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मैं जानती हूँ,आज तुम्हें मैं बहुत याद आऊँगी

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डाक्टर स्वाति शर्मा मैं जानती हूँ, आज तुम्हें मैं बहुत याद आऊँगी                                                                                                          आज तुम फिर मेरी याद में कुछ कविताएं लिखोगे,  और मेरी तारीफों मे कई व्याख्यान करोगे                                                                                                             लेकिन कल मैं फिर एक साल के लिए भुला दी जाऊँगी।  क्यों मेरी अवहलेना कर औरों को अपनाते हो...  क्यों मुझे अपनाने में तुम इतना शरमाते हो..  मुझे औरों से कोई इर्ष्या नहीं, पर मैं तुम्हारी अपनी हूँ....  फिर तुम मुझे ही क्यों नीचा दिखाते हो...  तुम्हारे इस कृत्य से मैं घुट घुट कर ही मर जाऊंगी और कल मैं फिर एक साल के लिए भुला दी जाऊँगी                                                                                      राष्ट्रभाषा,राजभाषा, मातृभाषा जैसे कई नाम मुझे तुम देते हो..  पर उन नामों के अनुसार मान क्यों नहीं देते हो...  जब तुम ही कुछ नहीं समझते मुझे....  आने वाली पीढ़ियों में पिछड़ी ही समझी जाऊँगी..  और कल फिर मैं एक साल के लिए भुल

प्रणेता साहित्य संस्थान,दिल्ली द्वारा हिंदी दिवस पर आॅनलाइन हिंदी साहित्य उत्सव

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नयी दिल्ली - प्रणेता साहित्य संस्थान,दिल्ली द्वारा आॅनलाइन हिंदी दिवस का सफल आयोजन  काव्य एवं लघुकथा गोष्ठी के रूप में  संस्थान के संस्थापक एवं महासचिव एस जी एस सिसोदिया के मार्गदर्शन और प्रणेता  की उपाध्यक्षा शकुंतला  मित्तल तथा तकनीक  प्रभारी अंजूबाला रोहिल्ला के सक्रिय प्रयासों से ज़ूम पर सफलता पूर्वक  संपन्न हुआ। इस आयोजन में  विभिन्न राज्यों के रचनाकारों ने अपनी रचनाओं के माध्यम  से  हिंदी  भाषा  को राष्ट्र  की  स्वतंत्रता  और सम्मान  का आधार बताते हुए हिंदी  प्रेम को व्यक्त किया। आयोजन की अध्यक्षता वरिष्ठ  कवयित्री पुष्पा शर्मा 'कुसुम'  ने की। मुख्य अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध प्रतिष्ठित हिंदी भाषाविद डाॅ.रवि शर्मा मधूप ने अपनी गरिमामयी  उपस्थिति से मंच को सुशोभित किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में जाने माने कवि कर्नल प्रवीण शंकर त्रिपाठी मंचासीन रहे।  कार्यक्रम का शुभारंभ  प्रतिष्ठित  कवयित्री सुषमा भण्डारी  द्वारा माँ शारदे की वंदना  के साथ हुआ।सुषमा भण्डारी ने मधुर स्वर में ' माँ शारदे की सुमधुर प्रस्तुति  से मंच को भक्ति रस से सराबोर कर मंत्रमुग्ध कर  दिया। सरस्वती व

