हिताची इंडिया के मार्गदर्शन में संवरता आईआईएलएम की शिक्षा व्यवस्था का सुनहरा भविष्य

० योगेश भट्ट ० 
ग्रेटर नोएडा : आईआईएलएम यूनिविर्सटी, ग्रेटर नोएडा के लिए संस्थान के चांस्लर के रूप में हिताची इंडिया के प्रबंध निदेशक भरत कौशल का स्वागत करना गौरव की बात है। चांसलर कौशल का कई दशकों का शानदार करियर रहा है। आईआईएलएम उनके अनुभव और विशेषज्ञता का भंडार प्राप्त कर शिक्षा जगत की नई ऊंचाइयों को छूएगा। पिछले छह वर्षों में बतौर प्रबंध निदेशक, हिताची इंडिया, चांसलर कौशल ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। 33,000 से अधिक कर्मचारियों के साथ 28 व्यवसायों के समूह की कमान उनके हाथ में रही है। लगभग 30 उत्पादन केंद्र और अत्याधुनिक अनुसंधान और विकास केंद्र उनके मार्गदर्शन में कार्यरत हैं।

हिताची इंडिया ने जिस तरह अपना विस्तार किया है वह इसका प्रमाण है कि हिताची अपने सोशल इनोवेशन बिजनेस के माध्यम से लाखों लोगों से जुड़ रही है और उनकी जिन्दगियां बदल रही है। भारत से हिताची की साझेदारी 1930 के दशक की है और हिताची शुरू से ही व्यापार कौशल की इस विशाल यात्रा में एक अटूट रिश्ता बना रही है। हिताची अपनी तकनीकी ताकत से सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक महत्व प्रदान करते हुए पूरी दुनिया में अपने भागीदारों के साथ तेजी से इनोवेशन कर रही है। कम्पनी आईटी, ऊर्जा, शहरी परिवहन, भुगतान, ई-शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, कृषि और ई-गवर्नेंस जैसे अहम क्षेत्रों में अपने उद्देश्यों की नई परिभाषा करती है। यह नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए नीति निर्माताओं के साथ मिल कर सृजन और सहयोग करती है।

भारत सरकार का मिशन जन-जन को आर्थिक और डिजिटल मुख्यधारा में लाना है। हिताची इसे आगे ले जाने, इसमें सहयोग और समर्थन देने में सबसे आगे रही है। हिताची पेमेंट सर्विसेज और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) संयुक्त उद्यम (जेवी) के तहत भारत के लिए अत्याधुनिक कार्ड स्वीकृति और भविष्य के लिए तैयार डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म बना है। यह अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और डिजिटल भुगतान प्रौद्योगिकी, सेवाओं, बिग डेटा, एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में हिताची समूह की सेवाओं के साथ एसबीआई के ग्राहकों को बेजोड़ डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क और भरोसा देता है।

हम स्वच्छ प्रौद्योगिकी, डिजिटल प्रौद्योगिकी और इनोवेशन को सर्वोपरि रखते हुए आईओटी सक्षम साॅल्यूशंस के माध्यम से उच्च मूल्यों के साथ बेहतर परिणाम दे रहे हैं। इसके पीछे दूरदृष्टि उपकरणों, लोगों, बुनियादी सुविधाओं और प्रक्रियाओं को आपस में जोड़ना और समायोजन करना है। हिताची ओटी (ऑपरेशनल टेक्नोलॉजी) एक्स आईटी साॅल्यूशंस और डेटा एनालिटिक्स काफी इनोवेटिव और विश्वस्तर पर मान्यता प्राप्त हैं। इस तरह ग्राहक आईओटी-सक्षम इंटरएक्टिव डिवाइस से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)-सक्षम डिवाइस की ओर प्रगति कर रहे हैं। 

इनमें जीवित प्राणियों की तरह संज्ञान होता है। यह इस बात का प्रमाण है कि टेक्नोलाॅजी किस तरह जन जीवन को स्पर्श करती है और नया डिजिटल दौर शुरू करती है। हिताची ने इस तकनीकी छलांग के साथ सदैव नीति निर्माताओं, व्यवसायों और संगठनों के लिए नई संभावनाओं की नई दुनिया बनाई है जिसमें जीवन की गुणवत्ता बेहतर होगी। चांसलर कौशल अपने हिताची इंडिया कार्यकाल से पहले एक विशिष्ट भूमिका में भारत में सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (एसएमबीसी) के पहले गैर-जापानी सीईओ थे। एसएमबीसी में 20 से अधिक वर्षों में उन्होंने विभिन्न वरिष्ठ प्रबंधन पदों पर कार्य किया। मैक्रोइकनॉमिक नीति, सरकारी सलाह, प्रोजेक्ट वित्तीयन, ऋण पुनर्संरचना तथा विलय एवं अधिग्रहण में अपनी विशेषज्ञता का परिचय दिया।

कॉर्पोरेट जगत से परे भी चांसलर कौशल ने अहम योगदान दिया है। वे इंडो-जापान टास्क फोर्स (आईजेटीएफ) के सदस्य हैं और वित्तीय रणनीति समूह के संयोजक भी हैं, जो जापान और भारत के बीच नीति और परिचालन-स्तर की समस्याओं को दूर करते हैं। इसके अतिरिक्त, वे भारत निवेश केंद्र के रणनीति सलाहकार रहे हैं और वाशिंगटन डीसी में विश्वबैंक की आर्थिक नीति इकाई में अपनी विशेषज्ञता का योगदान दिया है। चांसलर कौशल ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल अफेयर्स में मास्टर डिग्री और नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है। इसलिए बतौर चांसलर वे आईआईएलएम में वैश्विक दृष्टिकोण का विकास करेंगे।

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