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भारत के ओलंपिक आंदोलन में एक ऐतिहासिक बदलाव के लिए बधाई : नीता अंबानी

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० संवाददाता द्वारा ०  नई दिल्ली : आईओसी की सदस्य नीता अंबानी ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के नए संशोधित मसौदा संविधान का स्वागत करते हुए, इसे भारत के ओलंपिक सपने में एक ऐतिहासिक क्षण बताया। सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव द्वारा तैयार किए गए IOA के संशोधित संविधान के अंतिम मसौदे में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, इसे10 नवंबर को होने वाली आम सभा की बैठक में औपचारिक स्वीकृति मिल सकती है। नीता एम. अंबानी ने नए संशोधित आईओए मसौदा संविधान में एथलीटों और महिलाओं के अधिक प्रतिनिधित्व की सराहना करते हुए कहा "मैं न्यायमूर्ति नागेश्वर राव को भारत के ओलंपिक आंदोलन में एक ऐतिहासिक बदलाव के लिए बधाई देती हूं क्योंकि हम उम्मीदों से भरे एक अधिक समावेशी भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं। IOA के संशोधित मसौदा संविधान में, भारतीय खेल प्रशासन में एथलीटों और महिलाओं के लिए अधिक प्रतिनिधित्व की दिशा में उठाए गए कदमों से मैं बेहद आशान्वित हूं। ” 2023 भारत के ओलंपिक आंदोलन के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष है, क्योंकि भारत मुंबई में 40 वर्षों में पहली बार आईओसी सत्र की मेजबानी करेगा। संविधान संशोधन के

देश में बनेगी चाणक्य सेना , 41 हस्तियों को राष्ट्रीय ब्राह्मण शिरोमणी अवार्ड

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली । देशभर में ब्राह्मणों की चाणक्य सेना का निर्माण किया जायेगा। जो कि किसी भी अत्याचार अनाचार के खिलाफ मुखर होकर बोलेगी। साथ ही पुरे देश में ज्योतिष, वास्तु एवं कर्मकाण्ड के सेंटर स्थापित किये जायेगें। यह निर्णय सर्व ब्राह्मण महासभा की ओर से नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय ब्राह्मण अधिवेशन में हुआ। समारोह की अध्यक्षता करते हुए सर्व ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. सुरेश मिश्रा ने कहा कि आज ब्राह्मण समाज संघर्ष काल में जी रहा है। उसे अपने अतीत को सुरक्षित रखते हुए वर्तमान युग के साथ सामंजस्य बैठाना है और संस्कारों को आगे बढ़ाना है। समारोह के मुख्य अतिथि श्री श्री 1008 निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर परम पूज्य स्वामी कैलाशानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि ब्राह्मण सभी को दिशा दें और संस्कारों को आगे बढ़ाये तो निश्चित रूप से समाज के सभी वर्गो का उत्थान हो पायेगा। समाज के सभी वर्गो में ब्राह्मणों का सम्मान है लेकिन आज आवश्यकता इस बात की है कि हम सब एकजुट रहकर नई पीढ़ी को संस्कारवान बनाएं और वर्तमान परिस्थितियों में देश और दुनिया के साथ चलते हुए भारतीय संस्क