कविता // हिन्दी ही बतलाती है अधरों पर मुस्कान लिये

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सुषमा भंडारी हिंदी  हिन्दुस्तान------ हिन्दुस्तान ------ हिन्द देश की गौरव गाथा हिन्दी ही बतलाती है अधरों पर मुस्कान लिये ये गीत प्यार के गाती है आंखों में जो भाव तैरते उस की ये पह्चान है बच्चा बच्चा बोले हिंदी  हिंदी बहुत महान है हिन्दुस्तान------- हिन्दुस्तान-------- साहित्य के प्राण इसी से इक इक शब्द है एतिहासिक देश के हर कोने मे हिंदी  दिल्ली पूना या नासिक पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण भाषा से उत्थान है बच्चा बच्चा बोले हिंदी  हिंदी बहुत महान है हिन्दुस्तान --------- हिन्दुस्तान ---------- सब भाषायें नदियों जैसी हिन्दी सागर जैसी है आकर सब मिल जाती इसमें लगती ममता जैसी है  वैज्ञानिक है तकनीकी है हिन्दुस्तान की शान है बच्चा बच्चा बोले हिंदी  हिंदी बहुत महान है हिन्दुस्तान -------- हिन्दुस्तान-------   गीत  आओ हम हिंदी में बाँटें  सुख- दुख और व्यवहार सचमुच जीवन को मिल पाये इक अनुपम उपहार। सब भाषाओं का संगम है संस्कृत बुनियाद अपनी ही कुछ भ्रष्टाचारी निकली है औलाद गैर मुल्क की भाषा से क्यूं करते इतना प्यार आओ हम हिन्दी में बाँटे----------- अंग्रेजी है सौतेली पर पाती है सम्मान हिंदी ममता का

हिंदी दिवस // हमारे स्वाभिमान की भाषा - हिंदी

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सुरेखा शर्मा लेखिका / समीक्षक हिंदी हमारे स्वाभिमान की भाषा ,फिर भी अपनों से उपेक्षित ,आखिर क्यों ? आज यह प्रश्न विचारणीय है । हमें हिंदी भाषा की स्थिति पर सोच-विचार करना होगा।कितने आश्चर्य की बात है कि पूरे देश में 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है ।विद्यालयों में,सरकारी संस्थानों व कार्यालयों में हिंदी दिवस को एक महोत्सव का रूप दिया जाता है। फिर पूरा वर्ष हिन्दी भाषा को भुलाकर  सब कार्य अंग्रेजी भाषा में होते हैं । इससे बड़ी दुर्भाग्य की बात क्या होगी कि स्कूल में बच्चे यदि हिन्दी में बात करते पाए गए तो उन्हें सजा के तौर पर जुर्माना भरना होता है।तब हम सोचने पर विवश हो जाते हैं कि हम हिन्दुस्तान में रहते या विदेश में ?  अपने ही देश में अपनी ही भाषा बोलने पर सजा ? यह भारतीयों की हीन भावना का ही परिणाम है क्योंकि हम भारतीय जब तक  अंग्रेजी  में बात ना करें तो स्वयं को अनपढ़, गंवार समझते  हैं इसमें दोष किसका है ? इसका मनोविश्लेषण करना होगा । आज हिन्दी भाषा के प्रति जितनी  उदासीनता हिन्दुस्तान में देखने को मिल रही है,  उतनी ही तीव्र गति से विदेशों में हिंदी के प्रति लगाव बढ़ रहा है ।अमे

पत्रकारों को रियायती दर पर भूखण्ड योजना बनाएं जाने के लिए निर्देश दिए - मुख्यमंत्री गहलोत

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जयपुर के नायला में पत्रकारों को भूखण्ड आवंटित करने के लिए आवासीय योजना के न्यायिक विवाद के दृष्टिगत अन्य विकल्पों पर विचार करने तथा वर्ष 2002 में प्रारम्भ की गई नीति के तहत पत्रकारों के लिए नई आवासीय योजनाओं पर कार्य जारी रखने के निर्देश दिए। पत्रकारिता जन सरोकारों से जुड़ा सेवा का एक सशक्त माध्यम है और इसमें काम करने वाले लोगों के कल्याण की योजनाएं राज्य सरकार की जिम्मेदारी होनी चाहिए। जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्रकारों के लिए रियायती दरों पर भूखण्ड आवंटित करने के लिए न्यायिक विवाद के कारण नायला आवासीय योजना का विकल्प तलाशने और वर्ष 2002 में प्रारम्भ की गई नीति के तहत पत्रकारों के लिए आवासीय योजना पर काम जारी रखने के साथ-साथ मेडीकल डायरी तथा आर्थिक सहायता आदि पत्रकार कल्याण की योजनाओं का विस्तार करने का निर्णय लिया है। उन्होंने राजस्थान संवाद के माध्यम से सरकार के कार्यक्रमों और योजनाओं के प्रचार कार्याें में गति लाने के निर्देश भी दिए।   गहलोत मुख्यमंत्री निवास पर राजस्थान संवाद की साधारण सभा और सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने सूचना

