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सच कहूँ क्या आज के हालात का,हर तरफ है मुश्किलों का जलजला

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रायपुर -विश्व मैत्री मंच रायपुर छत्तीसगढ़  इकाई द्वारा आयोजित आॅनलाइन काव्य गोष्ठी में सदस्यों ने अपनी रचनाओं में विजया दशमी और शरदपूर्णिमा पर्व को समेटते हुए  बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया | मंचासीन अतिथि के रूप में कार्यक्रम की अध्यक्ष वरिष्ठ लघुकथाकार दिल्ली से पधारीं वरिष्ठ कलमकार डॉ सुषमा भंडारी एवं विशिष्ट अतिथि रायपुर छतीसगढ़ के सुप्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार आचार्य अमरनाथ त्यागी रहे ! सांकेतिक दीप प्रज्वलन सचिव नीलिमा मिश्रा ने  व सुमधुर सरस्वती  वंदना प्रस्तुत की स्वर कोकिला ईरा पंत ने । प्रारंभिक उद्बोधन मे  संस्थापिका अध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव ने सभी का स्वागत करते हुए  नवरात्रि पर इस आयोजन का प्रयोजन समझाते हुए कहा कि कई सन्दर्भों में नवरात्रि वास्तविक धरातल पर अपने ही आधार पर प्रश्न चिन्ह लगाता है और उन्होंने अपनी बात को विस्तार देते हुए नारी की स्थिति पर चिंता व्यक्त की ! कार्यक्रम का संचालन संस्था की वरिष्ठ कवयित्री सरोज सिंह राजपूत ने बड़ी ही कुशलता पूर्वक किया और काव्यपाठ के प्रस्तुतिकरण के लिए सभी प्रतिभागियों को मान सम्मान के साथ मंच पर आमंत्रित किया जिनकी कविता की चंद पंक्तियाँ इ

विश्व मैत्री मंच द्वारा आयोजित 6 दिवसीय ऑनलाइन काव्य और लघुकथा गोष्ठी

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नयी दिल्ली - विश्व मैत्री मंच राष्ट्रीय स्तर पर लघुकथा गोष्ठी का आयोजन किया गया.आयोजन संस्था की संस्थापिका संतोष श्रीवास्तव के मार्गदर्शन,अध्यक्षता मुुजफ्फ़र इक़बाल सिद्दीक़ी तथा विशिष्ट अतिथि अंतरा करवड़े की उपस्थिति में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ. कार्यक्रम का आरंभ संतोष श्रीवास्तव के स्वागत भाषण से हुआ जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथियों का स्वागत करते हुए लघुकथा के विषय शक्ति स्वरूपा नारी पर नारी के शक्तिस्वरूप को नकारते हुए आज के दौर में हो रहे नारी पर अत्याचार की बात कही और समाज द्वारा नारी को दोहरे रूप से छले जाने की बात कही. गोष्ठी दो सत्रों में सम्पन्न हुआ,आयोजन का सफल संचालन नीता श्रीवास्तव ने अपने विशेष अंदाज़ में किया. पहले सत्र में निधि मद्धेशिया,सन्तोष झाँझी, सुषमा व्यास 'राजनिधि',मधुलिका सक्सेना,सुरेश बाबू मिश्र, साधना वैद, डॉ मंजुला पांडेय, रूपेंद्र राज तिवारी, तथा द्वितीय सत्र में विजयकांत वर्मा, अमर त्रिपाठी, अलका अग्रवाल,नीलिमा मिश्रा,अनिता मंदिलवार सपना, डॉ. साधना तोमर, पूर्ति वैभव खरे जी,  मधु सक्सेना , अनुपमा झा ,शिरीन भावसार, दीपाली ठाकुर, जनार्दन शर्मा ,आयो

कोरिया -भारत मैत्री निबंध प्रतियोगिता 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के छात्रों ने भाग लिया

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भारत के सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के छात्रों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया और इसे सच्ची अखिल भारतीय प्रतियोगिता बनाया। एक अनो और अभूतपूर्व परियोजना, कोरिया-भारत मैत्री निबंध प्रतियोगिता, भारतीय छात्रों के निबंधों के रूप में दिल को छूने वाले भाव लाने में सफल रही। नयी दिल्ली - 8 वीं कोरिया - भारत मैत्री निबंध प्रतियोगिता 34,756 प्रतिभागी, 642 स्कूल, 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश - दक्षिण कोरिया के बारे में ज्ञान और रुचि पूरे भारत में दूर-दूर तक फैली । इस निबंध प्रतियोगिता के माध्यम से हजारों भारतीय छात्रों ने कोरिया गणराज्य की संस्कृति, इतिहास और पर्यटन के आकर्षण के बारे में जाना । यह कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र भारत द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय विषयों पर स्कूली छात्रों के लिए भारत की सबसे बड़ा निबंध प्रतियोगिता है। यह वार्षिक प्रतियोगिता लगातार आठवीं बार आयोजित की गई । इस साल, प्रतियोगिता में 34,756 छात्रों ने उत्सुकता से कोरिया के लिए अपना प्यार दिखाया। पुरस्कार समारोह 23 अक्टूबर को नई दिल्ली में कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र भारत में इन्टरनेट के माध्यम से आयोजित किया ग

