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अमृत काल में आजादी का ये कैसा अमृत महोत्सव

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० बिनोद तकियावाला ०  प्रेस की स्वतंत्रता पर इस साल की रिपोर्ट से पता चलता है कि पत्रकारों के व्यवहार के लिए “संतोषजनक” माने जाने वाले देशों की संख्या थोड़ी बढ़ रही है,लेकिन ऐसी संख्या भी है जहां स्थिति “बहुत गंभीर”है। नयी दिल्ली - आज कल सभी सरकारी,गैर सरकारी कार्यालयों 'सरकारी व सार्वजनिक स्थलो,सड़क के किनारों मेंआजादी के 75वें बर्ष का स्वतंत्रता प्राप्ति मे आजादी का महोत्सव मनाया जा रहा है।मनाया जाना भी चाहिए।वही दुसरी ओर दबी जुबान से ये भी चर्चा व चिन्तन हो रहा है कि आजादी का ये कैसा अमृत काल मे अमृत महोत्सव केन्द्र की भाजपा सरकार मनाने में व्यस्त है। आजादी के इस अमृत महोत्सव के नाम पर जनता की गढाई कमाई यानि टेक्स के पैसे को पानी तरह बहाया जा रहा है।एक बात सच है कि सड़कों,ऐतिहासिक इमारतों के रंग रोगन कर दीपक जलाकर,फीता काट कर ,फोटो खिचाकर अखबार व टेलीविजन में बाह-वाही लुटना,देश के इतिहास व शैक्षिक संस्थानों में अपने मन माफिक हटाना जोड़ना ही अमृत काल में आजादी का अमृत महोत्सव ह।जहाँ सरकार से प्रशन पूछना मना है।  विगत कुछ वर्षो में भारतीय राजनीति की बदलते घटना क्रम में कुछ ऐसे पर

गोल्ड ऊंचाई पर है ? आगे गिरावट आएगी या फिर कीमतों में उछाल आएगा

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० योगेश भट्ट ०  2022 में हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गोल्ड या सोने की कीमतें सपाट रही थीं, लेकिन रुपये के कमजोर होने की वजह से भारतीय बाजारों में इसने लगभग 14.5 प्रतिशत का रिटर्न दिया। 2023 में सोना ने अब तक अंतरराष्ट्रीय बाजारों और एमसीएक्स में क्रमश: लगभग 12.5 प्रतिशत और 12 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। सोने की मजबूत कीमतों का कारण कई व्यापक घटनाएं रहीं, जिसमें रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर अमेरिका में बढ़ती ब्याज दरों के कारण मंदी की प्रतिकूल परिस्थितियां और इसकी वजह से उत्पन्न होने वाला बैंकिंग संकट, यूरोप में बढ़ती ब्याज दरें और वैश्विक अर्थव्यवस्था का मंदी की गिरफ्त में आना शामिल है। महंगाई के दबाव को कम करने के लिए, अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने 2022 के दौरान आक्रामक सख्ती की है और 2023 में भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। फेडरल रिजर्व ने पिछले एक साल से कुछ ही अधिक समय में (2-3 मई 2023 को आयोजित अपनी बैठक में) 10वीं ब्याज दर वृद्धि को अनुमति दी, जो यह संकेत देता है कि अब ब्याज दरों में सख्ती का चक्र समाप्त होने जा रहा है। इस निर्णय की उम्मीद थी, जो फेड फंड

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ जेम्स एंड ज्वेलरी के अवार्ड सेरेमनी में दिए अवार्ड

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० आशा पटेल ०  जयपुर। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ जेम्स एंड ज्वेलरी की ओर से अवार्ड सेरेमनी का आयोजन हुआ । संस्थान की ओर से उत्तीर्ण छात्र छात्राओं को शकुंतला रावत उद्योग मंत्री राजस्थान सरकार, राजीव जैन वाइस चांसलर RISU राज यूनिवर्सिटी एवं GJEPC के वाइस चेयरमैन कीर्ति भंसाली के द्वारा पोस्ट ग्रेजुएट, ग्रेजुएट और डिप्लोमा कोर्सेस के स्टूडेंट्स को मेडल,सर्टिफिकेट एवं पुरस्कार वितरित किए गए .इस अवसर पर GJEPC के वाइस चेयर  कीर्ति भंसाली एवं संस्थान के सभी निदेशक राजीव अरोड़ा , प्रमोद डेरेवाला ,  नवरतन कोठारी ,निर्मल बरडिया, विवेक काला ,दिनेश खाटोरिया, ,विजय केडिया ,सुनील जैन और जेम्स एंड ज्वेलरी उद्योग से जुड़े गणमान्य ज्वेलेर्स ने भी कार्यक्रम में भाग लिया ।  संस्था के चेयरमैन नवल किशोर अग्रवाल ने गत 15 वर्षों से संस्था के कार्यों को विस्तार से बताया एवं मानद मंत्री सुधीर कासलीवाल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया । संस्था गत 15 वर्षों से जेम्स एंड ज्वेलरी से संबंधित कोर्सेस डिज़ाइन,उत्पादन, जेमोलॉजी, कंप्यूटर डिज़ाइन आदि करवा रही है । संस्था को राजस्थान आई एल डी स्किल यूनिवर्सिटी

U.P स्याना से सपा उम्मीदवार चेयरमैन पद के लिए ताहिर अली सैफ़ी को सभी समा...

