भाषाएँ बचेंगी तो साहित्य और संस्कृति बचेगी'- सुधाकर पाठक
हिन्दी तथा अन्य भारतीय भाषाओं पर विशेष रुचि रखने वाले, भारतीय भाषाओं पर शोध करने वाले एवं भाषाओं पर कार्य करने वाले लेखकों एवं शोधार्थियों के लिए ‘भाषा-गत-अनागत’, ‘हिन्दी: विमर्श के विविध आयाम’ एवं ‘भारतीय भाषाएँ: चिंता से चिंतन तक’ नाम से अब तीन महत्त्वपूर्ण सन्दर्भ पुस्तकें उपलब्ध हैं। भारतीय भाषाओं पर केंद्रित इन तीन महत्त्वपूर्ण पुस्तकों का प्रकाशन हिन्दी सहित सभी भारतीय भाषाओं के संरक्षण, संवर्धन एवं प्रचार-प्रसार को समर्पित संस्था ‘हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी’ ने किया है। ‘भाषा-गत-अनागत’ पुस्तक 31 विद्वान लेखकों का भाषा पर केंद्रित साक्षात्कारों का संग्रह है। ‘हिन्दी: विमर्श के विविध आयाम’ पुस्तक हिन्दी भाषा पर केंद्रित लेखों का संग्रह है, तो वहीं ‘भारतीय भाषाएँ: चिंता से चिंतन तक’ पुस्तक भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित भारतीय भाषाओं, उपभाषाओं एवं बोलियों पर केंद्रित लेखों का संग्रह है। भाषा किसी भी संप्रभु राष्ट्र के चार प्रमुख आधारों में से एक गंभीर और महत्त्वपूर्ण विषय है। राष्ट्रीयता, स्वाभिमान, मौलिकता, राष्ट्रीय गौरव, एकता एवं अखंडता आदि जैसे विषयों की जड़ें भाषा स