हिंदी की लिपि–देवनागरी, विश्व की सबसे वैज्ञानिक लिपियों में से एक है

० ज्योति पवार ० 
 नयी दिल्ली - श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में इस वर्ष भी हिंदी सप्ताह बहुत धूमधाम से मनाया गया| हिंदी साहित्य सभा के अंतर्गत कार्यरत 'विचारक' मंच की गोष्ठी का आयोजन किया गया| इसका विषय था - 'मेरी हिंदी, मेरी शान, इससे है मेरी पहचान|' इस गोष्ठी में श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के विद्यार्थियों के साथ-साथ प्राध्यापकों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया| कार्यक्रम के प्रारंभ में हिंदी विभाग के प्रभारी प्रोफेसर रवि शर्मा ने बताया, "'विचारक' मंच का गठन एक विशेष उद्देश्य से सन् 2010 में किया गया था|
इसमें उन विद्यार्थियों और शिक्षकों को विशेष रूप से अपनी बात हिंदी में कहने का अवसर दिया जाता है, जिन्हें मंच पर हिंदी में बोलने के कम अवसर मिलते हैं| इसके अंतर्गत अभी तक अनेक गोष्ठियों का आयोजन हो चुका है इसलिए इसका विषय भी हिंदी से संबंधित ही रखा गया है|" प्रोफेसर रवि शर्मा ने संक्षेप में हिंदी से संबंधित कुछ महत्त्वपूर्ण बातें बताईं और उसके बाद विचारक मंच के संस्थापकों में से एक प्रो. ऋतुरंजन को अपने विचार व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया| 
अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर ऋतुरंजन ने हिंदी के प्रति अपने लगाव और समर्पण के प्रतीक रूप में कहा कि हिंदी का किसी भाषा से बैर नहीं है| यह बहुत उदार भाषा है, जो सभी भाषाओं को अपने में समाहित करके चलती है| हिंदी हमारी रगों में बहती है, इसलिए हमें हिंदी अपनाने में गर्व होना चाहिए| इस अवसर पर हिंदी साहित्य सभा से जुड़े अनेक विद्यार्थियों ने अपने विचार व्यक्त किए और हिंदी के द्वारा प्राप्त आत्मविश्वास का उल्लेख किया| 
शिक्षकों में वाणिज्य विभाग की डॉ. निकुंज अग्रवाल तथा हिंदी विभाग के डॉ. सुनीत कुमार, डॉ. निधि मिश्रा, ज्योति पवार एवं साक्षी जोशी ने अपने विचार व्यक्त किए| प्रो. रवि शर्मा ने 'हिंद देश के वासी हम सब, हिंदी अपनी भाषा.....' गीत की प्रस्तुति द्वारा कार्यक्रम का सरस समापन किया| हिंदी साहित्य सभा द्वारा 'स्वभाषा हस्ताक्षर अभियान' चलाया गया| इसके अंतर्गत कॉलेज के विभिन्न विद्यार्थियों और शिक्षकों ने अपनी-अपनी भाषा में हस्ताक्षर करके इस अभियान को सफल बनाया|

 हिंदी अकादमी द्वारा श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के हिंदी विभाग के साथ मिलकर एक महत्त्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया गया| इस संगोष्ठी का विषय था - 'शुद्ध हिंदी : लेखन एवं उच्चारण'| कार्यक्रम में आने वाले सभी अतिथियों, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों का स्वागत हिंदी साहित्य सभा के सदस्यों ने तिलक लगाकर किया।  हिंदी अकादमी के उपसचिव ऋषि कुमार शर्मा ने एक-एक कर संगोष्ठी में आए अतिथियों का परिचय देते हुए उन्हे मंच पर आमंत्रित किया और पौधा देकर उनका स्वागत किया| 

 श्री राम कॉलेज में हिंदी विभाग के प्रभारी प्रो. रवि शर्मा ने कार्यक्रम में आए अतिथियों का अभिनंदन किया और 95 वर्ष पूर्व गठित श्री राम कॉलेज की हिंदी साहित्य सभा के इतिहास पर प्रकाश डाला| उन्होंने सभा द्वारा हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों के बारे मे भी बताया। संगोष्ठी के विषय का महत्त्व स्पष्ट करते हुए उन्होंने सभी शिक्षा संस्थाओं में इस विषय पर सतत कार्यशालाओं की आवश्यकता पर जोर दिया| इसके पश्चात् कार्यवाहक प्राचार्या प्रो. दीपाश्री ने अपने मधुर शब्दों से अतिथियों का स्वागत करते हुए उनका आभार व्यक्त किया और संगोष्ठी में आए विद्यार्थियों, शोधार्थियों और शिक्षकों का उत्साहवर्धन किया।

