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‘इंडिपेंडेंस’ ब्रांड को उत्तर भारत के बाजारों में उतारेगी रिलायंस

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० संवाददाता द्वारा ०  नई दिल्ली : रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड ने अपने मेड-फॉर-इंडिया कंज्यूमर पैकेज्ड गुड्स ब्रांड 'इंडिपेंडेंस' को उत्तर भारत के बाजारों में उतारने की धोषणा की। आरसीपीएल, रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। गुजरात में मिली शुरुआती सफलता के बाद, 'इंडिपेंडेंस' उत्पादों को अब पंजाब, हरियाणा, दिल्ली एनसीआर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार के बाजारों में उतारा जाएगा। 'इंडिपेंडेंस' खाद्य तेल, अनाज, दालें, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ और दैनिक जरूरतों की अन्य वस्तुओं सहित उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। इनमें आटा, खाद्य तेल, चावल, चीनी, ग्लूकोज बिस्किट और एनर्जी टॉफी जैसे उत्पाद शामिल हैं। रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स का उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं को सस्ती कीमत पर गुणवत्ता वाले स्वदेशी उत्पाद उपलब्ध कराना है। कंपनी का दावा है कि 'इंडिपेंडेंस' उत्पाद स्थानीय उपभोक्ताओं की जरूरतों के हिसाब से तैयार किए गए हैं। अधिकतर भारतीय एक भरोसेमंद उपभोक्ता ब्रांड की तलाश में है जो सस्ती कीमतों पर उच्च गुणवत

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस विश्व में भारतीय ज्ञान विज्ञान तथा दर्शन का अनुगुंज है

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली -9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में सीएसयू के सभी परिसरों ने मिलकर श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर ,देव प्रयाग, हिमाचल में सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के रुप मनाया गया । इसमें लगभग 350 छात्र-छात्राओं, कर्मचारियों तथा अकादमिक सदस्यों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया । साथ ही जगद्गुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय तथा पतंजलि योग विद्यापीठ के विद्यार्थियों ने भी अपने योग से जुड़े कलाओं का प्रदर्शन किया ।  कुलपति प्रो.वरखेडी़ ने योग के समापन अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके माध्यम से भारत को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलायी है । इससे अक्षुण्ण भारतीय परम्परा, अध्यात्म तथा दर्शन की ओर विश्व का ध्यान फिर से गया है । इसका कारण यह भी है कि आज विश्व भौतिक उन्नति की पराकाष्ठा पर तो ज़रूर पहुंच गया है। लेकिन इसके कारण असंतोष तथा मानसिक अशान्ति तथा तनाव भी अत्यधिक बढ़ता जा रहा है । इसको कम करने में योग की बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी । इस बात की समझ अब दुनिया को ठीक से आ रही है । कुलपति ने कहा है कि अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस को विश्व में भारतीय ज्ञा

प्रिंस पाइप्स ने प्रिंस बाथवेयर -फॉसेट्स शावर और बाथ एक्सेसरीज़ की लांच

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० आशा पटेल ०  मुंबई, प्रिंस पाइप्स एंड फिटिंग्स लि ने लक्ज़री फॉसेट्स और सैनिटरीवेयर के अपने नए संग्रह को लॉन्च किया। यूरोपीय बाथवेयर ट्रेंड से प्रेरित, नई रेंज में विश्वस्तरीय फॉसेट्स का एक पूरा पोर्टफोलियो शामिल है। ये रेंज ऑरम, टिटानियो, प्लेटिना, टियारा, मार्क्वेज़ नामों से जानी जाती है। इसकी शैली और डिजाइन में बेजोड़, इन्हें संपूर्ण उद्योग अनुसंधान के बाद सावधानी से तैयार किया गया है। अर्गेंटो, मेटा, क्रिस्टाल और पैलेडियम प्रिंस बाथवेयर लाइन को पूरा करते हैं। एलिगेंट-इन्डलजेंट-स्टाइलिश - एक बाथ स्पेस को ट्रांस्फॉर्म करने वाली टॉप-ऑफ़-लाइन रेंज बाथ इंटीरियर में एक अनुग्रह, बहुमुखी और सौंदर्यपूर्ण सेनेटरीवेयर पोर्टफोलियो में ओवरहेड शावर, हैंड शावर और हैल्थ फॉसेट्स के लिए उत्पादों के डिजाइन की एक व्यापक और सुरुचिपूर्ण रेंज शामिल है, इसके अलावा बाथरूम सहायक उपकरण के साथ बेसिन और यूरीनल के लिए सेंसर भी उपलब्ध हैं। उत्पाद पोर्टफोलियो में टैंकलेस ईडब्ल्यूसी, वन-पीस वॉल माउंटेड टॉयलेट्स और टेबलटॉप बेसिन भी हैं जो आराम, एंटी-जर्म एक्सपर्ट, आसान स्थापना और जल संरक्षण की शीर्ष श्रेणी की सुविधाओ

