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IIMC दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्रदान किये जाएंगे

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) का 55वां दीक्षांत समारोह 10 जनवरी को प्रगति मैदान के भारत मंडपम में आयोजित किया जाएगा। भारत के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। आईआईएमसी के चेयरमैन आर जगन्नाथन और महानिदेशक डॉ. अनुपमा भटनागर भी समारोह में शामिल होंगे।  इस समारोह में आईआईएमसी नई दिल्ली और इसके पांच क्षेत्रीय केंद्रों ढेंकनाल, आइजोल, अमरावती, कोट्टायम और जम्मू के संकाय सदस्य भी शामिल होंगे। दीक्षांत समारोह में वर्ष 2021-22 और 2022-23 बैच के विद्यार्थियों (आईआईएमसी दिल्ली और उसके सभी केंद्र) को पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्रदान किये जाएंगे। इसके अलावा, दोनों बैचों के 65 विद्यार्थियों को अलग-अलग पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। भारतीय जन संचार संस्थान देश का सबसे प्रतिष्ठित मीडिया एवं संचार शिक्षण संस्थान है। वर्ष 1965 में स्थापित आईआईएमसी हिंदी पत्रकारिता, अंग्रेजी पत्रकारिता, विज्ञापन एवं जनसंपर्क, रेडियो एवं टेलीविजन, डिजिटल मीडिया, ओड़िया, मराठी, मलयालम और उर्दू पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करता है।

राष्ट्र के पुनर्निर्माण का आधार बनेगा राम मंदिर

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० डॉ. संजय द्विवेदी ०  आज पूरी दुनिया उत्सुकता के साथ 22 जनवरी के ऐतिहासिक क्षण का इंतजार कर रही है। दुनिया में कोई भी देश हो, अगर उसे विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचना है, तो उसे अपनी विरासत को संभालना ही होगा। हमारी विरासत, हमें प्रेरणा देती है, हमें सही मार्ग दिखाती है। इसलिए आज का भारत, पुरातन और नूतन दोनों को आत्मसात करते हुए आगे बढ़ रहा है। एक समय था जब अयोध्या में राम लला टेंट में विराजमान थे, लेकिन आज राम मंदिर का भव्य निर्माण हो रहा है। राम मंदिर का निर्माण एक अनथक संघर्ष का प्रतीक है। अयोध्या यानि वह भूमि जहां कभी युद्ध न हुआ हो। ऐसी भूमि पर कलयुग में एक लंबी लड़ाई चली और त्रेतायुग में पैदा हुए रघुकुल गौरव भगवान श्रीराम को आखिरकार छत नसीब होने वाली है।  राजनीति कैसे साधारण विषयों को भी उलझाकर मुद्दे में तब्दील कर देती है, रामजन्मभूमि का विवाद इसका उदाहरण है। आजादी मिलने के समय सोमनाथ मंदिर के साथ ही यह विषय हल हो जाता तो कितना अच्छा होता। आक्रमणकारियों द्वारा भारत के मंदिरों के साथ क्या किया गया, यह छिपा हुआ तथ्य नहीं है। किंतु उन हजारों मंदिरों की जगह, अयोध्या की जन्मभूमि को नहीं

सुनहरी बाग़ मस्जिद को कुछ नहीं होने देंगे : सांसद इमरान प्रतापगढ़ी

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० संवाददाता द्वारा ०  वक़्फ़ संपत्तियों की सुरक्षा बहुत ज़रूरी है क्योंकि दिल्ली सरकार और माफिया की बुरी नज़र इनपर पड़ी हुई है, और सुनहरी बाग़ मस्जिद की सुरक्षा के लिए हम पूरी जान लगा देंगे और मस्जिद को कुछ नहीं होने देंगे। नई दिल्ली - इंडिया इस्लामिक कलचलर सेंटर में वक़्फ़ वेलफेयर फोरम द्वारा वक़्फ़ मामलात के विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद, कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की तो वहीं पटना हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस इक़बाल अहमद ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इलाहबाद हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस ज़ेड यू खान ने विशेष अतिथि के तौर पर शरीक होकर अपने विचार रखे साथ ही वक़्फ़ वेलफेयर फोरम के ट्रस्टी व पूर्व इनकम टैक्स कमिश्नर एम एन ए चौधरी ने अपने स्वागत भाषण में वक़्फ़ की अहमियत और फोरम के उद्देश्यों पर रोशनी डाली  फोरम के चैयरमेन जावेद अहमद ने फोरम के द्वारा वक्फ समपतियों के लिये किये गये प्रयास और दिल्ली मे सुनहरी बाग मस्जिद के बचाव के संबंध मे जनता से मिल रहे सहयोग की सराहना किया। कार्यक्रम

