संदेश

एनडीडीबी के मार्गदर्शन में ग्राम स्तरीय घरेलू बायोगैस आपूर्ति परियोजना का शुभारंभ

चित्र
० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली -- चंदौली जिले के एकौनी गांव में 5,000 कि.ग्रा. प्रतिदिन गोबर प्राप्ति क्षमता एवं 200 घन मीटर प्रतिदिन बायोगैस उत्पादन क्षमता का एक बायोगैस संयंत्र स्थापित किया गया है| इस परियोजना का उद्देश्य एकौनी गांव के 120 घरों में पाइपलाइन के माध्यम से चौबीस घंटे रसोई ईंधन के रूप में बायोगैस की आपूर्ति करना है|इस परियोजना का शुभारंभ अतुल चतुर्वेदी, सचिव, पशुपालन और डेयरी विभाग, भारत सरकार के करकमलों द्वारा, NDDB के अध्यक्ष मीनेश शाह की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया| साथ ही साथ क्षेत्र के किसानों में बायोगैस स्लर्री से बने जैविक खाद के उपयोग के प्रसार हेतु, NDDB के ट्रेडमार्क “सुधन” जैविक खाद का वितरण भी किसानों को किया गया | यह बायोगैस संयंत्र NDDB के मार्गदर्शन से एक प्रगतिशील डेयरी किसान नागेंद्र सिंह की “नन्द सदन गौशाला”, ग्राम एकौनी में “साफ बायोगैस प्राइवेट लिमिटेड” द्वारा स्थापित किया गया है| इस परियोजना को धरातल पर उतारने के लिये NDDB ने SAAF एनर्जी को परियोजना का प्रारूप बनाने, गौशाला का चयन करने तथा गोबर एकत्रीकरण के लिए एक प्रणाली स्थापित करने में मदद की है|

राष्ट्रीयकृत बैकों का निजीकरण कितना उचित

चित्र
०  विनोद तकियावाला ०  भारत अपनी आजादी के 75 वर्षो मेंअमृत महोत्सव मना रहा है वही इस अमृत काल में केंद्र सरकार द्वारा कई योजना ' सरकारी कार्यक्रम व f मनाने में मस्त है। इस उत्सव मे सरकारी खजानों से जनता के पैसे पानी की तरह बहाया जा रहा है,बही बेचारी जनता अपनी जीवन जीविका के जंग जुझ रही है।मंहगाई रूपी सुरसा के अपने मुँह फैलायें खडी है खैर।मंहगाई पर नियंत्रण करने के बजाय वर्तमान की केन्द्र सरकार अपनी गलत नीति को लागू करने व्यस्त है।पहले वी एस एन एल ,एयर इंडिया,एच ए एल आदि नव रतन कम्पनी के बाद जनता की गढ़ाई कमाई की जमा पूंजी संजोय कर रखने वाले बैक का काली नजर पड़ गई है।बैक की संक्षिप्त जानकारी पर सर सरी निगाह डालते है ।इन आर्थिक क्षेत्र पर पैनी नजर व भारतीय अर्थ व्यवस्था के विशेषज्ञ के चहरे चिन्ता की लकीरें दिखाई पड़ रही है।क्योकि भारत मे बैंकों के राष्ट्रीयकरण के 53 वर्षों के बाद सरकार बैंकों के निजीकरण की राह पर चली पड़ी रही है।सरकार द्वारा भारतीय स्टेट बैंक को छोड़कर सभी पब्लिक सेक्टर के बैंकों का निजीकरण करने जा रही है।इस संदर्भ में नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च की एक रि

