'फ्रीडम ऑफ प्रेस' पर विचार गोष्ठी तथा वरिष्ठ पत्रकारों का सम्मान

० योगेश भट्ट ० 
नयी दिल्ली - राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया एवं एक्रिडिटेड जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा आयोजित 'प्रेस की स्वतंत्रता' (फ्रीडम ऑफ प्रेस) विषय पर विचार गोष्ठी व पत्रकार सम्मान समारोह का आयोजन प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में किया गया। इस गोष्ठी में बड़ी संख्या में प्रिन्ट, इलेक्ट्रॉनिक व डिजिटल मीडिया से जुड़े पत्रकार शामिल हुए।
विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अनन्त नाथ, द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन व शीला दीक्षित की दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री रमाकांत गोस्वामी शामिल हुए। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष गौतम लहिरी ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार इरा झा, विवेक शुक्ला, ललित वत्स एवं सीनियर फोटोग्राफर कमलजीत सिंह को स्मृति चिन्ह व शॉल देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर एक्रिडिटेड जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा प्रकाशित वार्षिक पत्रिका का विमोचन भी किया गया।
पत्रकार गोष्ठी में वक्ताओं ने वर्तमान दौर में पत्रकारिता में चुनौतियां व मीडिया की बदलती भूमिका पर जमकर चर्चा की। वहीं स्वतंत्रता के बाद पत्रकारों, सरकारों व सियासतदानों के रिश्तों में उतार चढ़ाव, खींचतान व उसका देश व समाज पर पड़ने वाले प्रभाव व प्रेस की आजादी पर वक्ताओं ने अपने अपने विचार रखे। इस अवसर पर बोलते हुए, 'द वायर' के संस्थापक संपादक, सिद्धार्थ वरदराजन ने कहा कि मौजूदा शासन के दौरान दुर्भाग्य से वरिष्ठ संपादक, रिपोर्टर, यूट्यूबर और यहां तक कि स्टिंग करने वाले भी अपनी कहानियां दर्ज करने के लिए अत्यधिक आशंका और भय में हैं।
 द वायर के संस्थापक संपादक मृणाल पांडे, राज दीप सरदेसाई और विनोद दुआ जैसे वरिष्ठ पत्रकारों के खिलाफ देशद्रोह के आरोप लगाए जाने पर अपनी गहरी नाराजगी, गुस्सा और निराशा व्यक्त करते हुए, जिन्होंने लंबे आंदोलन और कोविड 19 महामारी के दौरान किसानों की समस्याओं को पारदर्शी रूप से उजागर किया था। कहा कि अब इस तरह के उत्पीड़न और मीडिया की स्वतंत्रता का गला घोंटने के बारे में लिखने का समय आ गया है। मीडिया की स्वतंत्रता और संपादकों से लेकर जमीनी स्तर पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों पर लगातार हो रहे हमले की कड़ी निंदा करते हुए, 

 वरदराजन ने कहा कि समय आ गया है कि वैचारिक संबद्धताओं और मतभेदों के बावजूद एकजुट होकर चल रहे उत्पीड़न का दृढ़ता से और एकजुट होकर मुकाबला किया जाए। उन्होंने मीडिया बिरादरी से आग्रह किया कि वे सत्ता में बैठे लोगों और लगातार राज्य सरकारों के गलत इरादों को कुचलने और उनका मुकाबला करने के लिए एकजुटता से खड़े हों, जो मीडिया, स्वतंत्रता और पत्रकारिता के अधिकारों को कुचलने पर आमादा हैं।

एक्रेडिटेड जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय शंकर चतुर्वेदी ने कार्यक्रम में सम्मिलित सभी पत्रकारों को राष्ट्रीय प्रेस दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि समाज व राष्ट्र की प्रगति में पत्रकारों की भूमिका बहुत अहम है लिहाजा समय-समय पर हमें अपनी भूमिका पर विचार मंथन करते रहना चाहिए। एसोसिएशन के महासचिव कोडले चनप्पा ने लघु एवं मध्यम वर्ग के समाचार पत्रों को आने वाली समस्याओं के बारे में विस्तार से चर्चा की और इन समस्याओं से समाधान के लिए सरकार से अपील की।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "

“द ग्रेट इंडियन ट्रेवल बाजार 2024“ का आयोजन 5 से 7 मई जयपुर में

हस्तशिल्प आर्टीजंस के प्रमोशन हेतु हुआ फ्लो जयपुर चैप्टर का ' जयपुर आर्ट फेयर

इशरे का बिल्डिंग सेक्टर में स्थिरता को बनाये रखने हेतु हुआ सम्मेलन