हिन्दी पखवाड़ा के अन्तर्गत राजभाषा ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन

० योगेश भट्ट ० 
नयी दिल्ली । 
आम जीवन में हिन्दी के प्रयोग ,उसकी लोकप्रियता तथा शुद्धता की दृष्टि से ऐसे आयोजनों से प्रोत्साहन मिलेगा । इसके प्रोत्साहन के लिए प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कार विजेताओं को क्रमशः पांच हजार (5000/-) ,चार हजार (4000/-)तथा तीन हजार (3000/-) नगद राशि भी दी जाएगी । साथ ही साथ दो प्रोत्साहन पुरस्कार भी एक हज़ार (1000/-) दिये जाएंगे । केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली के सभा भवन में हिन्दी पखवाड़ा के आयोजन के अन्तर्गत राजभाषा ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । इस प्रतियोगिता में सीएसयू , दिल्ली मुख्यालय के साथ साथ देश में अवस्थित इसके सभी परिसरों के कर्मचारियों तथा अधिकारियों ने भाग लिया ।

 इसमें हिन्दी के विषय में सामान्य ज्ञान तथा भाषा की जानकारी के लिए वस्तुनिष्ठ ,लघु तथा दीर्घ उत्तरीय प्रश्न पूछे गये थे । इस प्रश्न पत्र को औन लाईन माध्यम से देश के सभी परिसरों को पूर्व सूचित तथा निर्धारित समय पर प्रेषित किया गया । प्रतिभागियों से अनेक प्रश्नों के अतिरिक्त राजभाषा की दृष्टि से राज्यों तथा राज्यों को 'क' 'ख' 'ग' क्रम में लिखने के लिए पूछा गया । उसी प्रकार तिमाही रिपोर्ट को लेकर भी प्रश्न पूछे गये ।साथ ही साथ अंकों को शब्दों में लिखने से भी जुड़े प्रश्न थे ।

बनमाली बिश्बाल ,डीन अकादमी तथा छात्र कल्याण ने कहा है कुलपति के मार्गदर्शन में यह विश्वविद्यालय संस्कृत के साथ साथ हिन्दी के प्रचार प्रसार में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है । प्रो मधुकेश्वर भट्ट , निदेशक , कार्यक्रम ने भी बताया है कि कार्यालय स्तर पर हिन्दी के प्रचार प्रसार के लिए कुलपति के मार्गदर्शन में अनेक सार्थक पहल हुए हैं । कुलसचिव प्रो रणजित कुमार बर्मन् ने कहा कि राजभाषा का संबर्धन राष्ट्र का विकास है । डा विजय दाधीच ने संगणक से जुड़े प्रश्नों को सभी प्रतिभागियों तक समय पर प्रेषित कर प्रतियोगिता को सुचालित किया ।

 इसमें प्रशासन विभाग के तकनीकी सहायता  सूरज ने भी सहयोग दिया । 14 - 29 सितम्बर तक आयोजित हो रहे हिन्दी उत्सव में कार्यक्रम का संचालन अकादमी विभाग के उपनिदेशक डा देवानन्द शुक्ल तथा राजभाषा सलाहकार अरुण कुमार 'विद्यार्थी ' की देख देख में संपन्न हुआ। 

टिप्पणियाँ

हिंदी हित में यह अत्यंत सराहनीय प्रयास है। आयोजक मंडल को हार्दिक बधाई। प्रो रवि शर्मा 'मधुप', हिंदी विभाग, श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली विश्वविद्यालय

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