अब आन्दोलन जनता के बीच ले जाने की तैयारी

० आशा पटेल ० 
वाराणसी। अब"यह सिर्फ जमीन बचाने या सिर्फ बनारस की संस्कृति व विरासत के निशानों को बचाने का आन्दोलन नहीं है; बल्कि यह लोकतंत्र व भविष्य बचाने तथा आजादी के सपनों के नायकों के सपनों का भारत बनाने का आन्दोलन है. इस आन्दोलन को जन आन्दोलन में तब्दील कर देना है." "यदि हम गांधी - जेपी की वैचारिक विरासत को नहीं बचा पाएंगे तो आगे चलकर बनारस की विरासत के कई निशान मिटा दिए जायेंगे. हम ऐसा नहीं होने देंगे. "
सविनय अवज्ञा आन्दोलन के 47 वें हुई राजनीतिक दल प्रतिनिधियों की बैठक इस चेतावनी और संकल्प के साथ सम्पन्न हुई. इस मौके पर स्वर्गीय बाबू जगजीवन राम को उनके सर्वोदयी प्रयासों के लिए याद किया गया तथा श्रद्धांजलि अर्पित की गई. पूर्व विधायक अजय राय, निगम पार्षद वकार , किन्नर नेता सलमा आदि के अलावा सीपीआई माले, आम आदमी पार्टी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी समेत कई दलों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने साथ खड़े रहने का संकल्प दोहराया.

पूर्व सांसद राजेश मिश्रा ने सवाल उछाला कि यदि गुजरात के किसी छात्रावास में खाने का रेट बढ़ाने के खिलाफ लड़ाई सम्पूर्ण क्रांति आन्दोलन में तब्दील हो सकती है तो गांधी- जेपी विरासत बचाने की यह लड़ाई क्यों नहीं ?." इस प्रश्न के उत्तर पर सहमति और आन्दोलन को लोगों के बीच ले जाने की रणनीति बनी. सभी वर्गों को जोडा जाएगा. सोशल मीडिया पर उपस्थिति व आह्वान तेज किया जाएगा. सभी समर्थक राजनीतिक दल व सामाजिक संगठन वीडियो क्लिप जारी करेंगे. मामले को संसद के आगामी सत्र में उठवाया जाएगा.

तय हुआ कि 7 जुलाई को प्रधानमंत्री के वाराणसी आगमन के दिन सर्व सेवा संघ परिसर में प्रात: 10 बजे से 05 बजे तक उपवास होगा. प्रधानमंत्री से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा जाएगा. नहीं मिलने दिया गया तो शाम 04 बजे गंगा जी में विसर्जित कर दिया जाएगा. 9 जुलाई को सर्व सेवा संघ की सभी राज्य इकाइयां बैठक, उपवास करेंगी तथा प्रेस को अपना संकल्प जारी करेंगी. सर्व सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदन पाल ने बताया कि सभी सांसद, पार्टी नेतृत्व तथा रचनाधर्मी शक्तियों से अपील की जा रही है कि वे अन्याय के प्रतिकार में साथ आयें.

पूर्व विधायक अजय राय ने कहा - " गांधी विरासत को बचाना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है. अतः जब तक सर्व सेवा संघ परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो जाती, मैं नगर से बाहर नहीं जाऊंगा. " सीपीआई माले के मिठाई लाल ने बताया कि गरीबों की कई बस्तियां ढ़हा दी गई हैं. सीपीआई माले के कार्यालय को भी ढहाए जाने की तैयारी है. एकता बहन ने कहा कि भ्रष्टाचार, तानाशाही, शोषण, बलात्कार की प्रवृत्ति को नष्ट करना है तो गांधी विचार को जिंदा रखना होगा. गांधी विचार को जिंदा रखना है तो गांधी विरासत के प्रतीकों को बचाने की लड़ाई में हमें एकजुट रहना ही होगा.

आम आदमी पार्टी की शारदा टण्डन ने सरकार के दोहरे चरित्र पर प्रहार करते हुए कहा कि सरकार नाम महात्मा गांधी का लेती है और काम विपरित करती है. इसी पार्टी के देवकांत ने बनारस के भविष्य की लड़ाई में सबको साथ साथ आने का आह्वान किया. किन्नर समुदाय की अगुवा सलमा ने आजादी की लड़ाई में किन्नरों के योगदान की अलीगढ़ घटना का जिक्र करते हुए साथ खड़े रहने का संकल्प दोहराया. बैठक का संचालन नंदलाल मास्टर ने किया. आर्यशेखर ने गीतों से जोश भरा. इस मौके पर कई प्रमुख राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक, प्रोफेसर व गांधी विचारक मौजूद रहे.

अमेठी से अर्जुन पांडे, अरुण तिवारी, इलाहाबाद से आर्य शेखर, महोबा से अरविंद सिंह कुशवाहा, लखनऊ से आलोक सिंह, जागृति राही, सतनाम सिंह, विजय शंकर पांडे, राजेश्वर पटेल, संजीव सिंह, जीतेंद्र, विनोद कुशवाहा आदि लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए। सभा की अध्यक्षता वयोवृद्ध समाजवादी अजय शेखर और संचालन नंदलाल मास्टर ने किया। कार्यक्रम संयोजक राम धीरज ने आभार व्यक्त किया।

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