सेफेक्स केमिकल्स ने शानदार वृद्धि दर्ज की, 782 करोड़ रुपये की आय हासिल की

चित्र
० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली   : देश की प्रमुख एग्रोकेमिकल कंपनी सेफेक्स केमिकल्स ने वित्त वर्ष 21 के दौरान 782 करोड़ रुपये की आय (रेवेन्‍यू) हासिल कर अपनी विकास की शानदार यात्रा को जारी रखा है। पिछले 12 वर्षों में यह कृषि विज्ञान में सबसे महत्वपूर्ण वृद्धि में से एक है और इसके साथ ही सेफेक्‍स केमिकल्‍स ने अब इस वित्त वर्ष के अंत तक 1,000 करोड़ रुपये के मूल्यांकन वाली कंपनी बनने का लक्ष्‍य तय किया है। एग्रोकेमिकल सेक्‍टर में अनेक चुनौतियों के बीच खाद्य सुरक्षा प्रक्रियाओं के प्रभावी प्रबंधन में लचीलापन बनाए रखने के लिए अवसरों में उल्‍लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है। इन चुनौतियों में क्‍लाइमेट में हो रहे बदलाव और कहीं कम तो कहीं बहुत ज्‍यादा बारिश आदि जैसी समस्‍यायें शामिल हैं और इनकी वजह से वित्‍त वर्ष 2022 में मांग में काफी अप्रत्‍याशित उतार-चढ़ाव आया है। इसके अलावा, वैश्विक कोरोना महामारी के कारण लगे राष्ट्रव्यापी / राज्य-व्यापी लॉकडाउन की वजह से परिवहन में रुकावट आई। इसके कारण मजदूर संकट, कर्मचारियों के काम को फिर शुरु करने की चिंता, आपूर्ति श्रृंखला संबंधी चिंताओं, महंगाई और कमोडिटी की

स्वयं सहायता समूहों के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

चित्र
० इरफान राही ०  नयी दिल्ली - दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली जिलाधीश कार्यलय, कापसहेड़ा एवं राष्ट्रीय आजीविका मिशन दक्षिण पश्चिम दवारा 2 दिवसीय आजीविका कार्यशाला का आयोजन सभागार, दीनदयाल कॉलेज, द्वारका दिल्ली किया में आयोजित हुआ । इस आजीविका कार्यशाला मे राष्ट्रीय आजीविका मिशन दक्षिण पश्चिम जिले के अंतर्गत 150 स्वयं सहायता समहू के सदस्यों ने हिस्सा लिया और उन्हें राष्ट्रीय आजीविका मिशन की नीतियों और महत्व को बताया गया। कार्यक्रम का शुभआरम्भ एवं दीप प्रजलित जिलाधीश कापसहेड़ा श्री हेमंत कुमार (IAS), शील कांत शर्मा (SMM) , फादर बीजू संथापक बोस्को दिल्ली, DDU कॉलेज के प्रिंसिपल खेमचंद जैन, माधुरी वार्ष्णेय चैयरमेन भास्कराचार्य कॉलेज, मधुरकर वार्ष्णेय समाजसेवी, NCPI विभाग से शिवांग , मंथन आनंद दिल्ली सचिवालय द्वारा किया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता नवीन कोटिया (कम्यूनिटी ऑर्गनाइज NULM), रेनू अग्रवाल एवं सूरज कांत द्वारा करी गयी। विभाग की तरफ से रुक्मिणी CMM- NULM ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया साथ ही उनसे सहयोग की अपेक्षा भी करी गई। कार्यशाला में नवीन कोटिया जी ने सभी स्वयं सहायता समहू के सदस्यों को पा

डाॅ.कल्पना पाण्डेय की सद्य प्रकाशित कृति 'अनावरण' हृदय को उन्मुक्त और अनावृत किया

