5 साल से अधर में लटका है द्वारका फुटओवरब्रिज,जान हथेली में डाल सड़क पार करते हैं लोग

० योगेश भट्ट ० 
नई दिल्ली। द्वारका में सड़क दुर्घटनाओं में कई लोगों की जानें जा चुकी है। इनमें ज्यादातर हादसे सड़क पार करने के दौरान हुई है। किसी ने अपना बेटा खोया है तो किसी से अपना पति। हादसे का मुख्य वजह फुट ओवर ब्रिज ना होना है। द्वारका रोड संख्या 201 पर 2 फुट ओवर ब्रिज पूरा काम ना होने के कारण 5 साल से लंबित है। इनमें पहला द्वारका सेक्टर-3 स्थित मधु विहार का फुटओवर ब्रिज है, जबकि दूसरा सेक्टर 16 स्थित एनएचयूटी यूनिवर्सिटी के पास फुट ओवर ब्रिज है।
 मधु विहार स्थित फुटओवर ब्रिज का उद्घाटन दक्षिण दिल्ली के सांसद रमेश बिधूरी ने अपने हाथों से किया था। फुट ओवर ब्रिज चालू नहीं होने की वजह से रोजाना हजारों लोग जान जोखिम में डालकर सड़क को पार करते हैं। इस दौरान कुछ लोग बेलगाम वाहन चालक के चपेट में आकर अपनी जान गवा देते हैं या दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। इस बाबत इस समस्या को मधु विहार आरडब्लूए के प्रधान व राष्ट्रीय युवा चेतना मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणवीर सिंह सोलंकी ने कई बार उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री, डीडीए, स्थानीय जनप्रतिनिधि व दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को लिखित व अन्य माध्यम से दे चुके हैं।

 बावजूद किसी का इस ओर ध्यान आकर्षित नहीं हो रहा है। सोलंकी ने बताया कि अभी हाल ही में मधु विहार डी ब्लॉक का एक युवा सड़क पार करने के दौरान दुर्घटना का शिकार हो गया और उसकी मौत मौके पर ही हो गई। वह अपने घर का इकलौता पुत्र था। इस समस्या को लेकर उन्होंने दोबारा एक पत्र उपराज्यपाल मुख्यमंत्री दक्षिणी दिल्ली के सांसद व डीडीए के अधिकारियों को दी है। रणबीर सोलंकी बताते हैं कि बीच-बीच में सड़क पार करने के लिए छोटी लाल बत्ती दी गई है लेकिन यहां पर कैमरा ना होने के कारण कोई भी वाहन नियम का पालन नहीं करता है। किस वजह से जेबरा क्रॉसिंग पार करते वक्त भी कई दुर्घटना हो चुकी हैं।

द्वारका में प्रस्तावित फुट पाथ ओवर ब्रिज अभी तक अधर में लटका हुआ है। रोड संख्या 201 पर बन रहे एफओबी के कार्य की गति इतनी धीमी है कि 2019 में डीडीए द्वारा किए गए शिलान्यास का कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। रणबीर सिंह सोलंकी ने बताया कि मधु विहार का ये आलम है की प्रस्तावित फुट ओवर ब्रिज से मधु विहार के सातों वार्ड एवं आस पास के लोगों के लिए बहुत बड़ा कार्य साबित हो सकता है क्योंकि बच्ची की स्कूल से लेकर बुजुर्गों की पार्क तक जाने में बहुत मददगार साबित हो सकता है। ये दोनो ब्रिज इतने महत्वपूर्ण है कि इसके बन जाने से आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं से बचाया जा सकता है परंतु ऐसा हो नहीं पा रहा है।

प्रधान रणबीर सिंह सोलंकी ने कहा कि सालों से इसकी आवश्यकता के लिए पूरी जनता लगी हुई थी अब जब बन रहा है तो तैयार होने का नाम ही नहीं ले रहा है। उन्होंने बताया कि इस समस्या को अगर जल्द ठीक नहीं कराया गया तो वह सड़क पर भी उतरने को आमादा हो जाएंगे।

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