जयपुर सेंटर ऑफ आर्ट एंड कल्चर : देश भर के मशहूर कलाकारों ने निहारी हिम्मत शाह की कलाकृतियाँ

० अशोक चतुर्वेदी ० 
जयपुर। जयपुर सेंटर ऑफ आर्ट एंड कल्चर (जेसीसीए) में अद्भुत कला संसार सजा। देश के विभिन्न इलाकों से आये 30 से अधिक जाने-माने कलाकार यहाँ मौजूद पेंटिंग्स और स्कलप्चर्स को निहारते नजर आये। मौका था जेसीसीए में लगने वाले लिविंग मास्टर हिम्मत शाह के शो 'अंडर दी मास्क' के इनॉग्रेशन सेरेमनी का। इस अवसर पर हिम्मत शाह पर आधारित किताब का विमोचन भी किया गया। हिम्मत शाह अपने जीवन के 90वें वर्ष को पूरा करने जा रहे हैं, 

इस जश्न पर देशभर के ख्यात कलाकार यहाँ जुटे। प्रदेश के गणमान्य लोग और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी इस जश्न में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। आधुनिक सुविधाओं से लैस सेंटर जेसीसीए के विधिवत उद्घाटन के साथ  सभी के लिए शो 'अंडर दी मास्क' की 31 अक्टूबर तक सुबह 11 से शाम 7 बजे तक चलने वाले इस शो में शिल्पकार व चित्रकार हिम्मत शाह की नायाब कलाकृतियां देखने को मिलेंगी।

अंडर दी मास्क में हिम्मत शाह का नवीनतम पेंटिंग संग्रह पहली बार देखने को मिलेगा। ये 300 कंटेंपररी पेंटिंग्स एक कलात्मक सफर को बयां करेंगी जो लिविंग मास्टर हिम्मत शाह ने कोरोना काल में तय किया है। खास बात यह है कि हिम्मत शाह के कुल 12 स्कल्पचर्स भी यहां प्रदर्शित किये गए हैं, इनमें से 2 स्कल्पचर्स डायमंड से बने हैं। शो में 'पोट्रेट ऑफ दी आर्टिस्ट' बायोग्राफी भी दिखायी जाएगी साथ ही। ज्योतिर्मय भट्टाचार्य ने शो का क्यूरेशन किया है। जेसीसीए डायरेक्टर मोनिका शारदा ने बताया कि राजस्थान में हिम्मत शाह जैसे लिविंग मास्टर का होना गर्व की बात है, कलाकारों को उनकी रचनाएं नयी दिशा देंगी।

जेसीसीए के आकाश में शनिवार को चमचमाने वाले कला जगत के सितारों की फेहरिस्त काफी लम्बी है। इनमें शामिल 84 वर्षीय श्री जोगेन चौधरी के रंगों की छाप विश्व स्तरीय कैनवास पर देखी जा सकती है। पद्मश्री रघु राय जिनका नाम फोटोग्राफी के क्षेत्र में बड़े अदब के साथ लिया जाता है। मशहूर प्रिंट मेकर और चित्रकार आरएम पलानीअप्पन मद्रास आर्ट मूवमेंट के महत्वपूर्ण कलाकारों में से एक हैं। एमएसयू बड़ौदा में फाइन आर्ट्स डिपार्टमेंट में पेंटिंग संकाय के प्रमुख इंद्रप्रमित रॉय विश्वभर में अब तक 16 एकल प्रदर्शनी आयोजित कर चुके हैं। पश्चिम बंगाल के चंद्र भट्टाचार्य अब तक 11 सोलो शो और 60 से अधिक समूह प्रदर्शनियों में हिस्सा ले चुके हैं। समीर आईच पिछले तीन दशकों से कैनवास पर रंगों से अपनी कल्पनाओं को साकार कर रहे हैं।

वसुंधरा तिवारी ब्रूटा ने अपने चित्रों में महिलाओं को मुख्य विषय के रूप में जगह दी है। छत्रपति दत्ता कोलकाता के गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ आर्ट एन्ड क्राफ्ट के प्रिंसिपल हैं। अतीन बसाक एक ऐसे चित्रकार है जिन्होंने पूर्व की मान्यताओं और जीवन शैली को कैनवास पर उतारने का काम किया है। इसी के साथ चित्रकार अमिताभा दास और कला भवन विश्वभार्ती यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रिंसिपल गौतम दास भी मौजूद रहे। ललित कला अकादमी के अध्यक्ष लक्ष्मण व्यास, कला समीक्षक प्रयाग शुक्ल, पद्मश्री एस शाकिर अली, विद्यासागर उपाध्याय, उषा पटेल, भवानी शंकर, पद्मश्री श्री गुलाबो ने भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

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