समता संपर्क अभियान के जरिए वैकल्पिक राजनीति के लिए काम होगा

० आशा पटेल ० 
रीवा । समाजवादी कार्यकर्ता समूह ,नारी चेतना मंच एवं विंध्यांचल जन आंदोलन के संयुक्त तत्वावधान में मध्य प्रदेश के रीवा शहर के नेहरू नगर स्थित पूनम जनवासा में देश की वर्तमान चुनौतियों का सामना करने संपूर्ण क्रांति आंदोलन के साथियों का वैकल्पिक राजनीति के लिए मिलन कार्यक्रम रखा गया। इस विषय पर संवाद को शुरू करने के लिए बिहार , झारखंड , उत्तर प्रदेश , दिल्ली एवं मध्य प्रदेश के जुझारू साथी एकत्रित हुए। संपूर्ण क्रांति के साथियों ने शहर के नेहरू नगर, बदरांव, पड़रा , ढेकहा मोहल्ले में रखी गई बैठकों के अलावा यहां से करीब 50 किलोमीटर दूर ग्राम लूक आश्रम में भी बैठक आयोजित की। पूनम जनवासा में लोकतंत्र सेनानी इंजीनियर राम सिया सिंह की अध्यक्षता में वैकल्पिक राजनीति पर खुली चर्चा की गई।

 कार्यक्रम का संचालन नारी चेतना मंच की वरिष्ठ नेत्री डॉ श्रद्धा सिंह ने किया । इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान दौर सन 1975 में देश पर थोपे गए आपातकाल से भी खतरनाक बन चुका है जिसके चलते अघोषित रूप से संवैधानिक संस्थाओं की हत्या की जा रही है। सबसे बड़ी विडंबना यह है कि जनता के द्वारा चुनी हुई सरकार खुद अपने आप को पूंजीपतियों के हवाले कर रही है जैसे वह उनकी गुलाम हो। राष्ट्रीयकरण की जगह निजीकरण को बढ़ावा अत्यंत खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। जाति और धर्म के आधार पर सामाजिक कटुता फैलाने का काम वोटों के ध्रुवीकरण के लिए किया जा रहा है। इस नफरत के चलते विघटन का दुर्भाग्यपूर्ण माहौल निर्मित हो रहा है। 

आपातकाल में राजनीतिक आजादी को प्रतिबंधित किया गया था और विरोधियों को जेल में डाला गया था और वर्तमान दौर में अघोषित रूप से पूरे देश को सरकारी दहशतगर्दी का शिकार बना दिया गया है। सरकार के विरोध में बोलने पर कब किसकी गिरफ्तारी हो जाए और हत्या कर दी जाए , कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। संवाद में उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान हालात आपातकाल से भी बदतर हैं। देश का लोकतंत्र एवं जीवन मूल्य खतरे में हैं जिसको बचाने के लिए लोकतंत्र सेनानियों की अहम भूमिका जरूरी है। देश की नई पीढ़ी ने आपातकाल का दौर नहीं देखा केवल सुना है लेकिन वर्तमान समय में अघोषित आपातकाल के चलते उसकी नागरिक आजादी छीनी जा रही है। 

सरकार के खिलाफ बोलने वाले लोगों पर लगातार फर्जी मामले गढ़े जा रहे हैं। उनके साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है जैसे कि वह कोई आतंकी हों। सरकार की गलत नीतियों के विरोध को देशद्रोही बताया जा रहा है। जनसभाएं हो या लेखनी उन पर हर जगह दमन चक्र चल रहा है। कानूनी प्रक्रियाओं को तिलांजलि देकर हत्याएं की जा रही हैं। बैंकों में रखा धन असुरक्षित हो गया है। रोजगार , पढ़ाई लिखाई, महंगाई, भ्रष्टाचार आदि सवालों को लेकर मुखर होने पर लोगों के ऊपर आपराधिक प्रकरण कायम कर दिए जा रहे हैं। सरकार कुछ गिने-चुने पूंजीपतियों के इशारे पर जनविरोधी काम कर रही है। पूंजीवाद इस तरह हावी हो गया है , जैसे सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई। लोकतंत्र दिखावा बनकर रह गया है। सरकार में बैठे लोग मदारियों की तरह लोकलुभावन झूठी घोषणाएं कर रहे हैं, जो काफी आपत्तिजनक है।

 4 दिनों की चर्चा में यह निष्कर्ष निकाला गया कि वर्तमान अघोषित आपातकाल के खिलाफ जनसाधारण को संगठित करते हुए नई राजनीति के काम को विस्तार दिया जाए। दुनिया विकल्प हीन नहीं है। उपस्थित साथियों ने वैकल्पिक राजनीति के लिए समता संपर्क अभियान के नाम से काम करने का निर्णय लिया है जिसके माध्यम से पूरे देश में संवाद स्थापित किया जाएगा। इस सिलसिले में बिहार के चंपारण जिले के भिटरहवा आश्रम में अप्रैल माह के दूसरे हफ्ते में एक बैठक आयोजित की गई है जिसमें खासतौर से झारखंड और बिहार के साथी शामिल होंगे। कार्यक्रम के अंत में बिहार आंदोलन के प्रखर नेता लोकतंत्र सेनानी अख्तर हुसैन के असामयिक निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए 2 मिनट का मौन रखते हुए विनम्र श्रद्धांजलि दी गई।

 कार्यक्रम में प्रमुख रूप से वरिष्ठ पत्रकार प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य एवं लोकतंत्र सेनानी जयशंकर गुप्ता नई दिल्ली , संपूर्ण क्रांति आंदोलन के प्रखर नेता जेपी सेनानी रघुपति पटना बिहार , जेपी सेनानी प्रख्यात लेखक बजरंग सिंह जामताड़ा झारखंड, बिहार प्रदेश जेपी सेनानी संगठन के अध्यक्ष पूर्व विधायक सूर्य देव त्यागी मनेर पटना, लोहिया विचार मंच के संयोजक जेपी सेनानी विनय सिन्हा प्रयागराज उत्तर प्रदेश , समाजवादी कार्यकर्ता समूह के संयोजक लोकतंत्र सेनानी अजय खरे रीवा मध्य प्रदेश, लोकतंत्र सेनानी राष्ट्र सेवादल के बृहस्पति सिंह रीवा मध्य प्रदेश , किसान नेता बीरेंद्र सिंह , संघर्षशील साथी अभय वर्मा , नरेंद्र प्रताप सिंह, पूर्णानंद तिवारी, 

नारी चेतना मंच की वरिष्ठ नेत्री सुधा सिंह, डॉ श्रद्धा सिंह , श्वेता पांडे ,शारदा श्रीवास्तव, रसना द्विवेदी, शकुंतला वर्मा, सासाराम बिहार से लोक समिति के प्रांतीय महामंत्री शिवजी सिंह, पटना मनेर बिहार से राम गोविंद सिंह , प्रयागराज से सत्येंद्र सिंह ,मनीष सिंहा , रीवा जिला के समाजवादी साथी श्रवण प्रसाद नामदेव ,सुरेश उर्मलिया , योगेश वर्मा, प्रदीप पांडे, डॉ शैलेंद्र कुमार सोनी , दीपक गुप्ता एडवोकेट , सतीश कुशवाहा एडवोकेट, भुनेश कुमार गुप्ता , विक्रम सेन , आर के पटेल , प्रकाश तिवारी आदि की सक्रिय भागीदारी रही।

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