रिलायंस फाउंडेशन ओलंपिक मूल्यों के अनुरूप काम कर रहा है : थॉमस बाख

० संवाददाता द्वारा ० 
मुंबई :
“अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की मेरी सहयोगी और मित्र नीता अंबानी के साथ मैंने रिलायंस फाउंडेशन का दौरा किया और वहां बच्चों और युवाओं के लिए चल रहे खेल और शिक्षा से संबंधित कार्यक्रम देखे। मैं वास्तव में रिलायंस और उसकी टीम से बहुत प्रभावित हूं क्योंकि इस केंद्र में पूरे भारत के बच्चों को देखा जा सकता है। इनमें से अधिकांश वंचित परिवारों से आते हैं। यहां उन्हें स्कूली शिक्षा के साथ एक उच्च स्तरीय एथलीट बनने के लिए प्रशिक्षण और तैयारियों का अवसर भी दिया जाता है।
आईओसी के प्रेसिडेंट थॉमस बाख ने नीता अंबानी और रिलायंस फाउंडेशन के काम की सराहना की। वह मुंबई में चल रही आईओसी एग्जीक्यूटिव बोर्ड की मीटिंग के उद्धाटन पर बोल रहे थे। बाख ने कहा कि नवी मुंबई में रिलायंस फाउंडेशन यंग चैंप्स अकादमी के दौरे पर उन्होंने जो देखा, उससे वे बेहद प्रभावित हुए हैं।

बाख विशेष रूप से रिलायंस फाउंडेशन और इसकी चेयरपर्सन और आईओसी सदस्य श्रीमती अंबानी के ओलंपिक मूल्यों के अनुसार किए जा रहे काम से बेहद खुश थे, उनके अनुसार नीता अंबानी का काम ओलंपिक मूल्यों का सटीक प्रतिबिंब है। उन्होंने आगे कहा आईओसी में मेरी साथी भारत में खेलों के लिए अच्छा काम कर रही हैं।

बाख ने आगे कहा कि “रिलायंस फाउंडेशन का काम कुछ ऐसा है जो वास्तव में हमारे ओलंपिक मूल्यों और दृष्टि को दर्शाता है। इतने बड़े पैमाने पर इस काम देखना और किया जाना और वह भी एक निजी संस्था रिलायंस फाउंडेशन द्वारा किया जाना वास्तव में प्रभावशाली है। नीता अंबानी द्वारा निर्देशित यह काम, भारत में खेल के भविष्य के लिए और ओलंपिक में खेले जाने वाले खेलों के लिए भी बहुत उत्साहजनक है।”

 इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (आईओसी) ने ओलंपिक संग्रहालय के साथ मिलकर भारत में ओलंपिक मूल्य शिक्षा कार्यक्रम (ओवीईपी) की सफलता के लिए रिलायंस फाउंडेशन के साथ गठबंधन किया था और एक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह समझौता युवाओं के बीच खेल के माध्यम से ओलंपिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए संगठनों की साझा प्राथमिकता को रेखांकित करता है।

नए सहयोग पर आईओसी प्रेसिडेंट थॉमस बाख और भारत में आईओसी सदस्य और रिलायंस फाउंडेशन की फाउंडर चेयरपर्सन नीता अंबानी ने मुंबई में रिलायंस फाउंडेशन यंग चैंप्स (आरएफवाईसी) फुटबॉल अकादमी की यात्रा के दौरान इस पर सहमति व्यक्त की थी। इसका भी उल्लेख प्रसिडेंट बाख ने अपने उद्घाटन भाषण में किया।

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