37वाँ महान गुरमत समागम "बोले सो निहाल के जयकारों के साथ समाप्ति "

० आशा पटेल ० 
जयपुर । गुरूद्वारा श्री गुरु नानक सिख सभा हीदा की मोरी जयपुर में 37वें महान गुरमत सहागम के तीसरे दिन भाई सुरेन्द्र सिंह, हजुरी रागी, श्री दरबार साहेब, अमृतसर द्वारा आसा दी वार के पाठ किया और साथ-साथ “माधो सतसंगत सरण तुम्हारी" एवं "अमृत की सार सोई जाने", "गुर रामदास जयो जय” शब्द गाकर संगत को निहाल किया ।
इसके बाद भाई किशोरजीत सिंह, हजुरी रागी जत्था, गुरूद्वारा हीदा की मोरी ने कीर्तन किया। उपरान्त भाई चरणजीत सिंह हीरा ने " तूं तूं करता तू हुआ, मुझमें रहा न हूं”, “सदा रंगीला लाल प्यारा, एहो महिंजा आसरा," "मेरे लाल जीओ तेरा अंत न जाना, तूं जल थल महियल भरपूर लीना, तूं आपे सर्ब समाना' शब्द गाये । इनके बाद सिंह साहिब भाई राजदीप सिंह, ग्रन्थी हजुरी रागी दरबार साहेब अपने कथा विचार से गुरू की बाणी के बारे में बताया इनके बाद भाई अमनदीप
सिंह, हजुरी रागी, दरबार साहेब ने "तू सतगुर चहु जुग आपि आपे पर मेसरू", "मिट बोलड़ा जी हरि सजणु सुआमि मेरा" एवं " नैण महिंजे तरसदे कदि पस दीदारू” शब्द गाकर संगत को निहाल किया। भाई जसविन्दर सिंह, टैक्सला टीवी वालों ने "हम अवगुण भरे एक गुण नाही', "आगिआ भई अकाल की", "हम अवगुण भरै एक गुण  ”, एवं “कोई बोले राम-राम, कोई खुदाये" शबद गाये । भाई जसविन्दर सिंह, अमृतसर वालों ने "सास - सास सिमरो गोबिन्द”, “सावल सुन्दर रामईया मेरा मनु लाला तोहि", "पूता माता क आसीस" शबद गाकर संगत को गुरू से जोड़ा। 

 मनप्रीत सिंह कानपुरी ने "तुम मन वसै तो दुख ना लागे", "हर गुर नानक जिन परसियो तिन सब कुल कियो उधार" अपने रब्बी कीर्तन व कथा-विचार से साध-संगत को गुरचरणों से जोड़ा और बीच-बीच वाहेगुरू वाहेगुरू का जाप किया श्री सुच्चा सिंह, प्रधान गुरूद्वारा हीदा की मोरी ने बताया कि समागम में तकरीबन 40 हजार श्रद्धालुओं ने मथा टेका। 

इसके अलावा लगभग 500 सेवादारों ने सेवा की। श्री जोगेन्द्र सिंह ने बताया कि समागम के अन्त में श्री गुरूग्रन्थ साहेब के स्वरूप को पंज प्यारों की अगुवाही में नगर कीर्तन के रूप में बैण्ड बाजे के साथ गुरूद्वारे साहेब में ले जाकर विराजमान किया। नगर कीर्तन में वाहेगुरू वाहेगुरू का जाप और बोले सो निहाल के जयकारे बोले गयेसाथ ही फूलों की वर्षा भी कई गई।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "

हस्तशिल्प आर्टीजंस के प्रमोशन हेतु हुआ फ्लो जयपुर चैप्टर का ' जयपुर आर्ट फेयर

“द ग्रेट इंडियन ट्रेवल बाजार 2024“ का आयोजन 5 से 7 मई जयपुर में

वाणी का डिक्टेटर – कबीर