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शून्य ने तकनीकी समस्या से प्रभावित व्यापारियों के 3.5 करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई की

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० योगेश भट्ट ०  मुंबई : जीरो-ब्रोकरेज प्लैटफॉर्म, शून्य ने 13 अप्रैल को आई तकनीकी समस्या से प्रभावित अपने ग्राहकों की मदद करने और तकनीकी खराबी के कारण हुए नुकसान को पूरा करने के लिए एक व्यावसायिक फैसला किया है। कंपनी 3 मई तक 3.5 करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई कर चुकी है और ग्राहक सम्बन्धी विवादों को हल करने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। कंपनी ने ऑडिट और कृत्रिम व्यापारों के माध्यम से उक्त तकनीकी समस्या का समाधान किया और ठीक अगले व्यापारी सत्र से ही अपने प्लैटफॉर्म की सामान्य अवस्था बहाल कर ली। इस समस्या का प्रभाव केवल उन ग्राहकों तक सीमित था जिन्होंने उस दिन अपना पहला कारोबार लॉग-इन करने का प्रयास किया था। कंपनी आरंभिक समय से ही ग्राहकों के साथ पारदर्शी रही और समय-समय पर महत्वपूर्ण संचार के लिए उनके साथ लगातार संपर्क में रही। समाधान के लिए कंपनी ने अपने प्रभावित ग्राहकों को इस समस्या से आरम्भ हुई सभी खुली स्थितियों को बंद करने, और उनके विवाद का विवरण एक समर्पित कंपनी ईमेल आईडी पर शेयर करने का अनुरोध किया। हालाँकि यह ट्रेडिंग प्लैटफॉर्म तकनीकी समस्या के कारण हुए नुकसान की भरपाई के

हिन्दू इस सृष्टि के साथ जीते हैं इसलिये जब तक ये सृष्टि रहेगी तब तक सनातन रहेगा

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - पावन चिंतन धारा आश्रम के युवा प्रकल्प, यूथ अवेकनिंग मिशन द्वारा कॉन्स्टिट्यूशन क्लब, दिल्ली में स्वराज सभा का आयोजन किया गया। जिसका विषय था ‘कल्चरल कॉन्फ्लिक्टस एंड कॉन्स्टिट्यूशन’। जहाँ विभिन्न सत्रों में युवाओं से चर्चा करने हेतु देश के जाने-माने थिंक टैंक एवं वक्ता गण, जिनमें प्रो. पवन सिन्हा ‘गुरुजी’, जस्टिस शंभु नाथ श्रीवास्तव, प्रो. योगेश गुप्ता, पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ, कर्नल आर. एस. एन. सिंह, अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन एवं जे. साई दीपक उपस्थित थे। आश्रम के संस्थापक तथा विख्यात संत प्रोफेसर पवन सिन्हा 'गुरुजी' ने कहा कि समाज में सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में बहुत से गंभीर मुद्दों पर पर चर्चा होनी चाहिये, जो अब नही होती। समाज मे व्याप्त सकारत्मकता तथा नकारात्मकता हमारे जीवन एवं हमारे घर तक पर बड़ा प्रभाव डालती है। स्वराज सभा जैसी चर्चाएं हमे सकारत्मकता की ओर ले जाएगी। आगे आने वाले कुछ वर्षों में ही कोर्ट में बड़ी लड़ाईयां लड़नी होंगी जिसे संविधान के दायरे में रहकर ही लड़ा जा सकता है। इसलिये अपने संविधान को समझने की बड़ी जरूरत है, और आज का युवा इस

रमा पांडेय निर्देशित सुल्ताना का मंचन 12 मई को श्री राम सेंटर में

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली: "सुल्ताना" नाटक दमनकारी सामाजिक मानदंडों के सामने स्वतंत्रता और न्याय के लिए युवा महिला के संघर्ष का मार्मिक और शक्तिशाली चित्रण है। प्रसिद्ध रंगमंच कलाकार रमा पांडे द्वारा लिखित, निर्देशित और निर्मित सुल्ताना का मंचन 12 मई को श्री राम सेंटर, मंडी हाउस में होगा। यह नाटक राम थियेटर नाट्य विद्या संस्था (रत्नाव) द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।  सुल्ताना नाटक दमनकारी सामाजिक मानदंडों के सामने स्वतंत्रता और न्याय के लिए एक युवा महिला के संघर्ष का मार्मिक और शक्तिशाली कहानी है।  यह नाटक आजादी का अमृत महोत्सव के मूल्यों के साथ पूरी तरह से मेल खाता है, जो भारत की आजादी के 75 साल, स्वतंत्रता और समानता की यात्रा का जश्न मनाता है। यह नाटक राजस्थान पर केन्द्रित है और सुल्ताना की कहानी बताता है, जो एक युवा महिला है जिसे अपनी मृतक बहन के पति आरिफ से उसकी इच्छा के विरुद्ध शादी करने के लिए मजबूर किया जाता है। सुल्ताना केवल पंद्रह वर्ष की है, और आरिफ उससे बहुत बड़ा है। वह फंसी हुई और अकेली महसूस करती है जब तक कि वह अपने स्कूल की शिक्षिका उमा की शरण नहीं लेती, जो अपने ज