स्वीडन इंडिया नोबेल मेमोरियल वीक के उपलक्ष्य में SHESTEM वीडियो चैलेंज

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली : 2020 से शुरू #SHESTEM वीडियो चैलेंज की शानदार सफलता के बाद यह विशिष्ट आयोजन एक बार फिर इस साल 15वें स्वीडन इंडिया नोबेल मेमोरियल वीक (एसआईएनएमडब्ल्यू) के उपलक्ष्य में होगा और फिजिकल रूप में होगा। सालाना स्वीडन इंडिया नोबेल मेमोरियल वीक का आयोजन स्वीडन दूतावास, मुंबई में स्वीडन महावाणिज्य दूतावास और भारत में कार्यरत स्वीडिश कंपनियों सहित टीम स्वीडन के अन्य भागीदार संयुक्त रूप से करते हैं। 15वां नोबल अम्ब्रेला प्रोग्राम दिसंबर में आयोजित किया जाएगा और इसमें कई नई पहलों को पेश किया जाएगा। 15वें स्वीडन इंडिया नोबेल मेमोरियल वीक के उद्घाटन पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए भारत में स्वीडिश राजदूत जेन थेस्लेफ ने कहा, ‘‘15वां स्वीडन इंडिया नोबेल मेमोरियल वीक का उद्घाटन करने की मुझे बहुत खुशी है। यह सही मायनों में दूतावास के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है जो अल्फ्रेड नोबेल और विज्ञान, अनुसंधान, इनोवेशन और कला जगत में उनकी शानदार विरासत का सम्मान करता है। मैं #SHESTEM वीडियो चैलेंज के लिए इस साल भारतीय युवाओं की विजेता इंट्रियों देखने के लिए उत्सुक हूं। भारत में स्वीडन द

उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक की उत्तर कोलकाता में 84वीं शाखा खुली

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० संवाददाता द्वारा ०  कोलकाता - देशभर में बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए देश के लोगों के दिलों में एक विशेष जगह बनाने वाली उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड ने कोलकाता में एक नई शाखा की शुरुआत की गई। यह शाखा पश्चिम बंगाल की 84वीं शाखा होगी, जिसका शुभारंभ उत्तर कोलकाता के श्यामबाजार क्रॉसिंग के पास किया गया है। बैंक के अधिकारियों की तरफ से दावा किया गया है कि राज्य में मौजूदा 9.41 लाख ग्राहकों को जोड़ने में यह शाखा अहम योगदान करेगी। नई शाखा खोलने का उद्देश्य देश की सांस्कृतिक राजधानी कोलकाता में रहनेवाले ज्यादा से ज्यादा लोगों को इससे जोड़कर उनतक अपनी बेहतर सेवाएं पहुंचाना है। उज्जीवन एसएफबी की योजना देश भर के ग्राहकों को सर्वोत्तम श्रेणी के बैंकिंग सेवाएं प्रदान करता है।उज्जीवन एसएफबी ग्राहकों को उनके द्वारा बैंक में खोले गए बचतउज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक की ओर से उत्तर कोलकाता के श्यामबाजार क्रॉसिंग के पास 84 वें शाखा का हुआ शुभारंभ  देशभर में बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए देश के लोगों के दिलों में एक विशेष जगह बनानेवाली उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड ने कोलकाता में एक नई शाखा की श

गुंजन सिंह और ब्रिटिश अभिनेत्री क्रिस्टिना का "पैक-अप"

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०  संत कुमार गोस्वामी ०  पटना -तस्वीर में गुंजन सिंह गले मे बिहारी गमछा डाले ब्रिटिश अभिनेत्री क्रिस्टीना के साथ नजर आ रहे है। दोनों की जोड़ी कमाल लग रही है। उनके फैन्स भी इसे खूब पसंद कर रहे हैं और इस तस्वीर को खूब शेयर भी किया जा रहा है। इसको लेकर गुंजन सिंह का कहना है कि यह फ़िल्म काफी रोचक है और इसकी शूटिंग में हमें खूब मजा भी आ रहा है। क्रिस्टिना प्रतिभाशाली और स्टनिंग एक्ट्रेस हैं। हम लोग सेट को खूब एंजॉय कर रहे हैं। उम्मीद है हमारी केमेस्ट्री और यह फ़िल्म लोगों को खूब पसंद आने वाली है। भोजपुरी म्यूजिक इंडस्ट्री के पॉपुलर स्टार गुंजन सिंह एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए हैं,उनकी एक नही दो दो तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। एक तस्वीर में वे ब्रिटिश अभिनेत्री क्रिस्टिना के साथ तो दूसरी तश्वीर में अभिनेत्री अर्शिया के साथ नजर आ रहे हैं।दोनों तश्वीर लंदन की है। जहां उनकी नई भोजपुरी फिल्म "पैक-अप" की शूटिंग पूरे जोर शोर से चल रही है।यशी फिल्म्स-अभय सिन्हा प्रस्तुत इस फ़िल्म का निर्माण पॉल कॉमर्स कर रही है।जबकि निर्देशक है प्रेमांशु सिंह तस्वीरों में एक तस्वीर अर्शिया क