2025 से ट्रक ड्राइवरों के लिए एसी केबिन अनिवार्य होगा..नितिन गडकरी

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० आनंद चौधरी ०  नई दिल्ली।  भारत की इकोनॉमी तेजी से आगे बढ़ रही है और ऐसे में परिवहन क्षेत्र में काफी ध्यान देने की जरूरत है। भारी वाहन चालकों की कमी से परिवहन क्षेत्र जूझ रहा है। देश में मौजूद वाहन चालक 14 से 16 घंटे कार्य करते हैं जबकि दूसरे देशों में ट्रक चालकों की कार्य अवधि निर्धारित है। भारत की बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था को देखते हुए निर्यात बढ़ाने के लिए लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने की आवश्यकता है क्योंकि अन्य देशों के मुकाबले भारत में लॉजिस्टिक्स लागत सबसे ज्यादा, तकरीबन 14 से 16 प्रतिशत है। साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रत्येक 50 किलोमीटर पर ट्रक चालकों के लिए सुविधा केंद्र बनाए जा रहे हैं।  केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने, महिंद्रा लॉजिस्टिक्स के एक कार्यक्रम में बताया कि वर्ष 2025 से ट्रक ड्राइवरों के लिए एसी केबिन अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि जब वह मंत्री बने थे तभी उन्होंने ये फैसला लिया था लेकिन तब भारी वाहन निर्माताओं की शिकायत थी, कि इससे वाहनों का निर्माण लागत बढ़ जाएगी। लेकिन इस कार्यक्रम में आने से पहले मैंने उस फाइल पर दस्तखत किए हैं जो 2025 से

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के आध्यात्मिक महत्त्व

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०  विनोद तकियावाला ०  नयी दिल्ली - भारत पर्व त्योहारो का देश है। जहाँ प्रत्येक दिन कोई कोई पर्व - त्योहार उत्सव होते रहता है। तभी तो भारतीय संस्कृति ने सम्पूर्ण विश्व में अपनी अलग पहचान बनाई है।यहाँ पर विभिन्न धर्म संप्रदाय के लोग आपस में अभी भी मिलकर रहते है। तभी तो भारत को विविधता का देश भी कहा जाता है।आज हम आपको आज से प्रराम्भ हुए भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के बारे में चर्चा करने जा रहे है।हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार हिन्दी आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के संग अपनी मौसी के घर जाते हैं। यह रथ यात्रा उडिसा राज्य के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर से तीन दिव्य रथों पर निकाली जाती हैं। इनमे से सबसे आगे बलभद्र जी का रथ,उनके पीछे बहन सुभद्रा जी का रथ और सबसे पीछे जगन्नाथ का रथ होता है। इस साल जगन्नाथ यात्रा 20 जून से शुरू हो चुकी है। इस रथ यात्रा उत्सव का समापन 1 जुलाई को होगा। आज के दिन देश विभिन्न क्षेत्रों में भी श्रद्धालूओं के द्वारा रथ यात्रा के कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया जाता है। भगवान जगन्नाथ जी की यह रथ यात्रा । इसकी क्या मान्य

महाप्रभु श्री जगन्नाथ की 56वीं रथ यात्रा पारंपरिक उत्साह और उल्लास के साथ मनाई गई

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - महाप्रभु श्री जगन्नाथ की 56वीं रथ यात्रा त्यागराज नगर श्री जगन्नाथ मंदिर में पारंपरिक उत्साह और उल्लास के साथ मनाई गई। उत्सव की शुरुआत चार देवताओं, महाप्रभु जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन की मंगल आरती के साथ हुई। सुभद्रा और श्री सुदर्शन। महाप्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा को "पहांडी बीज" (पवित्र जुलूस) नामक विशेष अनुष्ठान से जोड़ा गया है। इस अनुष्ठान के माध्यम से चारों विग्रहों को पंडों और मंदिर के भक्तों द्वारा एक-एक करके झूला झूलते हुए प्यार से मंदिर से बाहर निकाला गया और उन्हें दोपहर 12 बजे तक रथ पर निर्धारित चबूतरे पर स्थापित कर दिया गया।   धूप' समारोह की पेशकश के बाद, 'छेरी पन्हारा' नामक एक और विशेष अनुष्ठान मंदिर के पार्टन सुधाकर महापात्र, पूर्व निदेशक, ऑयल इंडिया लिमिटेड द्वारा किया गया। रथ की विनम्रता की निशान के रूप में और समाज के प्रत्येक कार्य का महत्व है। किसी भी काम/कर्मचारी को छोटा या नीच कहकर बर्खास्त नहीं किया जा सकता। अनुष्ठानों ने स्थापित किया कि ब्रह्मांड के स्वामी, महाप्रभु जगन्नाथ के सामने हर कोई समान है। त्यागराज नगर

हिताची इंडिया के मार्गदर्शन में संवरता आईआईएलएम की शिक्षा व्यवस्था का सुनहरा भविष्य

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० योगेश भट्ट ०  ग्रेटर नोएडा : आईआईएलएम यूनिविर्सटी, ग्रेटर नोएडा के लिए संस्थान के चांस्लर के रूप में हिताची इंडिया के प्रबंध निदेशक भरत कौशल का स्वागत करना गौरव की बात है। चांसलर कौशल का कई दशकों का शानदार करियर रहा है। आईआईएलएम उनके अनुभव और विशेषज्ञता का भंडार प्राप्त कर शिक्षा जगत की नई ऊंचाइयों को छूएगा। पिछले छह वर्षों में बतौर प्रबंध निदेशक, हिताची इंडिया, चांसलर कौशल ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। 33,000 से अधिक कर्मचारियों के साथ 28 व्यवसायों के समूह की कमान उनके हाथ में रही है। लगभग 30 उत्पादन केंद्र और अत्याधुनिक अनुसंधान और विकास केंद्र उनके मार्गदर्शन में कार्यरत हैं। हिताची इंडिया ने जिस तरह अपना विस्तार किया है वह इसका प्रमाण है कि हिताची अपने सोशल इनोवेशन बिजनेस के माध्यम से लाखों लोगों से जुड़ रही है और उनकी जिन्दगियां बदल रही है। भारत से हिताची की साझेदारी 1930 के दशक की है और हिताची शुरू से ही व्यापार कौशल की इस विशाल यात्रा में एक अटूट रिश्ता बना रही है। हिताची अपनी तकनीकी ताकत से सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक महत्व प्रदान करते हुए पूरी दुनिया में अपने भागीदारों क