गाँधीवादी ,स्वतंत्रता सेनानी सहाय की चौथी पुण्यतिथि पर स्मरण किया

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० आशा पटेल ०  जयपुर . सत्ता व संपति से दूर रहने वाले, चम्बल घाटी शांति मिशन को समर्पित, देहदानी, गांधीवादी, स्वतंत्रता सेनानी कृष्ण चंद्र सहाय की चौथी पुण्य तिथि पर बापूनगर स्थित विनोबा ज्ञान मन्दिर, जयपुर मे आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में 'कृष्ण चंद्र सहाय पुण्य स्मरण' में उनकी अज़र-अमर- अमिट स्मृतियों को नमन करके गांधीवादियों और उनके परिजनों ने स्मरण किया . इस अवसर पर आयोजन कर्ता सहाय की बेटी मधु सहाय जोशीं ,उनकी पुत्री और उनके भी बच्चों के अलावा ,सहाय के बेटे ,और अनेक परिजन भी भी आगरा ,कानपुर,अकबरपुर आदि स्थानों से उन्हें श्रधान्जली देने पहुंचे थे  कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ गांधीवादी, सर्व सेवा संघ के पूर्व अध्यक्ष 93 वर्षीय अमरनाथ ने की. उन्होनें अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि गाँधी विचार और कर्म को आत्मसात करके ही श्रेष्ठ जीवन और मानवता का रास्ता बन पायेगा . उन्होंने कहा कि आज़ दुनिया भर मे हथियारों की तिजारत युद्ध का भय दिखाकर की जा रही है.जबकि अमन, शांति, सौहाद्र, भाई चारा, मोहब्बत से और गाँधी के दिखाये रास्ते पर चल कर ही आज , अहिंसा, न्याय, सत्याग्रह, औ

Delhi पद्मश्री वीरेंद्र प्रभाकर की पुण्यतिथि पर पत्रकार विजय शंकर चतुर्व...

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नागरिक सहयोग के अभाव में देश निर्माण नही किया जा सकता

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - 500 वर्ष के संघर्ष एवं लाखों श्रद्धालुओं के जीवन त्याग के बाद अयोध्या में राम मंदिर बना है। देश मे राम राज्य स्थापना हेतु जगह जगह आयोजन हो रहा है इसी उद्देश्य के संग राम राज्य में नागरिक दायित्व पर केंद्रित कार्यक्रम राम राज्य "एक सपथ " अनुभव एडुकेशनल एवं सोशल वेलफेयर सोसायटी द्वारा में आयोजित किया गया। दंडी स्वामी राम आश्रम महाराज, स्वामी संजय महाराज, वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी, शिक्षाविद पद्मभूषण स्यामा चोना, विश्व हिंदू परिषद के दिल्ली प्रान्त अध्यक्ष कपिल खन्ना ,  भारत सरकार में मंत्री डॉ हर्षवर्धन, मिनाक्षी लेखी एवं सांसद गायक हंसराज हंस के संग दर्जनो देश के नामचीन हस्तियों ने इस कार्यक्रम मे शिरकत की, नागरिक सहयोग के अभाव में देश निर्माण नही किया जा सकता, लगभग सभी वक्ताओं ने इस विषय पर जोर दिया और सबका साथ सबका विकास के सूत्र को राम राज्य से जोड़कर सरकार समाज के मध्य समन्वय पर बल दिया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण भाजपा दिल्ली प्रदेश की पूर्व उपाध्यक्ष एवं महिला आयोग दिल्ली प्रदेश पूर्व अध्यक्ष बरखा शुक्ला सिंह के स्वर में भजन "अवध म

विद्या गुप्ता की कहानी संग्रह 'मैं हस्ताक्षर हूं' का लोकार्पण

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० योगेश भट्ट ०  दुर्ग छत्तीसगढ़ ।  विद्या गुप्ता की कहानियां ताकतवर स्त्रियों की कहानियां हैं, जिसमें पठनीयता के तत्व मौजूद हैं। इन कहानियों में संवेदनशील, पारिवारिक मूल्यों को सहेजने वाली सांस्कृतिक रूप से प्रतिबद्ध स्त्रियों के दर्शन होते हैं।  आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक प्रो.संजय द्विवेदी का कहना है कि "छत्तीसगढ़ कथा सृजन के लिए सबसे उर्वर प्रदेश है, क्योंकि जैसी विविधता और लोक अनुभव यहां मिलेंगे वह अन्यत्र दुर्लभ हैं।"  यहां कथाकार श्रीमती विद्या गुप्ता के कथा संग्रह 'मैं हस्ताक्षर हूं' के लोकार्पण समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे।  कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार रवि श्रीवास्तव ने की। आयोजन में कथाकार सतीश जायसवाल, परदेशी राम वर्मा,विनोद साव, आलोचक डा.सियाराम शर्मा, गुलवीर सिंह भाटिया विशेष रूप से उपस्थित रहे। प्रो.द्विवेदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पं. माधवराव सप्रे द्वारा लिखित 'एक टोकरी भर मिट्टी' हिंदी की पहली कहानी है। इस तरह छत्तीसगढ़ हिंदी कहानी की पुण्यभूमि भी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में ग्रामीण जीवन भी है, वन्य जीवन भी