इफेक्टिव डिसीजन, एग्जिक्यूशन एवं ग्रोथ माइंडसेट अच्छे वकील की परिभाषा : डॉ. तोमर

० आशा पटेल ० 
जयपुर. निम्स स्कूल ऑफ़ लॉ, निम्स यूनिवर्सिटी राजस्थान जयपुर ने तीन दिवसीय मूट कोर्ट कम्पटीशन 2023 का समापन हुआ। इस समारोह में प्रतियोगिता के विशिष्ट अतिथि आर.एन. पांडे पूर्व न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा स्टारेक्स यूनिवर्सिटी, गुरुग्राम, हरियाणा को नेशनल मूट कोर्ट की विजेता व क्वांटम यूनिवर्सिटी, रूड़की, उत्तराखंड को उप-विजेता घोषित किया गया, यह आयोजन न केवल एक प्रतियोगिता के समाप्ति का प्रतीक है, 

बल्कि इन उभरते कानूनी दिग्गजों के लिए एक आशाजनक यात्रा की शुरुआत भी है, जो निस्संदेह कानूनी पेशे के भविष्य को आकार देने की क्षमता रखते हैं। निम्स विवि के चांसलर प्रोफेसर डॉ. बलवीर एस. तोमर ने पूरे भारत के ला संस्थानों से आए प्रतिभागियों से कहा कि यह तीन दिन प्रत्येक छात्र के लिए सुनहरे दिन रहे, जिसने अपने आप में भारतीय कानूनी प्रणाली का प्रतिनिधित्व किया है। यह समापन निष्कर्ष का पर्याय नहीं है, और यह आपके करियर में पहला कदम है।”

डॉ. तोमर ने युवा पीढ़ी से ‘इफेक्टिव डिसीजन, इफेक्टिव एग्जिक्यूशन, इफेक्टिव टाइम मैनेजमेंट व ग्रोथ माइंडसेट अपनाने के साथ साथ अमल करने का आग्रह किया। यह भी कहा की आप सभी में हम भारत के बेहतरीन न्यायधीश, न्यायमूर्ति, वकील, व लॉ प्रोफेशनल्स को देखते हैं, मुझे आशा है आप अपनी कानूनी शिक्षा का हमेशा भारत के विकास के लिए सदुपयोग करेंगे । उन्होंने सभी विजेताओं, उपविजेताओं व प्रतिभागियों को बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।

 समारोह के विशेष अतिथि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति आर. एन.पाण्डेय रहे, सम्मानित अतिथियों में पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति व आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल की न्यायिक सदस्य श्रीमती अंजना मिश्रा, माननीय कुलपति, चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, पटना, पूर्व न्यायाधीश- पटना उच्च न्यायालय- श्रीमती मृदुला मिश्रा व सम्माननीय अतिथियों में सुरेश चन्द्र श्रीमाली- वाईस-चेयरमैन, बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया व मैनेजिंग ट्रस्टी बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया (ट्रस्ट फर्स्ट), हेमन्त नाहटा- अधिवक्ता, राजस्थान उच्च न्यायालय,

.एस.एस. होरा- वरिष्ठ अधिवक्ता, राजस्थान उच्च न्यायालय व निदेशक- एस.एस. होरा एंड एसोसिएट्स, और इंडिया इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लीगल एजुकेशन एंड रिसर्च, गोवा के कुलपति, प्रो. आर. वेंकट राव- मौजूद रहे । सर्वश्रेष्ठ मेमोरियल राउंड फर्स्ट में सिम्बायोसिस लॉ स्कूल, नोएडा, दिल्ली एन.सी.आर, सर्वश्रेष्ठ मेमोरियल राउंड सेकंड में अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ उत्तर प्रदेश, सर्वश्रेष्ठ मेमोरियल सेमी- फाइनल राउंड अल-अजहर लॉ कॉलेज, थोडुपुझा, इडुक्की, केरल व मणिपाल विश्वविद्यालय, जयपुर, राजस्थान को सर्वश्रेष्ठ मेमोरियल फाइनल राउंड के लिए पुरस्कृत किया गया।

 कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी), भुबनेश्वर से की स्टूडेंट ख़ुशी को पहले राउंड के सर्वश्रेष्ठ वक्ता के रूप में, प्रणव माथुर, मणिपाल विश्वविद्यालय, जयपुर, राजस्थान को दुसरे राउंड के सर्वश्रेष्ठ वक्ता के रूप में, जुवेरिया काज़मी- क्वांटम यूनिवर्सिटी, रूड़की, उत्तराखंड को तीसरे राउंड के सर्वश्रेष्ठ वक्ता के रूप में व भव्या कुन्न्रा , स्टारेक्स यूनिवर्सिटी, गुरुग्राम, हरियाणा को फाइनल राउंड के सर्वश्रेष्ठ वक्ता के रूप में चुना गया।

वहीं रोहित कुमार यादव स्टारेक्स यूनिवर्सिटी, गुरूग्राम, हरियाणा को बेस्ट स्टूडेंट अधिवक्ता (मेल), फाइनल राउंड व भव्या कुन्न्रा, स्टारेक्स यूनिवर्सिटी, गुरुग्राम, हरियाणा को बेस्ट स्टूडेंट (फीमेल), फाइनल राउंड का विजता घोषित किया गया । यूनिवर्सिटी से विवादास्पद प्रस्ताव ने सभी कानूनी स्पेक्ट्रम के प्रतिभागियों के लिए एक रोमांचक चुनौती पेश की, और टीमों ने थोड़े समय के भीतर सराहनीय रूप से तैयारी की। अभ्यास में मूट प्रतियोगिता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए हेमंत नहाटा, अधिवक्ता, इलाहबाद हाई कोर्ट ने प्रतियोगियों के प्रयासों की सराहना की।

 नाहटा ने सफलता मंत्र देते हुए कहा की एक वकील कोई साधारण व्यक्ति नही होता, एक वकील एक्टिव माइंड होता है। आज हमें यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया ट्रस्ट (पर्ल फर्स्ट) के सहयोग से निम्स स्कूल ऑफ लॉ ने इस मिशन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। इंडिया इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लीगल एजुकेशन एंड रिसर्च, गोवा के कुलपति, प्रो. आर. वेंकट राव ने लॉ कम्युनिटी का उत्साह बढ़ाते हुए कहा की लॉ प्रोफेशन एकमात्र ऐसा प्रोफेशन है जो भारत के संविधान में संग्लित है, आपकी दुनिया संविधान के इर्द गिर्द होनी चाहिये, आप जो भी पढ़ रहे हैं, जो भी कर रहे हैं भारत की आत्मा ‘भारतीय संविधान’ को ध्यान में रख कर करें।

कानूनी के परिदृश्य’ पर टिप्पणी करते हुए पूर्व न्यायमूर्ति आर. एन पाण्डेय ने अपने संबोधन में कहा कि, कानून पुरे देश में शासन करता है, और हमेशा जिंदा रहता है। सुरेश चन्द्र श्रीमाली, वाईस चेयरमैन, बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया और बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया ट्रस्ट (पर्ल फर्स्ट) ने बी. सी.आई का महत्व बताया और कहा कि, “देश की कानून व्यवस्था आज एक नए आयाम छू रही है और इसके लिए बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया और यूनाइटेड किंगडम बार काउंसिल ने लॉ एजुकेशन एक्सचेंज प्रोग्राम अकादमिक किया।

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