अशोक पटेल का नया सैड सॉन्ग 'तेरे इरादे' जल्द रिलीज होगा

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जयपुर - अशोक पटेल ने अपना नया सैड सॉन्ग 'तेरे इरादे' की जल्दी रिलीज करने की घोषणा कर दी है। इस एल्बम सॉन्ग की खास बात यह है कि इसमें 'रेप' भी किया गया है, जिसमें मुख्य किरदार अशोक पटेल और परी पाटिल का है। जयपुर के सिंगर कौ स्तुभ धाकड़ का यह पहला प्रोजेक्ट है,म्यूजिक बाबा की पूरी टीम का योगदान रहा है इसको बनाने में ।उम्मीद की जा रही है कि अशोक का यह गाना काफी लोकप्रिय साबित हो सकता है।

स्वामी अग्निवेश का जाना जनांदोलनों की अपूरणीय क्षति

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ऐसे मृदु भाषी, तर्कशील और कर्मठ योद्धा का चला जाना मानवाधिकार जगत के लिए बड़ी क्षति है जिसकी भरपाई की जिम्मेदारी युवा कंधों पर है।  लखनऊ । रिहाई मंच ने वरिष्ठ मानवाधिकार योद्धा स्वामी अग्निवेश के निधन पर शोक व्यक्त किया है। रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि ऐसे समय में जब देश विषम परिस्‍थितियों से गुज़र रहा है और आपदा को अवसर में तब्दील करते हुए मानवाधिकार और नागरिक अधिकारों के लिए काम करने के लिए ज़मीन तंग की जा रही है, स्वामी अग्निवेश जी का हम सब को छोड़कर जाना और भी दुखद हो जाता है। उन्होंने कहा कि देश में जब सरकार और सरकार समर्थित गैर सरकारी तत्वों द्वारा मानवाधिकार नेताओं पर होने वाले हमलों के सामने स्वामी जी दीवार की तरह खड़े थे। खुद हमले का शिकार होने के बावजूद जिस तरह उन्होंने इसे चुनौती के तौर पर लिया था वह अपने आप में एक मिसाल है। मंच महासचिव ने एनएपीएम की संविधान बचाओ यात्रा स्मरण करते हुए कहा कि यात्रा आज़मगढ़ के संजरपुर गांव से होकर गुजरनी थी। स्वामी जी यहीं से यात्रा में शामिल होकर वाराणसी जाने वाले थे। इसी क्रम में संजरपुर गांव के पड़ोस में स्‍थित दाऊदपुर गांव में ह

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के शिक्षक दिवस के उपलक्ष में आयोजित समारोह में 32 शिक्षक सम्मानित

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नयी दिल्ली -  दक्षिणी दिल्ली नगर निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में शिक्षक दिवस के उपलक्ष में आयोजित समारोह में 32 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। बतौर मुख्य अतिथि भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अरुण कुमार रहे उन्होने कहा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से प्राथमिक शिक्षा को मजबूती मिलेगी। शिक्षकों के उत्कृष्ट योगदान के लिये उन्हे प्रमाण- पत्र , स्मृतिचिन्ह व दस हजार रुपए की राशि से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षा समिति अध्यक्ष मुकेश सुर्यान ने की। इस अवसर पर निगमायुक्त ज्ञानेश भारती , महापौर अनामिका मिथिलेश , स्थायी समिति अध्यक्ष राजदत्त गहलोत, नेता सदन नरेंद्र चावला व अन्य गणमान्य विभूतियाँ मौजूद रही। पश्चिमी क्षेत्र से एक प्रधानाचार्य, एक नर्सरी अध्यापिका व छ: अध्यापक/ अध्यपिकओं को सम्मानित किया गया।  क्षेत्र के सभी अधिकारी कार्यक्रम में मौजूद रहे। वर्चुअल लिंक के माध्यम से सभी एस डी एम सी के अध्यापकों ने कार्यक्रम से जुड़कर आनन्द लिया। पश्चिमी क्षेत्र की 1 प्रधानाचार्या एवं 7 अध्यापकों को सर्वोत्तम अध्यापक के पुरस्कार प्राप्त हुए : 1.अंजु सचदेवा प्रधानाचार्या - बी3 रघुवीर नगर 1  2. शो