भैलो रे भैलो खेलना गांवों में अधिक आनंदकर होता है,

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०  डॉ.वीरेंद्रसिंह बर्त्वाल ०  शहरों में पहाड़ की दीपावली (इगास) मनाने की पहल होना परंपराओं को पुनजीर्वित करने की दिशा में अच्छा प्रयास है, परन्तु अच्छा होता कि यह आयोजन उसी स्वरूप में होता, जो आज से लगभग 35-40 साल पहले था। शहरों में तो उस स्वरूप की आस नहीं कर सकते हैं, लेकिन पलायन के कारण निर्जन हुए गांवों में तो उस स्वरूप की कल्पना भी नहीं की जा सकती। शहरों में मनाए जाने वाली एकादशी का वही स्वरूप है, जो दीपावली का है। यहां दीपावली जैसा ही धूम-धड़ाका हो रहा है, पटाखे फूट रहे हैं, हां,मिठाई थोड़ी कम बंट रही है। कुछ संस्थाओं की पहल पर भैलो खेलने का आयोजन हुआ है, जो विशुद्ध रूप से पहाड़ों में ही होता था। भैलो केवल एकादशी पर ही नहीं, छोटी और बड़ी दोनों दीपावलियों पर भी खेला जाता था, लेकिन अधिकांश लोगों ने इसे केवल एकादशी से ही जोड़ लिया। भैलो का आशय और उद्देश्य अनिष्टकारिणी शक्तियों और व्यक्ति को बुरे प्रभावों से मुक्त कराना रहा है। इसके साथ मनोरंजन और मनोविनोद के भी झीने से तंतु जुड़ चुके हैं, इसलिए यह लोकप्रिय बन गया। यद्यपि भैलो खेलना गांवों में अधिक आनंदकर होता है, लेकिन जब शहरों ने पहाड़ के

वाप्कोस और एनपीसीसी में प्रभावी प्रबंधन हेतु एक महत्‍वपूर्ण उपकरण – सम्‍मेलन

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - वाप्कोस और एनपीसीसी में 31 अक्‍टूबर से 6 नवम्‍बर तक सतर्कता जागरूकता सप्‍ताह मनाया जा रहा है जिसका विषय ‘ एक विकसित राष्‍ट्र के लिए भ्रष्‍टाचार मुक्‍त भारत’ है।इस सप्‍ताह के दौरान भ्रष्‍टाचार के दुष्‍परिणामों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए वाप्कोस में विभिन्‍न गतिविधियों जैसे प्रमुख स्‍थानों पर बैनर/पोस्‍टर लगाना, बच्‍चों और कर्मचारियों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता, निबंध लेखन जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। एनपीसीसी भी सतर्कता जागरूकता सप्‍ताह 2022 की थीम के अनुसार फरीदाबाद और गुड़गांव शहरों में पढ़ रहे बच्‍चों के लिए पोस्‍टर प्रतियोगिता और निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन करेगी। वाप्कोस और एनपीसीसी ने सीएसओआई ऑडिटोरियम, चाणक्‍यपुरी, नई दिल्‍ली में निवारक सतर्कता सम्‍मेलन – वाप्कोस और एनपीसीसी में प्रभावी प्रबंधन हेतु एक महत्‍वपूर्ण उपकरण – सम्‍मेलन का आयोजन किया। इस अवसर पर जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार में सचिव श्री पंकज कुमार मुख्‍य अतिथि थे। श्री शैलेन्‍द्र सिंह, मुख्‍य प्रौद्योगिकी जांचकर्ता, सीवी