हिंदी अकादमी के सचिव संजय कुमार गर्ग ने संगोष्ठी के विषय में अपने महत्त्वपूर्ण विचार रखे। उन्होंने ‘शुद्ध हिंदी : उच्चारण और लेखन’ में अच्छे साहित्य के योगदान पर प्रकाश डालते हुए इस बात पर विशेष बल दिया कि हिंदी के शुद्ध प्रयोग के लिए हिंदी साहित्य पढ़ना और पढ़ाया जाना चाहिए| इसके बाद जाने-माने पत्रकार प्रदीप कुमार शर्मा ने हिंदी भाषा के शुद्ध लेखन और उच्चारण पर अपने विचार प्रकट किए । उन्होंने शुद्ध हिंदी लेखन एवं उच्चारण को एक-दूसरे का पूरक कहा| इसके साथ ही उन्होंने हिंदी भाषा में होने वाले अशुद्ध प्रयोगों की ओर श्रोताओं का ध्यान दिलाया|

प्रख्यात पत्रकार एवं कमंटेटर प्रदीप शर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा कि हमें इस बात पर गर्व होना चाहिए कि हिंदी की लिपि – देवनागरी, विश्व की सबसे वैज्ञानिक लिपियों में से एक है। उन्होंने उदाहरण देकर टेलीविजन के विभिन्न कार्यक्रमों और हिंदी फिल्मों में हिंदी भाषा के अशुद्ध प्रयोग पर चिंता व्यक्त की और इसके प्रति जागरूक होने की आवश्यकता पर बल दिया|

इसके पश्चात् भाषाविद् प्रो. रवि शर्मा ने अपने वक्तव्य में भारत में हिंदी के अशुद्ध प्रयोग की समस्या की ओर सबका ध्यान आकर्षित किया| प्रो. रवि शर्मा ने कहा कि सभी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों में यह सजगता होनी चाहिए कि वे हिंदी का शुद्ध उच्चारण एवं लेखन कर सकें| सभी को इसके लिए जागरूक करना हमारा दायित्व है| प्रो. रवि शर्मा ने श्रुतलेखन के माध्यम से हिंदी शब्दों और वाक्यों के लिखने और बोलने में होने वाली अशुद्धियों को समझाने का स्तुत्य प्रयास किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भाषाविद् डॉ. विजय दत्त शर्मा ने कहा,”हिंदी के अशुद्ध उच्चारण एवं लेखन को लेकर हम भाषाविद् अत्यंत चिंतित रहते हैं कि जैसी हिंदी की कल्पना हम कर रहे हैं, ऐसी हिंदी कुछ ही लोग प्रयोग करते हैं| अधिकतर लोग अशुद्ध हिंदी लेखन एवं उच्चारण करते मिल जाते हैं| इसके लिए हमें भाषा विज्ञान जैसे विषय की उचित जानकारी होनी चाहिए| यह अत्यंत आवश्यक है कि हम हिंदी भाषा का अशुद्ध प्रयोग न करें| इसके लिए हमें यह प्रयास करना होगा कि हम उच्चारण और लेखन में होने वाली अशुद्धियों से परिचित हो, ताकि इनमें सुधार कर सकें|” उन्होंने भारत की भाषायी विकलांगता पर दुःख व्यक्त करते हुए इसके समाधान हेतु अनेक सुझाव दिए|

कार्यक्रम के अंतिम चरण में हिंदी साहित्य सभा के सदस्यों एवं हिंदी विभाग के शिक्षकों ने सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट किए| हिंदी अकादमी के उपसचिव ऋषि कुमार जी ने सभी अतिथियों, श्री राम कॉलेज के हिंदी विभाग और हिंदी साहित्य सभा के प्रभारी प्रोफेसर रवि शर्मा और अन्य सदस्यों, शिक्षकों, विद्यार्थियों, शोधार्थियों का धन्यवाद एवं हृदय से आभार अभिव्यक्त किया। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी को हार्दिक बधाई दी| 

संगोष्ठी में सर्वश्री जगदीश कुमार, (सहायक सचिव, हिंदी अकादमी), सुनील विज (सेवानिवृत्त, उपनिदेशक, राजभाषा), डॉ. सुधा शर्मा ‘पुष्प’ (वरिष्ठ शिक्षाविद एवं बाल साहित्यकार), श्रीमती सरिता गुप्ता (वरिष्ठ हिंदी शिक्षिका एवं कवयित्री), डॉ. राजकुमारी शर्मा, डॉ. सुनीत कुमार, डॉ. निधि मिश्रा, ज्योति पवार, राकेश कुमार, मोहिनी दीक्षित, कल्याण कुमार, सुधीर कुमार सहित बड़ी संख्या में हिंदी प्रेमी उपस्थित थे|

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