दुनिया के सबसे कमजोर और हाशिए के बच्चों की सुरक्षा के लिए अमीर देशों से एक ट्रिलियन डॉलर की मदद का किया आह्वान

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नयी दिल्ली - लॉरियेट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन समिट में नोबेल विजेताओं और वैश्विक नेताओं सहित दुनिया के 40 से अधिक देशों के सरकारी प्रतिनिधियों ने  अपनी बात रखी और 5000 से अधिक नीति निर्मातओं, बाल अधिकार कार्यकर्ताओं, अकादमिक जगत के लोगों, बुद्दिजीवियों और युवा नोताओं ने हिस्सा लिया।  कैलाश सत्यार्थी की अगुआई में आयोजित लॉरिएट्स एंड लीडर्स सम्मिट फॉर चिल्ड्रेन में शामिल प्रमुख हस्तियों में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा, स्वीडन के प्रधानमंत्री  स्टीफन लोफवेन , भारत की महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस घेब्रेयसस, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के महानिदेशक गाय राइडर, यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनेरिटा फोर, ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री गार्डेन ब्राउन, नीदरलैंड्स के विदेश, व्यापार और विकास मंत्री एचई सिग्रिड काग, आर्गेनाइजेशन ऑफ इकोनोमिक को-आपरेशन एंड डिवेलेपमेंट (ओईसीडी) के महासचिव एचई जोस एंजेल गुरिया के नाम शामिल है। नोबेल शांति विजेताओं में श्रीमती लेहमाह गॉबी, श्रीमती तवाकोल कर्मन, मुहम्मद यून

मऊ में नागरिकता कानून के विरोध के नाम पर किया जा रहा है पुलिसिया उत्पीड़न

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रासुका के मामलों के कानूनी सलाहकार सामाजिक कार्यकता अधिवक्ता असद हयात कहते हैं कि कानूनी व्याख्याओं का उल्लंघन किया जाता है, राजकोष पर बोझ बढ़ाते हैं, लोगों पर बोझ बढ़ाया जाता है, आखिर इसका क्या औचित्य है। पुलिस वालों ने कह दिया कि वो जेल से बाहर आकर नया आंदोलन करेंगे क्या ये रासुका का आधार हो जाएगा। कौन सा सुबूत है उनके खिलाफ कोई सीसी फुटेज नहीं, कोई वीडियो फुटेज नहीं, कोई फोटोग्राफ नहीं जिसमें वो नजर आ रहे हों तोड़-फोड़ करते या आगजनी करते हुए। ये कहां से लोक व्यवस्था का मामला है। कौन सी आपूर्ती बंद हो गई। कर्फ्यू तो लगा नहीं। जब परिवहन बंद होता या दूध, बिजली, पानी की आपूर्ती बंद होती तब लोक व्यवस्था का मामला होता। क्या ऐसा हुआ था। पर ऐसा कुछ नहीं हुआ था। सीएए का विरोध किया, इसका यह मतलब नहीं कि आप कानून के खिलाफ जाकर गैंगेस्टर लगाएंगे, रासुका लगाएंगे लखनऊ । रिहाई मंच ने मऊ का दो दिवसीय दौरा कर नागरिकता कानून के विरोध के नाम पर किए जा रहे पुलिसिया उत्पीड़न के पीड़ितों, उनके परिजनों से मुलाकात की। मंच ने कहा कि मुख्तार अंसारी के नाम पर आंदोलन के दौरान आरोपी बनाए गए लोगों पर गैंगेस्टर, गुंडा

