उर्दू अकादमी दिल्ली सरकार के उर्दू साक्षरता केंद्र 2 साल से बंद पड़े है
० संवाददाता द्वारा ० नई दिल्ली- दिल्ली सरकार के अंतर्गत उर्दू अकादमी दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 150 से अधिक उर्दू साक्षरता केंद्र चलाए जाते हैं जो कि कोरोना के कारण पिछले 2 साल से मुकम्मल तौर पर बंद पड़े हैं और अभी भी खुलने की कुछ आसार नज़र नहीं आ रहे , मामूली रक़म पाने वाले उर्दू साक्षरता केंद्रों में अपनी सेवा देने वाले इंस्ट्रक्टर को 2 सालों में एक रुपया भी नहीं मिल सका है आख़िरकार उनके सब्र का पैमाना लबरेज़ हो चुका है और सरकार से मांग करने पर मजबूर हो गए हैं कि सरकार उनके वर्तमान और भविष्य के प्रति कुछ गंभीर हो उन्होंने सवाल किया के क्या हम उर्दू वालों का हाल उन निर्माण मज़दूरों और ऑटो टैक्सी वालों से भी बदतर हो गया जिन्हें लाक डाउन में 5-5 हज़ार रुपयों की कई क़िश्तें दी गईं ? और उर्दू वालों का हाल तक भी ना पूछा? यमुनापार के खजूरी में उर्दू साक्षरता केंद्र चलाने वाले महफूज़ आलम ने कहा पिछले 2 वर्षों से सेंटर बंद पड़े हैं इस बीच शिक्षकों से यह भी नहीं पूछा गया कि आख़िर वह किस हाल में जीवन व्यतीत कर रहे हैं जबकि मज़दूरों को उनके अकाउंट में पैसे भेजे गए, अगर हुकूमत उर्दू से