डॉ. बीआरसी की पुस्तक 'द सर्केडियन डॉक्टर' का विमोचन

० योगेश भट्ट ० 
नई दिल्ली : हिम्स के संस्थापक, आचार्य मनीष ने आयुर्वेद की अविश्वसनीय उपचार क्षमता के बारे में शंकाओं को दूर करते हुए और आशा जगाते हुए, कैंसर, लिवर फेल, किडनी फेल और थैलेसीमिया जैसे जटिल रोगों के इलाज में आयुर्वेद की प्रभावशीलता को सामने रखा।  डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी ने अपनी पुस्तक - द सर्केडियन डॉक्टर का अनावरण किया, जो समग्र स्वास्थ्य के लिए नज़रिया पेश करती है। 

कार्यक्रम ने न केवल आयुर्वेद की जीत का जश्न मनाया, बल्कि स्वास्थ्य और जीवन शक्ति के लिए वैकल्पिक रास्ते तलाशने वालों को आशा की एक किरण भी दिखाई। इसके साथ ही वहां आपात स्थिति से निपटने और दर्द प्रबंधन के लिए वासो-स्टिम्यूलेशन थेरेपी भी पेश की गई।

 "द सर्केडियन डॉक्टर सिर्फ एक किताब नहीं है; यह हमारे स्वास्थ्य के प्रति दृष्टिकोण में एक आदर्श बदलाव है। अपने शरीर की प्राकृतिक लय को समझ कर और उसके साथ तालमेल बिठाकर, हम पुरानी बीमारियों को रोकने और उलटने के लिए खुद को सशक्त बना सकते हैं। द सर्केडियन डॉक्टर किताब बॉडी क्लॉक के महत्व पर प्रकाश डालती है, जो स्वास्थ्य को नियंत्रित करने वाली एक समयबद्ध मानवीय घटना है। 

डॉ. बीआरसी ने जोर देकर कहा कि सर्केडियन क्लॉक को सही करके लाइफटायल से जुड़े रोगों को रोकने व उलटने में मदद मिल सकती है। आचार्य मनीष ने कहा, "हिम्स आयुर्वेद में हम शरीर की जन्मजात उपचार शक्ति में विश्वास करते हैं। प्राचीन आयुर्वेदिक ज्ञान को आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के साथ जोड़कर, विभिन्न प्रकार की बीमारियों के इलाज में हमारी एप्रोच सफल रही है। इससे आशा जगती है कि हमारे मरीज़ स्वस्थ रहेंगे।"

कार्यक्रम में, डॉक्टरों और मरीजों ने किडनी, कैंसर, लिवर, मधुमेह, बीपी और हृदय रोगों को उलटने में हिम्स की सफलता की पुष्टि की। आचार्य मनीष ने रोगों से लड़ने के लिए शरीर की आंतरिक शक्ति बढ़ाने पर जोर दिया। हिम्स में विविध एप्रोच से बीमारियों का इलाज होता है, जिसमें आयुर्वेद, एलोपैथी, यूनानी, प्राकृतिक चिकित्सा, होम्योपैथी आदि शामिल हैं। 

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