70% वॉटर रिकवरी के साथ दुनिया का पहला आरओ वाटर प्यूरीफायर बाजार में आया

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लिवप्योर ने जिंगर और प्लैटिनो प्लस कॉपर लॉन्च किया है, जो 70% पानी रिकवर करता है और कंज्यूमर्स के लिए पैसे के लिए ग्रेट वैल्यू देता है। प्रीमियम मॉडल मैग्ना चुनिंदा बाजारों और चैनलों में 80% रिकवरी के साथ उपलब्ध है। इसे जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च किया जाएगा। उच्च स्तर पर पानी की रिकवरी देने वाले इस आविष्कार के लिए पेटेंट का आवेदन किया गया है। नयी दिल्ली : एक स्वस्थ और स्थायी जीवन देने में एक फ्रंटरनर लिवप्योर ने अब  तक एक और भविष्य रेंज को  लॉन्च किया है जो आरओ (रिवर्स ऑस्मोसिस) आधारित वाटर प्यूरीफायर है एक बड़ी सफलता प्राप्त की है। एशियन डेवलपमेंट बैंक के पूर्वानुमान के अनुसार 2030 तक भारत में 50 प्रतिशत पानी की कमी होगी। लिवप्योर ने जल संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अतीत में #CuttingPaani और #RiversInABottle जैसे कई कैम्पेन चलाए हैं। यह आरओ मौजूदा आरओ से उपलब्ध 25% से 30% रिकवरी के मुकाबले 70% पानी रिकवर करेगा। इससे प्रति वर्ष लगभग 20,000 लीटर पानी की बचत होगी, जिससे भारत और दुनिया के कई देशों में पानी के संरक्षण में एक बड़ा योगदान है। लॉन्च पर बोलते हुए लिवप्योर के

माता का दरबार ( पैरोड़ी)

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सुषमा भंडारी तेरा सजा है दरबार ओ मैया हो रही जय-जयकार ओ मैया हर लो सारे संकट मैया  डूब रही है जीवन नैया दुनिया है उस में सवार ओ मैया तेरा ----------- संकट कोरोना का छाया जन- जीवन पल-पल घबराया  त्रस्त हुआ संसार ओ मैया तेरा----- थम- सा गया है सारा जीवन चुप्प है सारी धरती - आंगन  है जन-जन लाचार ओ मैया तेरा-------- छिप कर के दुश्मन ये आया दुनिया को इसने चकराया तू ही कर उपचार ओ मैया तेरा------- छूने से होती बीमारी आई है ये विपदा भारी जूझ रहा एतबार ओ मैया तेरा ------  

कन्या पूजा ( लघुकथा )

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रामरती ! तुम्हे पहले भी कहा है अपनी बेटी को घर पर ही छोड कर आया कर, तेरा काम में नहीं, बेटी में ध्यान  लगा रह्ता है। जी मालकिन।  पुरानी मालकिन ने कभी टोका नहीं इसलिये ये ये ये----वो मैं---- मैं टोक रहीं हूं न बस्स्स्स्स। चिल्लाते हुये मिसेज शर्मा गुर्राई। खैर। बेचारी रामरती अपनी पड़ोसन बिमला के पास गुडिया को छौडने लगी। मदन पर उसको भरोसा न था रामरती का पति जो निक्क्मा और शराबी के अलावा कुछ नहीं। यूं ही सब ठीक चलता रहा । रामरती को काम की जरूरत थी सो वो भी भूल गई मालकिन के व्यव्हार को और मिसेज शर्मा भी रामरती के काम से खुश थी। नवरात्री आने वाली थी मिसेज शर्मा पूजा- पाठ धर्म -कर्म वाली थी। कन्या पूजन का दिन आया मिसेज शर्मा को सोसायटी में कहीं कन्या नहीं मिली या यूं कहें कि आने को तैयार नहीं हुई। रामरती घर जाओ अपनी बेटी को नहला कर ले आओ मुझे कन्या पूजन करना हैं रामरती मालकिन को टकटकी लगाये निहार रही थी। सुषमा भंडारी  

दीपावली का पर्व प्रतिपल हमारे भीतर विद्यमान रह्ता है

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सुषमा भंडारी दीपावली का पर्व प्रतिपल हमारे भीतर विद्यमान रह्ता है। दीपशिखायें प्रकाशित होती हैं और माहौल को खुशनुमा करती हैं जितना उत्सव इस मन में होता है उतना कहीं भी नहीं हो सकता, मगर ये तब सम्भव है जब हम दशहरा मनायें प्रतिपल। दशहरा यानि सत्य की जीत का  बुराइयों के दमन का । इस मन में प्रतिक्षण उत्पन्न होते विकारों के दमन की समाप्ति का। हम रावण तो बन जाते हैं सहज , सहर्ष स्वत; ही रावण को मारते नहीं हैं , जानते हैं ये हमारा नाश करेगा किन्तु फिर भी अपने भीतर इसका राजपाठ होने देते हैं। सदा सत्य का उजाला ही असली दीवाली है साहस  निष्ठाऔर ज्ञान का उत्सव ही दीवाली है। दीपावली राम रूपी, सत्य रूपी प्रकाश को जागृत करने एवं रावण रूपी अंधकार को मारने का का त्यौहार है।हम सदियों से इस पर्व को इसी आधार पर मनाते चले आ रहे हैं। असत्य पर सत्य की विजय, अंधकार पर प्रकाश की विजय । देखना ये है कि हम इसे कितना सार्थक कर पाते हैं।  दीपावली समाज व व्यक्ति के जीवन के अनगिनत आयामों को दर्शाता है जिनमें से एक धर्म भी है , कई लोग अराजकता को फैलाने के उद्देश्य से धर्म से जोड़ देते हैं जो ठीक नहीं। वर्तमान समय जिस