक्षक बनाया है। इतना ही नहीं सरकार ने कोविड योद्धा कल्याण योज

अंग्रेजी माध्यम के 200 विद्यालयों को लीड से दिए जाएंगे नि:शुल्क लाइसेंस

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" सेव अवर स्कूल्स" अभियान के तहत लीड स्कूल@होम यह ऑनलाइन प्रोग्राम पात्र विद्यालयों को उनकी कक्षाएं वास्तविक रूप में शुरू होने तक नि:शुल्क दिया जाएगा। इस ऑनलाइन प्रोग्राम को चलाने के लिए जरुरी सभी बुनियादी सुविधाएं और शिक्षकों को आवश्यक सभी प्रशिक्षण भी पात्र विद्यालयों को प्रदान किया जाएगा। यह विद्यालय सीबीएसई या राज्यों के शिक्षा मंडलों से संबद्ध हो सकते हैं। नयी दिल्ली :  वर्तमान मुश्किल दौर में कम खर्च में चलाए जाने वाले अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें उनके छात्रों की शिक्षा में रूकावट न आए इसलिए प्रौद्योगिकी लाना और शिक्षकों को प्रशिक्षण देना जरुरी बन चूका है। इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में भी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलती रहे इसलिए इन विद्यालयों के प्रयासों का समर्थन करने के लिए लीड स्कूल (LEAD School) ने कदम बढ़ाया है। भारत का सबसे बड़ा ऑनलाइन विद्यालय - लीड स्कूल@होम प्रोग्राम (LEAD School@Home program) चलाने वाले लीड स्कूल ने देश भर के कम खर्च में चलाए जाने वाले 200 निजी विद्यालयों को नि:शुल्क लाइसेंसेस देने की घोषणा की

काव्य संग्रह हेतु रचनाएं आमन्त्रित

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नयी दिल्ली - "काव्य गुलदस्ता" काव्य संग्रह में प्रकाशनार्थ देश के नए/पुराने कवियों से राष्ट्रीय, सामाजिक और परिवारिक परिवेश की उनकी तुकांत/अतुकांत एवं स्वरचित/मौलिक एवं अप्रकाशित अधिकतम 10 श्रेष्ठ काव्य रचनाएं फोटो/संक्षिप्त परिचय सहित नीचे दिए गए इमेल पते पर सादर आमंत्रित हैं। इनमें से श्रेष्ठता के आधार पर संपादकीय टीम एक व्यक्ति की अधिकतम 5 रचनाएं प्रकाशनार्थ उपयोग कर सकती है। अन्य नियम नीचे दिए अनुसार हैं: 1, रचनाएं भेजने की अंतिम तिथि 31.08. 2020 है।(रचनाएं पहले आओ पहले पाओ के आधार पर संग्रह में शामिल की जाएंगी)  2, इसके लिए किसी भी रचनाकार से कोई भी सहयोग राशि नहीं ली जाएगी। 3, रचनाकार अपनी इच्छानुसार बिना किसी बाध्यता के पुस्तक की प्रतियां छूट सहित खरीद सकेंगे।  4, सभी चयनित प्रतिभागी रचनाकारों को दिल्ली में आयोजित एक समारोह में सम्मानित किया जाएगा। प्रकाशक : केबीएस प्रकाशन, दिल्ली मो. 9871932885,   9868089950, 9599600313 (वाट्सएप्प) ईमेल: kbsprakashandelhi7@gmail.com

