नाटक एक ऐसी विधा है जिसमें समाज की चेतना को मूर्त रूप देने की अद्भुत क्षमता है- रमा पांडेय
० योगेश भट्ट ० नई दिल्ली : रतनाव द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय रंगोत्सव की शुरुआत श्री राम सेंटर में ‘रामगढ़ की कथा’नाटक के साथ हुई। दिल्ली के इतिहास में रंगमंच के प्रेमी पहली बार एक महिला नाटककार द्वारा लिखित निर्देशित अभिनीत और प्रस्तुत तीन ऐसे नाटक दिखाए जा रहे हैं , जो उन समस्याओं के बारे मैं सीधे सवाल उठाते हैं जो महिलाओं से जुड़े हुए हैँ। यह नाट्य उस्तव 3 सितम्बर तक चलेगा।2 सितम्बर को रूप विदरूप और 3 सितम्बर को लल्लन मिस मंचित होगा। रंगोत्सव के उद्घाटन के मौके पर कई जाने माने नाम उपस्थित थे इनमें आकाशवाणी दिल्ली के पूर्व उपमहानिदेशक लक्ष्मी शंकर वाजपेयी, इंदिरा गाँधी कला केंद्र में प्रोफेस्सर व राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के अध्यक्ष प्रो. रमेश चन्द्र गौड़, महानिदेशक भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद कुमार तुहिन, उद्योग जगत के जाने माने नाम कमल मोदी आदि मौजूद रहे। इस मौके पर बोलते हुए मशहूर रंगकर्मी,लेखक रमा पांडेय ने अपने विचार रखते हुए कहा ‘नाटक एक ऐसी विधा है जिसमें समाज की चेतना को मूर्त रूप देने की अद्भुत क्षमता है। समाज की चिंताएं अनसुलझे सवाल यहाँ समाधान पाते नजर आते हैं इसलिए नाटक आज क