श्रूस्बरी स्कूल यूके, भारत में स्थापित करेगा अपना पहला परिसर

० आनंद चौधरी ० 
नयी दिल्ली - जागरण सोशल वेलफेयर सोसाइटी के सहयोग से भोपाल में स्थापित करेगा अपना पहला शैक्षणिक परिसर। 471 साल पुराने श्रूस्बरी स्कूल, यूके की स्थापना रॉयल चार्टर द्वारा की गई थी, यह यूके का पहला पब्लिक स्कूल था। चार्ल्स डार्विन इसके सबसे प्रसिद्ध पूर्व छात्रों में से एक हैं। श्रूस्बरी स्कूल में नामांकन के लिए आवेदन जुलाई 2024 से शुरू हो जाएंगे। छात्र और अध्यापक अधिक जानकारी एवं प्रवेश प्रक्रिया के बारे में जानने के लिए स्कूल की ऑफिशियल वेबसाईट पर विज़िट कर सकते हैं।

 यूनाइटेड किंगडम की अन्तरार्ष्ट्रीय स्तर पर विख्यात अकादमिक संस्थान श्रूस्बरी स्कूल ने भारत में अपने पहले परिसर स्थापित करने के साथ विश्वस्तरीय शिक्षा को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को और अधिक मजबूत बना लिया है। यह परिसर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित है, जो यूके परिसर की तरह यहां भी भारत एवं दुनिया भर के छात्रों को शिक्षा का रोचक माहौल प्रदान करेगा। भारत में इस प्रतिष्ठित स्कूल की स्थापना के लिए 25 साल पुराने संगठन जागरण सोशल वेलफेयर सोसाइटी ने श्रूस्बरी यूके साथ साझेदारी की है।

श्रूस्बरी स्कूल यूके की स्थापना 1552 में रॉयल चार्टर, एडवर्ड 6 के द्वारा की गई थी, 470 सालों के दौरान इस स्कूल ने इंगलैण्ड के सर्वश्रेष्ठ पब्लिक स्कूलों में से एक के रूप में अपनी ख्याति को बनाए रखा है। भारत का यह परिसर यूके के बाहर छात्रों को लर्निंग के उत्कृष्ट अवसर उपलब्ध कराने की श्रूस्बरी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अकादमिक वर्ष 2025-26 से श्रूस्बरी इंटरनेशनल स्कूल के भारतीय परिसर का संचालन शुरू हो जाएगा, जो श्रूस्बरी स्कूल यूके जैसे अकादमिक मानकों, मूल्यों एवं समग्र दृष्टिकोण के साथ आने वाली पीढ़ियों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करेगा।

श्रूस्बरी इंडिया 11-18 वर्ष के छात्रों के लिए को-एजुकेशन बोर्डिंग स्कूल के रूप में डिज़ाइन किया गया है, इस स्कूल में 800 छात्रों को पढ़ाने की क्षमता है। यह मध्य भारत में 150 एकड़ में फैले सबसे बडे़ को-एजुकेकशन रेज़िडेन्शियल स्कूलों में से एक होगा। छात्र इंग्लिश नेशनल पाठ्यक्रम में पढ़ाई कर 9 और 10 सालों में कैम्ब्रिज इंटरनेशनल आईजीसीएसई परीक्षा दे सकेंगे और 12 एवं 13 साल के अंत में फाइनल परीक्षा के साथ ए लेवल कोर्स के लिए योग्य होंगे। यूके एवं भारतीय शिक्षा प्रणाली के सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं के संयोजन द्वारा स्कूल का पाठ्यक्रम सभी छात्रों को विविध एवं बेजोड़ अनुभव प्रदान करेगा।

 इस मौके पर श्रूस्बरी स्कूल, यूके के गवर्निंग चेयरपर्सन टिम हेनेस, भारत में श्रूसबरी स्कूल के प्रोमोटर्स जागरण सोशल वेलफेयर सोसाइटी से हरी मोहन गुप्ता और अभिषेक मोहन गुप्ता, श्रूस्बरी स्कूल, यूके के डायरेक्टर इंटरनेशन डेवलपमेन्ट डॉ. मघिन तमिलारसन ने एक पैनल चर्चा के माध्यम से अपने विचार प्रस्तुत किए। चर्चा का विषय थाः ‘विश्वस्तरीय नागरिकों को तैयार करनाः अन्तर्राष्ट्रीय स्कूली शिक्षा की चुनौतियां और अवसर’।

पैनल चर्चा के दौरान भारत एवं यूके के बीच शैक्षणिक संबंधों पर ज़ोर दिया गया और बताया गया कि किस तरह यह साझेदारी अध्यापन के आधुनिक तरीकों, अनुसंधान एवं संस्कृति के आदान-प्रदान को सुनिश्चित करेगी। इसके माध्यम से प्रतिभागियों को दोनों देशों के सांस्कृतिक विचारों को जानने का मौका मिलेगा, जिससे दोनों देशों में शैक्षणिक परिवेश मजबूत बनेगा। इस परिसर की स्थापना भारतीय छात्रों को अपने देश से दूर गए बिना बेहद प्रतिष्ठित ब्रिटिश शिक्षा हासिल करने का मौका देगी। इस पहल के माध्यम से श्रूस्बरी स्कूल ऐसे विश्वस्तरीय नागरिकों का निर्माण करना चाहता है, जो सांस्कृतिक विविधता को समझते हुए विश्वस्तरीय मामलों की समग्र सूझ-बूझ हासिल कर सकें।

श्रूस्बरी स्कूल,यूके के गवर्निंग चेयरपर्सन टिम हेनेस ने कहा, ‘‘श्रूस्बरी स्कूल की समृद्ध धरोहर में इस नए अध्याय की शुरूआत करते हुए हमें बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है। भारतीय परिसर की स्थापना के द्वारा हम अपनी शैक्षणिक धरोहर को विश्वस्तरीय समुदाय तथा युवा भारतीय छात्रों तक पहुंचा सकेंगे। अकादमिक उत्कृष्टता, समावेशन, विविधता एवं व्यक्तिगत विकास के लिए प्रतिबद्धता के साथ हम युवाओं को तेज़ी से विकसित होती इस दुनिया में सशक्त बनाना चाहते हैं।’

हरी मोहन गुप्ता, चेयरमैन गवर्निंग बॉडी, जागरण सोशल वेलफेयर सोसाइटी ने कहा, ‘‘हमें श्रूस्बरी स्कूल के साथ साझेदारी करते हुए हमें बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है, जो हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप सशक्त विश्वस्तरीय नागरिकों के निर्माण के लिए प्रयासरत है। इस साझेदारी के माध्यम से हम विश्वस्तरीय शिक्षा के अनुभव को भारत लाना चाहते हैं, जहां छात्र अकादमिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त बन सकें। श्रूस्बरी इंटरनेशनल स्कूल, इंडिया कैम्पस का लॉन्च हमारे देश के भावी लीडरों को आयाम देने की हमारी प्रतिबद्धता में उल्लेखनीय क्षण है।’

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