चित्र
०  शकुंतला मित्तल ०  प्रतिष्ठित,वरिष्ठ साहित्यकार ,अति विनम्र,स्नेहिल व्यक्तित्व और मृदु भाषी मेरी छोटी बहन समान आदरणीया प्रिय कल्पना पाण्डेय जी की पुस्तक कुछ समय पूर्व प्राप्त हुई।तत्काल पढ़ कर अपनी प्रतिक्रिया देना चाहती थी पर फोन के टंकण में कुछ तकनीकी खराबी आ गई। लीजिए प्रस्तुत है मेरी समीक्षा एक वरिष्ठ साहित्यकार की पुस्तक अनावरण के लिए हृदय की मुक्तावस्था का सफर कराती कविताएँ हैं अनावरण वरिष्ठ कवयित्री और साहित्यकार डाॅ.कल्पना पाण्डेय  की सद्य प्रकाशित कृति 'अनावरण' मेरे पास आई तो शीर्षक पढ़ते ही हृदय में आचार्य रामचंद्र शुक्ल का यह कथन गूंज उठा," हृदय की मुक्तावस्था रसदशा कहलाती है और हृदय की इसी मुक्ति की साधना के लिए मनुष्य की वाणी जो शब्द विधान करती आई है,उसे कविता कहते हैं।" मैंने उत्सुकतावश कवयित्री की कविताओं को पढ़ते हुए उनके रचना संसार में प्रवेश किया तो इस बात को गहराई से अनुभूत किया कि डाॅ कल्पना पाण्डेय ने हृदय पर चढ़े स्वार्थ,लोभ,मोह अपना-पराया के सभी आवरण उतार कर हृदय को पहले उन्मुक्त और अनावृत किया है और समाज,देश,प्रकृति सबके साथ शुद्ध भावनात्मक

एफआईएमटी कालेज में कामनवेल्थ गेम्स डाक्यूमेंट्री फिल्म का पोस्टर एवं टीजर लॉन्च

चित्र
० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली -  एफआईएमटी- पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के स्टूडेंट्स द्वारा कामनवेल्थ गेम्स पर निर्मित डाक्यूमेंट्री का पोस्टर एवं टीजर कालेज की निदेशक डॉ सरोज व्यास ने लांच किया।गौरतलब है कि लेखक-पत्रकार-एसिसटेंट प्रोफेसर एस.एस.डोगरा के निर्देशन में बारह विद्यार्थियों की टीम ने मिलकर "एन एमेजिंग जर्नी आफ कामनवेल्थ गेम्स" डाक्यूमेंट्री को दो महीने की मेहनत से तैयार किया है। इस अवसर पर, डॉ.प्रोफेसर एस.पी.सिंह, डॉ शालिनी कुमार, डॉ शिखा शर्मा, एसिस्टेंट प्रोफेसर अनुप्रिया, सुषमा, पूजा सहित विद्यार्थियों रमन, अक्षय,ईशा,युक्ता, आदित्य, प्रखर,आर्यन, संजनी, हार्दिक ने भी उपस्थित रहकर कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। डॉ सरोज व्यास ने अपने संबोधन में उक्त उपलब्धि के लिए पूरे बीजेएमसी विभाग तथा विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की।

आजादी के अमृत महोत्सव में गुमनाम नायकों की प्रतिष्ठा

चित्र
० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली : भारत अपनी आजादी के अमृत महोत्सव में कुशल राजनीतिक नेतृत्व के कारण सभी जगह और हर मोर्चे पर प्रतिष्ठित हो रहा है। सुनियोजित दुष्प्रचार के जरिए जो विमर्श गढ़े गए उनकी कलई खुल रही है। सत्ता के इशारे पर चाहे राजशाही ने हो या लोकतांत्रिक निरंकुशता ने ,जिसने भी देश की आजादी के महानायकों को हाशिए पर पहुंचाया ,देश उनकी वास्तविकता को भांपकर अब धूल चटा रहा है । अपने एक ही जीवन में मृत्युदंड की सजा पाने वाले वीर दामोदर सावरकर हों या 84 दिन की भूख हड़ताल कर अंग्रेजी दासता और निरंकुश राजशाही के विरुद्ध बिगुल बजाने वाले टिहरी के मुक्तिनायक अमर बलिदानी श्रीदेव सुमन।  इस परंपरा के असंख्य राष्ट्रभक्तों के सत्कर्म और समर्पण कोई नहीं भुला सकता। देश में नई शिक्षा नीति में मातृभाषा पर जोर देने के साथ ऐसे गुमनाम ऐतिहासिक प्रेरक व्यक्तित्वों के अध्ययन पर अमल आजादी के अमृत पर्व पर हो रहा है। ये विचार स्वातंत्र्यवीर श्रीदेव सुमन की पुण्यतिथि पर पर्वतीय लोकविकास समिति और हिम उत्तरायणी पत्रिका द्वारा प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में "आजादी का अमृत महोत्सव और सुमन की टिहरी"विषय पर आयो