एचसीएल फ़ाउंडेशन ने एचसीएल-टेक ग्रांट के नौवें संस्करण के लिए संगोष्ठी

० योगेश भट्ट ० 
नयी दिल्ली - एचसीएल फ़ाउंडेशन ने एचसीएल-टेक ग्रांट के नौवें संस्करण के लिए नई दिल्ली में संगोष्ठी का आयोजन किया, जो फ़ाउंडेशन की ओर से गैर-सरकारी संगठनों, नागरिक समाज संगठनों तथा समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाले क्षेत्रों में काम कर रहे स्टार्ट-अप के बीच जागरूकता फैलाने के लिए किए जा रहे संगठित प्रयासों का हिस्सा है। भारत ने इस साल G20 की अध्यक्षता की है, और इसी बात को ध्यान में रखते हुए "G20 में भारत की अध्यक्षता - ग्रामीण विकास के लिए इसके क्या मायने हैं" के विषय पर इस संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस आयोजन में दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के कई गैर-सरकारी संगठन और नागरिक समाज संगठन शामिल हुए, साथ ही उन सभी ने राष्ट्र निर्माण में योगदान देने में सीएसआर की भूमिका से संबंधित विभिन्न मुद्दों और विषयों पर चर्चा और संवाद में भी सक्रिय रूप से भाग लिया। डॉ. सुधीर महाजन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ, ने स्वागत भाषण दिया, और उनके बाद एचसीएल-टेक के कार्यकारी उपाध्यक्ष, राज वालिया ने मुख्य भाषण प्रस्तुत किया। 
इस संगोष्ठी में प्रोफेसर डॉ. सुरेश कुमार, चिकित्सा निदेशक, लोक नायक अस्पताल; रवीन्द्र सिंह, सीईओ, दिव्यांगजनों के लिए कौशल परिषद; राहुल कुलश्रेष्ठ, रणनीतिक गठबंधन, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय; डॉ. अंजन कुमार भानजा, सह-प्राध्यापक एवं प्रमुख, पंचायती राज केंद्र, राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार; तथा डॉ. निधि पुंधीर, वाइस प्रेसिडेंट, ग्लोबल सीएसआर, एचसीएल फ़ाउंडेशन जैसे जाने-माने वक्ताओं की उपस्थिति में कई सत्रों और पैनल चर्चाओं का आयोजन किया गया। 

इस संगोष्ठी में निखिल पंत, सीएसआर सलाहकार एवं पूर्व मुख्य कार्यक्रम प्रबंधक, राष्ट्रीय सीएसआर फ़ाउंडेशन, भारतीय कॉर्पोरेट कार्य संस्थान, कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार, तथा CSRBOX के संस्थापक एवं सीईओ श्री भौमिक शाह की ओर से सीएसआर कानूनों और इसके संशोधनों पर एक मास्टरक्लास का आयोजन भी किया गया।

 एचसीएल फ़ाउंडेशन इस तरह की संगोष्ठियों के जरिए एनजीओ, सिविल सोसाइटी तथा समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाले संगठनों को एचसीएल-टेक ग्रांट के बारे में जानकारी देना चाहता है, जो भारत में किसी भी संस्थान की ओर से दिए जाने वाले सबसे प्रतिष्ठित अनुदानों में से एक है। स्वतंत्र, मजबूत और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से ग्रामीण विकास के क्षेत्र में आगे बढ़कर काम करने वाले एनजीओ को इस अनुदान से सम्मानित किया जाता है।

 शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण की श्रेणियों में तीन विजेताओं को अनुदान दिया जाता है, जिसके तहत प्रत्येक श्रेणी में चार साल की परियोजना के लिए 5 करोड़ रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा, प्रत्येक श्रेणी में अन्य दो उप-विजेताओं को एक साल की परियोजना के लिए ₹25 लाख का अनुदान दिया जाता है। नौवें संस्करण के लिए समर्पित कुल धनराशि ₹16.5 करोड़ है। एचसीएल-टेक ग्रांट 2022 के तहत पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा की श्रेणी में तीन एनजीओ— यानी प्लैनेटअर्थ, इनोवेटर्स इन हेल्थ (आईआईएच) इंडिया और मेघशाला ट्रस्ट को विजेता घोषित किया गया, और प्रत्येक को उनकी परियोजनाओं के लिए ₹5 करोड़ (लगभग $620,000) की राशि प्रदान की गई।

आठ साल पहले एचसीएल-टेक ग्रांट कार्यक्रम के शुभारंभ के बाद से लेकर आज तक, एचसीएल फ़ाउंडेशन ने एनजीओ को ₹130 करोड़ (लगभग $16 मिलियन) से अधिक का अनुदान दिया है, जिसका फायदा देश के 22 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के दूर-दराज के जिलों के 25,000 से अधिक गांवों में रहने वाले 1.8 मिलियन लाभार्थियों को मिल रहा है। फ़ाउंडेशन की ओर से 49 गैर-सरकारी संगठनों के साथ सफल भागीदारी की गई है, जिनमें से 21 गैर-सरकारी संगठनों में से प्रत्येक को 5 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है, जबकि 28 एनजीओ में से प्रत्येक को उनकी संबंधित परियोजनाओं के लिए 25 लाख रुपये प्रदान किए गए हैं।

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