‘3एम-सीआईआई यंग इनोवेटर्स चैलेंज अवॉर्ड्स 2020’ से विजेताओं का सम्मान 

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बैंगलुरू : 3एम इंडिया ने बैंगलुरू में आयोजित 16वें सीआईआई इनोवेशन समिट 2020 के दौरान प्रतिष्ठित 3एम-सीआईआई यंग इनोवेटर्स चैलेंज अवॉर्ड्स के सातवें संस्करण के विजेताओं की घोषणा की। इस साल के चैलेंज का विषय था “Resilience and Resurgence: Innovating for Society 5.0”। जजों ने विभिन्न प्रकार की प्रविष्टियों को स्वीकार किया, जिनमें बुजु़र्गों, दिव्यांगों, स्वास्थ्यसेवा कर्मियों एवं कृषि कर्मियों के लिए आधुनिक टेक समाधान शामिल थे। प्रतियोगिता में तीन मुख्य पहलुओं पर ध्यान केन्द्रित किया गयाः इनोवेशन, उद्यमिता और स्थायी जीवनशैली। प्रतियोगिता ने ऐसे युवा इनोवेटर्स को आकर्षित किया, जिनके आधुनिक विचार समाज कल्याण के लिए क्रान्तिकारी साबित हो सकते हैं। प्रतियोगिता के लिए शानदार प्रतिक्रिया मिली, देश भर से 2500 से अधिक प्रविष्टियां प्राप्त हुईं। ब्राण्ड 3एम को अपनी आधुनिक संस्कृति के लिए जाना जाता है। इनोवेशन की संस्कृति को बढ़ावा देने और देश भर के इनोवेटर्स को एक समावेशी प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के लिए 3एम इंडिया ने 2014 में कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज़ (सीआईआई) के साथ हाथ मिलाए। इस चैलेंज के तह

लक्ष्मी रिमोट (इंडिया) का ‘आत्मनिर्भर भारत’ में योगदान;अपनी विनिर्माण क्षमता को बढ़ाया

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देश में चल रहे 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के अनुसार बढ़ाई गयी क्षमता के जरिए एलआरआईपीएल न केवल स्थानीय बल्कि दुनिया भर की मांगों को भी पूरा करने में सक्षम होगी।  इसके अलावा, कंपनी के पास हर दिन 40,000 अडाप्टर्स और पावर सप्लाईज्, 12,000-15,000 सेट-टॉप-बॉक्सेस, 20,000 मोबाइल चार्जर्स और 30,000 एवी केबल्स बनाने की स्थापित क्षमता है, जिससे इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेस (ईएमएस) क्षेत्र की कई अलग-अलग कंपनियों की मांगे पूरी की जा रही हैं। नई दिल्ली : भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत में योगदान देते हुए लक्ष्मी रिमोट (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड (एलआरआईपीएल) ने अपनी नोएडा फैक्ट्री की विनिर्माण क्षमता में वृद्धि की है। अब यहां हर दिन 1.25 लाख रिमोट कंट्रोल्स बनाए जाने लगे हैं। भारत में रिमोट कंट्रोल्स की सबसे बड़ी विनिर्माता कंपनियों में से एक एलआरआईपीएल ओईएम के लिए रिमोट कंट्रोल विनिर्माण में अग्रसर बनने के उद्देश्य से आगे बढ़ रही है।  एलआरआईपीएल की यह घोषणा न केवल विनिर्माण में विकास की तेज गति को दर्शाती है, बल्कि इस क्षेत्र के प्रति आर्थिक भावनाओं को भी बढ़ावा देती है। स्थानीय विनिर्मा

कविता // जीवन भूल-भुलैया

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विजय सिंह बिष्ट जीवन भूल-भुलैया सहारा जब लिया जिसका, वही दूर हो जाता, किनारा था जिसे समझा, वही मंझधार बन जाता। अनोखी राह है सबकी, अपना शत्रु बन जाता, राम -रावण दोनों लड़ पड़े, विभीषण मित्र बन जाता। शिथिल है तन बदन सारा, न आंखें देख सकती हैं, कर्णद्वार भी बंद हो चले, न बुद्धि ही सोच सकती है। किया जिन कदमों से भ्रभण, अब नहीं वे साथ चलते हैं  किया हस्तकौशल जिन हाथों, अब वे भी कांपने लगते हैं। तेरा मेरा करके बीता जीवन, साथ न कोई ले जा पाया, भगवान राम ने ली जल समाधि, बधिक ने कृष्ण को बाण लगाया, सच में साधों यह भूल- भुलैया, इसका आर न पारा, सांस रुकी तब लुटा सारा संसारा। किया दान जिसने अपना अर्पण, वही दानी कर्ण , दधीचि कहलाया, सत्य की राह दुःख झेला जिसने, वही सत्य हरिश्चन्द्र कहलाया।