दिल्ली झिलमिल डाकघर में 1947 के विभाजन की विभीषिका प्रदर्शनी

० इरफ़ान राही ० 
नयी दिल्ली - सीलमपुर सबडिवीजन क्षेत्र के अंतर्गत झिलमिल डाकघर में आजादी से पूर्व 14 अगस्त को विभाजन की विभीषिका के विषय पर भारत और पाकिस्तान के विभाजन के दौरान हुई घटनाओं की एक सचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया ,जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में पधारे भारतीय डाक के पूर्व चीफ़ पोस्ट मास्टर दमनेश कुमार ने किया ।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में अस्सिटेंट सुपरीटेंडेंट सीलमपुर सबडिवीजन के अधिकारी मोहम्मद साजिद विसाल रहे । झिलमिल डाकघर के पोस्ट मास्टर त्रिलोक नेगी ने सभी आगंतुकों का फूल मालाओं से स्वागत किया। इस अवसर पर झिलमिल डाकघर के रिटायर्ड एपीएम मास्टर अलीशेर सैफ़ी ने अपने कार्यकाल का जिक्र करते हुए अपने अनुभव बयान किए जिसे लोगों ने बहुत पसंद किया।

स्वतंत्रता दिवस की सभी को मुबारकबाद पेश करते हुए मुख्य अतिथि दमनेश कुमार ने कहा कि हमारे देश की संस्कृति और भाईचारा ही हमारी ताक़त है मास्टर अलीशेर सैफ़ी मेरे भाई समान हैं वो मेरा बहुत सम्मान करते हैं और मैं उनका बहुत आदर करता हूं। उन्होंने कहा कि रिटायरमेंट के बाद भी मैं डाक विभाग को समर्पित हूं और डाक विभाग द्वारा जारी की गई स्कीमों को अपने स्तर पर प्रत्येक दिन समय देता हूं और लोगों तक डाकघर की स्कीम को लेकर जाता हूं ।

विशिष्ट अतिथि मोहम्मद साजिद विशाल ने इस प्रदर्शनी के बारे में बताया कि 1947 में भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान जो ग़दर की घटनाएं हुईं थीं जो त्रासदी हुई जिसमें हिंदुस्तान और पाकिस्तान के लाखों लोग मारे गए बेघर हुए और उनको तरह-तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा वह एक रूप से विभीषिका है और उस विभाजन की विभीषिका को आज तक हम महसूस करते हैं , भारतीय डाक विभाग यह चाहता है कि उस समय की जो कठिनाइयां हुई है और जो घटनाएं हुई थी जो कैमरे की कैद में आ गई , उस समय की कुछ अख़बारों की कटिंग भी हैं जिन्हें चित्र प्रदर्शनी द्वारा समाज को अवगत करा रहे हैं ताकि आने वाली पीढ़ी और मौजूदा लोग उसे समय के हालातो को समझ सके।

इस अवसर पर कवि इरफ़ान राही ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया। सभी वक्ताओं और अतिथियों को पौधे उपहार स्वरूप भेंट किए गए।  पुलिस के वरिष्ठ नागरिक फोरम तथा वरिष्ठ नागरिक जगतपुरी भगवती कल्याण समिति के प्रेसिडेंट चरण पाल सिंह एवं सतीश कुमार गुप्ता ,मनोहर सिंह रावत, राजेंद्र सिंह ,राधाकृष्ण उनियाल, विक्रम सिंह रावत ,राजेश चौहान, डाकघर से श्रीमती संगीता संजीव कुमार शर्मा और सिस्टम मैनेजर आकाश ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "

हस्तशिल्प आर्टीजंस के प्रमोशन हेतु हुआ फ्लो जयपुर चैप्टर का ' जयपुर आर्ट फेयर

“द ग्रेट इंडियन ट्रेवल बाजार 2024“ का आयोजन 5 से 7 मई जयपुर में

वाणी का डिक्टेटर – कबीर