जोखिम से लबरेज़

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सुषमा भंडारी जॉब एक तरफ यदि परिवार को चलाने की गाड़ी है तो दूसरी तरफ अपने कार्यक्षेत्र की स्वतंत्रता भी है जिसमें जीवन के सब सपने भी हैं। इस गाड़ी को पहले घर का मुखिया यानि पुरुष वर्ग चलाता था । तब छोटे छोटे सपने छोटे छोटे खर्च होते थे किन्तु अब इस युग में जहां अबला , सबला बन चुकी हैं, पढ़ाई में अव्वल आ रहीं हैं ,वहीं पुरुषों के साथ प्रत्येक क्षेत्र में कन्धे से कन्धा मिला कर चल रही हैं । गृहस्थी की गाड़ी चलाने में भी स्त्रियां पुरुषों का भरपूर साथ दे रही हैं। जॉब का सम्बन्ध समाज के प्रत्येक तबके से है। इस को कई हिस्सों में बांटा जा सकता है । गरीब वर्ग----यहां स्त्रियाँ घरों में चौका बरतन करती हैं फैक्ट्रियों में काम करती हैं । अपनी योग्यता अनुरूप कोई न कोई काम ढूंड ही लेती हैं अपने ,अपने बच्चों के , परिवार के सपने पूरा करने की कोशिश कोशिश करती हैं । आज महिलाएं शिक्षित होने के साथ साथ कार्य क्षेत्र के चुनाव के लिये भी सक्षम व स्वतन्त्र होती जा रही हैं। उंचे पदों पर विराजमान हैं जैसे डॉक्टर/ टीचर/बैंक/अन्य अधिकारी वर्ग/पुलिस/सेना / लेखिका या बड़ी बडी मल्टी नेशनल कम्पनी में मनेजर या कोई बडी प

ख़ामोशी ( कहानी )

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सुषमा भंडारी राजीव ने घर के  क्लेश से बचने के लिए गुस्से में गाड़ी निकाली स्टार्ट की और अनजानी दिशा में चल दिया ! देहरादून के पहाड़ी इलाके में वैसे ही ऊँचे नीचे खतरनाक रास्ते है और इधर राजीव के नशे में धुत्त गुस्से में न जाने क्या होगा?? तभी अचानक सड़क पर शायद  पानी व् गड्डे की वजह से गाड़ी एक तेज धमाके के साथ रुकी ! स्टीयरिंग से सर लगा राजीव का और उसका मस्तिष्क दस वर्ष पीछे चला गया, ख़ामोशी,ख़ामोशी बस ख़ामोशी छा गयी चारों ओर! इधर देखने वालों के होश उड़ गए,बड़ा जबरदस्त एक्सीडेंट था,धमाका इतनी तेज़ था कि आस-पास बस्ती के जितने भी लोग थे सब इक्कठा हो गए,आपस में यहीं बातें कर रहे थे कि जो भी हैं वो बच जाये! कुछ समय पश्चात पुलिस व् एम्बुलेंस सायें-सायें करती हुई बड़ी फुर्ती से आई,अपना काम किया,एम्बुलेंस राजीव को अस्पताल लेकर रवाना हुयी और पुलिस अपनी तफ्तीश में लग गयी! तभी एक व्यक्ति आया और पुलिस का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करते हुए बोला - हाँ साब,मेरा नाम रामदीन हैं! मैंने देखा गाडी बड़ी स्पीड से आ रही थी शायद साब नशे में थे! क्या आप जानते हैं कौन हैं ये? हाँ साब में जानता हूँ,में गाडी पहचान गया था! यहाँ श

प्रधानमंत्री जब दुनिया में दावा कर रहे थे उस वक्त देश में दस लाख से अधिक कोरोना संक्रमित थे

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संयुक्त राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि भारत ने कोरोना महामारी में 150 देशों को चिकित्सा और अन्य मदद पहुंचाई। देश में महामारी के आरंभिक दिनों से ही पीपीई किट, मास्क और सेनिटाइज़र तक को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। महानगरों के अलावा कहीं कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। प्रधानमंत्री जब यह दावा कर रहे थे उस समय देश में दस लाख से भी अधिक संक्रमित थे और संक्रमितों की संख्या बढ़ने के कारण सरकारी अस्पतालों में जगह मिल पाना मुश्किल था। लखनऊ । रिहाई मंच ने देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण पर चिंता जताते हुए कहा कि मीडिया में कोरोना संक्रमितों को सरकारी अस्पतालों में जगह न मिलने की शिकायतें महामारी से लड़ने की हमारी तैयारियों पर सवाल खड़ा करती हैं। रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि देश में कुल संक्रमितों की संख्या ग्यारह लाख से अधिक और और प्रतिदिन संक्रमण चालीस हज़ार के करीब पहुंच गया है। 62 प्रतिशत से अधिक रिकवरी रेट के दावे के बावजूद सक्रिय संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। कई सरकारी अस्पतालों में जगह न होने के कारण कोरोना रोगियों को भटकना पड़ रहा है